इंदौर से भोपाल रूट में देवास-भोपाल की टोल रोड 426 करोड़ में बनी, 2343 करोड़ वसूल चुके

देवास से भोपाल तक के टोल रोड पर कंपनियों ने 2343 करोड़ रुपए वसूल किए, जो लागत का 550% अधिक है। जानें टोल रोड की कीमत, कंपनी की कमाई, और विवाद के बारे में...

author-image
Sanjay Gupta
New Update
dewas-bhopal-toll-road-426-crore-cost-2343-crore-revenue
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

टोल के नाम पर खुली लूट जारी है, कंपनियां जमकर कमा रही हैं। बीओटी पैटर्न पर इंदौर से भोपाल के सबसे ज्यादा चलने वाले मार्ग में देवास-से भोपाल (इंदौर से देवास नेशनल हाईवे रोड है) की ओर एमपीआरडीसी द्वारा साल 2010 में केवल 426 करोड़ रुपए में बनवाई गई थी। बदले में कंपनी को टोल वसूली की छूट दी गई। अब इसे छूट कहें या लूट, कंपनी जून 2025 तक यहां पर 2343 करोड़ रुपए वसूल चुकी है। लागत का 550 फीसदी ज्यादा।

यह वसूली अभी नहीं थमेगी, 2033 तक होगी

साल 2010 में जब यह रोड बनी थी, तब लागत 426 करोड़ रुपए थी और तीन जगह इस रूट पर टोल लिया जाता है।

साल 2010-11 में इस रोड पर हर साल 26.83 लाख वाहन गुजरते थे और टोल था 55 करोड़ रुपए।

साल 2021-22 में इस रोड पर वाहन हो गए हर साल करीब 36 लाख और टोल कलेक्शन हो गया 151 करोड़ हर साल।

अब साल 2024-25 के दौरान यहां गुजरने वाले वाहन हो गए 52 लाख और टोल कलेक्शन हो चुका है 253 करोड़ रुपए हर साल।

(यह जानकारी विधानसभा में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने विधायक प्रताप ग्रेवाल व पंकज उपाध्याय के सवाल के जवाब में दी। इसी मामले में अधिक वसूली को लेकर पूर्व विधायक पारस सकलेचा की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।)

ये खबर भी पढ़िए...खनन विवाद पर सीएम का बड़ा बयान, विधायक संजय पाठक से जुड़ी माइनिंग कंपनियों से 443 करोड़ की होगी वसूली

देवास-भोपाल टोल रोड वसूली मामले पर एक नजर...

Dewas Bhopal Corridor Private Limited (DBCPL) - Highways Infrastructure  Trust

  • कंपनी ने टोल वसूली में 550% ज्यादा कमाया: 2010 में 426 करोड़ में बनी देवास-भोपाल रोड पर अब तक कंपनी 2343 करोड़ रुपए वसूल चुकी है, जो लागत का 550% ज्यादा है।

  • 2033 तक टोल वसूली जारी रहेगी: कंपनी को 2033 तक इस रोड पर टोल वसूली का अधिकार है, जिससे आने वाले आठ वर्षों में करीब 2000 करोड़ और वसूले जाएंगे।

  • अन्य दो मार्गों पर भी टोल वसूली का संकट: देवास-भोपाल के साथ लेबड़-जावरा और जावरा-नयागांव मार्गों पर भी टोल वसूली की स्थिति गंभीर है, जहाँ कंपनियां लागत से 370% से 575% अधिक वसूल चुकी हैं।

  • सरकार ने कंपनी को 81 करोड़ का अनुदान दिया: सरकार ने निवेशक कंपनी को हानि की संभावना को ध्यान में रखते हुए 81 करोड़ का अनुदान दिया, साथ ही प्रीमियम भी नहीं लिया।

  • पूर्व विधायक की याचिका सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन: पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने इस मामले में 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया, और अब सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है।

