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Photograph: (the sootr)
BHOPAL.मध्यप्रदेश के जिस पुलिस थाने पर गर्व का झंडा फहराया जा रहा था, वही पुलिस थाना अब पूरे महकमे के माथे पर कलंक की कालिख बनकर चिपक गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंदसौर जिले के जिस मल्हारगढ़ थाने को देश के टॉप-10 उत्कृष्ट थानों में शामिल कर उसका सम्मान बढ़ाया था, उसी थाने की पुलिस ने ऐसा कांड किया है कि पूरे तंत्र की ईमानदारी पर सवाल खड़े हो गए हैं।
यह वही मल्हारगढ़ थाना है, जिसे रायपुर की डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने दक्षता, जनसेवा, अपराध नियंत्रण और पुलिस की उत्कृष्टता का प्रतीक बताते हुए सम्मान दिया था।
16 हजार थानों में से नौवें नंबर पर आया यह थाना मध्यप्रदेश का माणिक बताया गया था। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से लेकर डीजीपी तक हर कोई इस पर गर्व कर रहे थे, लेकिन अब तस्वीर उलट चुकी है। मल्हारगढ़ पुलिस ने पूरे महकमे का मुंह काला करा दिया है।
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मल्हारगढ़ थाने की कारगुजारी को ऐसे समझें इनशार्ट मेंमल्हारगढ़ पुलिस थाना को सम्मान मिला था: गृह मंत्री अमित शाह ने डीजीपी कॉन्फ्रेंस में इसे उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया था, लेकिन अब यह विवादों में घिर गया है। सोहनलाल पर फर्जी मामला: 18 साल के युवक सोहनलाल पर अफीम तस्करी का झूठा आरोप लगाया गया, जबकि सीसीटीवी फुटेज से सच्चाई सामने आई। सीसीटीवी फुटेज ने खोला सच: सीसीटीवी में साफ दिखा कि युवक को बिना किसी सामान के गिरफ्तार किया गया था, जबकि थाने में उसे अफीम तस्कर बना दिया गया। मध्यप्रदेश पुलिस की छवि दागदार हुई: मल्हारगढ़ थाना पहले पुलिस के स्वर्णिम अध्याय के रूप में जाना जाता था, अब यह भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े का प्रतीक बन चुका है। पुलिस के अन्य विवाद: सिवनी हवाला कांड और भोपाल में पुलिस द्वारा हत्या जैसे मामलों ने पुलिस तंत्र को और भी शर्मिंदा किया। |
यह है मामला:
29 अगस्त 2025... 18 साल का सोहनलाल मंदसौर से प्रतापगढ़ जाने के लिए बस में बैठा था। उसके हाथ में कोई बैग नहीं, कोई सामान नहीं। रास्ते में बस में तीन-चार लोग चढ़े। सीधे सोहन को धरदबोचा और गाड़ी में बिठाकर ले गए। बस में सीसीटीवी कैमरे थे, जिनमें पूरा घटनाक्रम रिकॉर्ड हो गया था।
और फिर क्या हुआ? वही, जो फर्जीवाड़े की मिसाल बन चुका है। सोहनलाल को मल्हारगढ़ थाने ले जाकर उस पर 2 किलो 700 ग्राम अफीम रखने का फर्जी केस ठोक दिया गया। सोहन ने जमानत के लिए हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई। कोर्ट ने जब सीसीटीवी फुटेज और घटनाक्रम देखा तो पूरा माजरा खुल गया।
युवक को बस में खाली हाथ पकड़ा गया था, लेकिन थाने में पुलिस ने उसका अफीम तस्करवाला अवतार बना दिया था। पुलिस जमानत का विरोध करती रही, लेकिन कोर्ट ने साफ कह दिया कि पुरा मामला गड़बड़ है। जमानत दी जाती है। इस तरह देश के ‘श्रेष्ठ’ पुलिस थाने ने फर्जीवाड़े की पराकाष्ठा कर दी।
सीसीटीवी में साफ सच्चाई
जमानत अर्जी में सोहन ने साफ लिखा कि बस को रोका गया, वह खाली हाथ था। सादे कपड़ों में आए लोग बिना वजह उसे उठा ले गए। उसके बाद थाने में जाकर ‘अफीम चमत्कार’ हुआ। देश के टॉप थाने की यह उत्कृष्टता देखकर खुद अदालत तक दंग रह गई।
यही वह थाना था, जिस पर सरकार फूली नहीं समा रही थी इस थाने की तारीफ में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा था कि मल्हारगढ़ थाना पूरे देश के लिए प्रेरणा है। उन्होंने थाने के स्टाफ को राज्य स्तरीय पुरस्कार भी घोषित कर दिया था।
डीजीपी कैलाश मकवाना ने इसे पुलिस का ‘स्वर्ण अध्याय’ बताया था। उन्होंने कहा था कि मल्हारगढ़ थाने ने अपराध नियंत्रण में मिसाल पेश की है, डिजिटल सेवाओं और स्वच्छता में भी अव्वल है। अब वही मल्हारगढ़ थाना फर्जी केस की फैक्ट्री बनकर खड़ा है।
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पुलिस के कांडों की झड़ी
मल्हारगढ़ का यह कांड कोई पहली घटना नहीं है। मध्यप्रदेश पुलिस के पन्ने पिछले कुछ महीनों में लगातार दागदार हुए हैं।
केस 1: सिवनी हवाला कांड
अक्टूबर 2025 में मध्यप्रदेश की सिवनी पुलिस ने कटनी-सतना से नागपुर जा रहे 2 करोड़ 96 लाख रुपए का हवाला लूट लिया। SDOP पूजा पांडे, DSP पंकज मिश्रा समेत 11 पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए। SIT ने 1 करोड़ 45 लाख पुलिस से और 1 करोड़ 25 लाख व्यापारियों से बरामद किए।
केस 2: पुलिस वालों ने जान ले ली
एक दूसरे केस में भोपाल में पिपलानी थाने के कांस्टेबल संतोष बामनिया और सौरभ आर्या ने उदित गायकी (22 वर्ष) को पार्टी के दौरान पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में गंभीर चोटों की पुष्टि हुई। बाद में दोनों पुलिस वालों पर हत्या का केस दर्ज कर निलंबित कर दिया गया।
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