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Bhopal. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने शताब्दी वर्ष को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इस अवसर पर संघ ने कई बड़े कार्यक्रमों की योजना बनाई है। इनमें से पहला प्रमुख कार्यक्रम पथ संचलन है। इसे संघ ने प्रारंभ कर दिया है। इसके बाद संघ मध्यप्रदेश के लगभग 9000 से ज्यादा स्थानों पर हिंदू सम्मेलन आयोजित करने का प्रयास करेगा। इसके साथ ही संघ की योजना युवा सम्मेलन और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मीट के माध्यम से जेनरेशन जेड यानी युवाओं को संगठन से जोड़ने की भी है।
इस वर्ष का सबसे बड़ा कार्यक्रम पथ संचलन है। इसका दूसरा बड़ा चरण रविवार, 5 अक्टूबर से शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश में संघ ने पथ संचलन के लिए 9291 स्थानों का लक्ष्य रखा है। इसमें रविवार को करीब डेढ़ हजार स्थानों पर यह आयोजन होगा। यह अभियान मध्य प्रदेश के इंदौर क्षेत्र से 20 सितंबर को शुरू हो चुका है और यह 15 अक्टूबर तक जारी रहेगा।
आरएसएस का टारगेट
इस अभियान के अंतर्गत संघ ने मध्य प्रदेश में 900 से अधिक गांवों में नई शाखाएं स्थापित करने, लगभग डेढ़ करोड़ घरों तक संपर्क पहुंचाने और 12 लाख नए गणवेशधारी स्वयंसेवकों को पथ संचलन में शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पिछले साल करीब 11 लाख स्वयंसेवक पथ संचलन में भागीदार बने थे। इस वर्ष नए स्वयंसेवकों को जोड़ने के बाद पिछले साल की तुलना में संख्या लगभग दोगुनी हो जाएगी।
आरएसएस शताब्दी वर्ष पर होने वाली कार्यक्रम पर एक नजर
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यह भी विशेष है कि संघ इन कार्यक्रमों के माध्यम से अपने कार्यक्षेत्र को बढ़ा रहा है। पहली बार नगर या खंड के बजाय केवल बस्ती और मंडल स्तर पर पथ संचलन आयोजित किए जा रहे हैं, जबकि पहले कभी-कभी बस्ती और मंडल स्तर पर ही संचलन होते थे।
इन तीन प्रांत पर आरएसएस की नजर
संघ ने राजस्व सीमाओं की बजाय लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने विभागों, जिलों, नगरों और खंडों की सीमाएं निर्धारित की हैं। मध्य प्रदेश में संघ के तीन प्रांत हैं, यानी राज्य को तीन हिस्सों में बांटा गया है। इनमें मध्यभारत प्रांत के अंतर्गत बैतूल, हरदा, नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, गुना, अशोक नगर, शिवपुरी, दतिया, ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड समेत 17 जिले आते हैं। इनमें 775 बस्तियां और 1814 मंडल शामिल हैं। रविवार को यहां लगभग 500 स्थानों पर पथ संचलन आयोजित किया जाएगा।
इसी तरह महाकौशल प्रांत के अंतर्गत जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, दमोह, सागर सहित विंध्य के सभी जिलों को मिलाकर कुल 24 जिलों में 917 बस्ती और 2634 मंडल आते हैं। यह प्रांत सबसे बड़ा है और यहां लगभग 700 स्थानों पर पथ संचलन होगा।
वहीं, मालवा में इंदौर, देवास, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, अलीराजपुर, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा सहित 14 जिलों में करीब 400 से 500 पथ संचलन निकाले जाएंगे। संघ के मालवा प्रांत में 1785 बस्ती और 1366 मंडल आते हैं। यहां 20 सितंबर से पथ संचलन की शुरुआत हो चुकी है।