मध्य प्रदेश के इस क्षेत्र में पैदा होंगी लाखों नौकरियां, सीएम मोहन यादव यादव का ऐलान

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य की ऊर्जा नीति को लेकर बड़े लक्ष्य की घोषणा की है। राज्य सरकार 2030 तक 20 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रही है और इस क्षेत्र में भारी निवेश आकर्षित कर रही है।

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Sandeep Kumar
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मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार भारत के 2070 तक नेट जीरो कार्बन लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री के अनुसार, मध्य प्रदेश नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने के लिए तैयार है, और आने वाले वर्षों में यह राज्य अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ अन्य राज्यों को भी ऊर्जा आपूर्ति करेगा।

राज्य में पिछले एक दशक में सौर ऊर्जा (Solar Energy) के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की Renewable energy क्षमता पिछले 10 वर्षों में 14 गुना बढ़ी है। इसके साथ ही, राज्य सरकार की ठोस नीतियां, निवेश अनुकूल माहौल और तकनीकी नवाचार इसे "सूर्य देव का वरद प्रदेश" बना रहे हैं।

नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश और रोजगार 

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार Renewable energy क्षेत्र में 5 लाख 21 हजार 279 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित कर रही है, जिससे लगभग 1 लाख 46 हजार 592 नए रोजगार मिलेंगे। इस निवेश से मध्य प्रदेश में अक्षय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि होगी और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

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सौर परियोजनाओं के लिए नीमच और मुरैना में बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से नीमच सौर परियोजना में 170 मेगावाट और मुरैना हायब्रिड उत्पादन एवं स्टोरेज पार्क महत्वपूर्ण हैं। इन परियोजनाओं से न केवल राज्य की ऊर्जा आपूर्ति में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे।

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2030 तक 20 गीगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य 

मध्य प्रदेश सरकार ने 2030 तक राज्य में अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता को 20 गीगावाट (20,000 मेगावाट) तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वर्तमान में राज्य में 5 बड़ी सौर परियोजनाएं हैं, जिनकी कुल उत्पादन क्षमता 2.75 गीगावाट (2,750 मेगावाट) है।

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कुसुम योजना और सौर पंप की योजना 

कुसुम योजना के तहत मध्य प्रदेश सरकार किसानों को अतिरिक्त आय और ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्रदान कर रही है। कुसुम-ए योजना के तहत 1490 मेगावाट क्षमता के संयंत्र स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 570 मेगावाट क्षमता के संयंत्रों का चयन किया जा चुका है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना के तहत आगामी तीन वर्षों में 30 लाख किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

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पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना 

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत 2026 तक देश के 1 करोड़ घरों में सौर संयंत्र लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मध्य प्रदेश इस योजना में अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है, और यह योजना सरकारी भवनों के सौर ऊर्जाकरण के लिए निजी निवेशकों की भागीदारी से तेजी से लागू की जा रही है।

प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन 

सीएम ने जीआईएस-भोपाल में निवेश के प्रस्तावों का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य की टेक्नोलॉजी एग्नोस्टिक रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी के कारण भारी निवेश प्राप्त हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जीआईएस-भोपाल के उद्घाटन के दौरान मध्य प्रदेश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में योगदान की सराहना की और बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने अक्षय ऊर्जा में 70 बिलियन डॉलर (लगभग 5 ट्रिलियन रुपए) का निवेश किया है, जिससे 10 लाख से अधिक रोजगार उत्पन्न हुए हैं। मध्य प्रदेश के पास वर्तमान में 31 मेगावाट की विद्युत उत्पादन क्षमता है, जिसमें से लगभग 30% हरित ऊर्जा है।

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