ये खबर भी पढ़िए...भूमि घोटाले में विधायक संजय पाठक की ईओडब्ल्यू जांच शुरू

इसी रफ्तार से 2000 करोड़ और वसूलेगी कंपनी

इस रोड पर टोल वसूली का अधिकार कंपनी को 21 मई 2033 तक है। यानी अभी कंपनी करीब आठ साल और टोल लेगी। इस दौरान यदि 250 करोड़ अभी के ही कलेक्शन को ले लें, तो कंपनी आठ साल में दो हजार करोड़ और वसूलेगी। यानि साल 2010 में रोड बनने के बाद 2033 तक कुल 23 साल में कंपनी इस रोड पर 4300 करोड़ से अधिक वसूल चुकी होगी। जबकि लागत थी केवल 426 करोड़ रुपए। यानी लागत का दस गुना।

दो अन्य टोल रोड के भी यही हाल, लूट जारी

देवास-भोपाल के साथ ही लेबड़-जावरा और जावरा-नयागांव रोड पर भी टोल वसूली को लेकर विधानसभा में जानकारी दी गई है। इसके अनुसार इन तीनों रोड की लागत 1360 करोड़ रुपए थी और अभी तक कंपनियां इस पर 6522 करोड़ रुपए वसूल चुकी हैं। देवास-भोपाल पर टोल वसूली मई 2033 तक तो लेबड़-जावरा पर अप्रैल 2038 तक और जावरा-नयागांव पर अक्टूबर 2033 तक टोल वसूला जाएगा। लेबड़-जावरा मार्ग पर 370% तथा जावरा-नयागांव रोड पर लागत से 575% अधिक टोल अभी ही वसूला जा चुका है।

ये खबर भी पढ़िए...जीतू पटवारी और लखन घनघोरिया के मामलों में फैसला सुरक्षित, संजय पाठक को मिली तारीख

कंपनी को घाटा होगा, यह सोच ग्रांट भी दे दी

हद तो यह है कि देवास-भोपाल टोल रोड पर निवेशक कंपनी को मार्ग पर होने वाली हानि की संभावना को देखते हुए 81 करोड़ का अनुदान (ग्रांट) दिया गया तथा उससे कोई प्रीमियम नहीं लिया जाता है।

इन दो रूट पर यह हाल

देवास-भोपाल के अलावा अन्य रूट की बात करें तो जावरा-नयागांव टोल रोड पर वर्ष 2021-22 में कलेक्शन 172 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 252 करोड़ हो गया तथा जावरा-लेबड़ का कलेक्शन वर्ष 2021-22 में 147 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 234 करोड़ हो गया।

पूर्व विधायक सकलेचा ने बताया

इस संबंध में पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बताया कि हमने वर्ष 2022 में याचिका हाई कोर्ट में दायर की, जिसे खारिज कर दिया गया था। शासन जिसे जनता के हित का संरक्षण करना चाहिए, वह निवेशक के हाथ की कठपुतली बनकर न्यायालय में हमारी याचिका का विरोध कर रहा है। सकलेचा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है, जो विचाराधीन है।

thesootr links

सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

अगर आपको ये खबर अच्छी लगी हो तो 👉 दूसरे ग्रुप्स, 🤝दोस्तों, परिवारजनों के साथ शेयर करें📢🔃🤝💬👩‍👦👨‍👩‍👧‍👧👩

toll collection | इंदौर एमपीआरडीसी | mprdc | Indore MPRDC | टोल कंपनियों की लूट | MP News | पीडब्लूडी मंत्री राकेश सिंह | कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल | कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय

MP News मध्यप्रदेश पारस सकलेचा toll collection mprdc एमपीआरडीसी पीडब्लूडी मंत्री राकेश सिंह Indore MPRDC इंदौर एमपीआरडीसी कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल देवास-भोपाल टोल रोड टोल कंपनियों की लूट