मध्य प्रदेश सरकार ने डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने सरकारी कार्यालय में पुराने तरीके से डाकिया भेजने का काम खत्म कर दिया है। अब सभी सरकारी पत्राचार ई-मेल के माध्यम से किए जाएंगे। ई-ऑफिस व्यवस्था के तहत ई-मेल पर आए पत्र स्वीकार किए जाएंगे। यह बड़ा बदलाव मंत्रालय और विभागाध्यक्ष ऑफिसों में लागू किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस नई ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत की है, जिससे कागज की खपत कम होगी और सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी। यह कदम सरकारी कर्मचारियों और जनता के लिए सुविधा प्रदान करेगा।
सरकारी कार्यालयों में डाकिए का काम बंद
मध्य प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में अब डाकिए की आवश्यकता नहीं रहेगी। ई-ऑफिस व्यवस्था में अब जिलों से आने वाले पत्रवाहक या डाकिए का काम खत्म कर दिया गया है। अब ई-ऑफिस के माध्यम से लेटर या हार्ड कॉपी से स्थान पर ई-मेल पर आए पत्र ही स्वीकार किए जाएंगे। साथ ही इनका निराकरण भी ऑनलाइन किया जाएगा। ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर में ई-डाक के लिए हर विभाग में अलग से व्यवस्था की गई है।
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सीएम मोहन ने किया था ई-ऑफिस का शुभारंभ
दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनवरी 2025 में इस नई ई-ऑफिस क्रियान्वयन प्रणाली का शुभारंभ किया था। मुख्यमंत्री ने इस नई व्यवस्था को लागू करते हुए कहा कि इससे आम जनता को भी राहत मिलेगी, क्योंकि यह प्रक्रिया न केवल तेज होगी, बल्कि अधिक प्रभावी भी होगी। अब सभी विभागीय और अंतर विभागीय पत्राचार ई-मेल के माध्यम से किए जाएंगे। इस बदलाव के बाद, किसी भी विभाग को अब कागज या हार्ड कॉपी की आवश्यकता नहीं होगी।
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अब हार्ड कॉपी की जरूरत नहीं
ई-ऑफिस प्रणाली में कागज और प्रिंटर के खर्च की बचत होगी। इससे हार्ड कॉपी की जरूरी नहीं होगी। ई-ऑफिस प्रणाली का उद्देश्य न केवल कागज की बचत करना है, बल्कि सरकारी कामकाज को तेजी से और अधिक पारदर्शी बनाना भी है। अब सभी कार्य ऑनलाइन ही होंगे, और निराकरण भी ई-ऑफिस के जरिए होगा। साथ ही डाक के जरिए होने वाले यात्रा भत्ते की भी बचत होगी। ई-ऑफिस सॉफ्टवेयर में ई-डाक के लिए हर विभाग में सुविधा की गई है।
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अधिकारियों और कर्मचारियों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण
इस ऑनलाइन प्रणाली के लागू होने से सरकारी कार्यों में तीव्रता आएगी, और विभिन्न प्रकार के आवेदन जैसे यात्रा अनुमोदन, वेतन पत्रक, और जनहित की शिकायतों का निराकरण भी ई-ऑफिस के माध्यम से किया जाएगा। प्रचलित नस्तियों के स्थान पर विभागों के कार्य ई-ऑफिस के माध्यम से होंगे। इसके लिए विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी गई है।
ई-ऑफिस के लिए नियम
इधर, मुख्य सचिव कार्यालय में ई-ऑफिस से सभी कार्य ऑनलाइन किए गए हैं। इस कार्य की प्रगति को लेकर मुख्य सचिव स्तर पर सप्ताह में समीक्षा भी की जाती है। अब ई-मेल के माध्यम से ही राज्य शासन के समस्त विभागीय और अंतर विभागीय स्तर पर सामान्य पत्राचार किया जाएगा। साथ ही अवकाश आवेदन और अनुमोदन यदि मेल पर नहीं लिया गया तो सैलरी में कटौती की जाएगी। इस प्रणाली के तहत यदि कोई पत्र डिजिटल हस्ताक्षर से भेजना आवश्यक है तो वह भी ई-मेल के माध्यम से ही भेजा जाएगा।
इस ऑनलाइन प्रणाली के लागू होने से सरकारी कार्यों में तीव्रता आएगी, और विभिन्न प्रकार के आवेदन जैसे यात्रा अनुमोदन, वेतन पत्रक, और जनहित की शिकायतों का निराकरण भी ई-ऑफिस के माध्यम से किया जाएगा।
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5 मुख्य बिंदुओं से समझें पूरा मामला
✅ ई-ऑफिस प्रणाली: मध्य प्रदेश में डाकिए का काम समाप्त कर दिया गया और ई-ऑफिस प्रणाली लागू की गई।
✅ कागज की बचत: अब कागज और प्रिंटर की जरूरत नहीं होगी, सभी काम ऑनलाइन होंगे।
✅ डिजिटल हस्ताक्षर: यदि पत्र में हस्ताक्षर जरूरी हैं तो डिजिटल हस्ताक्षर से ही भेजे जाएंगे।
✅ कार्य की पारदर्शिता और गति: यह व्यवस्था सरकारी कार्यों को तेज और पारदर्शी बनाएगी।
✅ प्रशिक्षण: अधिकारियों और कर्मचारियों को इस नई व्यवस्था के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
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