चित्रकूट से अमरकंटक तक रामभक्ति के दीपों से जगमगाया मध्यप्रदेश की पावन धरा

देव प्रबोधिनी एकादशी पर मध्यप्रदेश की पावन भूमि चित्रकूट से अमरकंटक तक 3,51,111 दीपों से प्रकाशमय हुई। श्रीराम पथ गमन न्यास द्वारा आयोजित इस भव्य दीपोत्सव में श्रद्धा, भक्ति और संस्कृति का संगम दिखाई दिया।

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Sandeep Kumar
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Photograph: (THESOOTR)

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BHOPAL. देव प्रबोधिनी एकादशी का दिन सदियों से धर्म और आस्था का प्रतीक रहा है। इसी पावन अवसर पर मध्यप्रदेश की भूमि पर एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। जब चित्रकूट से अमरकंटक तक 3,51,111 दीप प्रज्वलित कर श्रीराम के पथ गमन मार्ग को प्रकाशमय किया गया। यह केवल दीपों का उत्सव नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और सभ्यता की अमर ज्योति का साक्षात रूप था।

चित्रकूट से अमरकंटक तक

मध्यप्रदेश की पावन धरा ने देव प्रबोधिनी एकादशी के दिन अद्भुत दृश्य देखा, जब 3,51,111 दीपमालाओं से श्रीराम के पथ गमन मार्ग को आलोकित किया गया। श्रीराम पथ गमन न्यास के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री एन.पी. नामदेव ने बताया कि “दीपोत्सव पर्व-2025” केवल उत्सव नहीं, बल्कि हमारी आस्था और संस्कृति का जीवन्त प्रतीक है, जो हर युग में ‘रामत्व’ को जीवित रखेगा।

माँ नर्मदा तट पर दीपमालाओं की भव्यता 

अमरकंटक में नर्मदा उद्गम स्थल पर रामघाट और नर्मदापुरम् के सेठानी घाट पर 51,000 दीपों की भव्य आराधना की गई। नर्मदा घाट के तट पर जब दीपों की ज्योति लहराई, तो संपूर्ण वातावरण भक्ति से भर गया। यह दृश्य भक्तों के लिए दिव्य अनुभव लेकर आया।

चित्रकूट: रामत्व की स्मृति का केन्द्र 

प्रभु श्रीराम ने अपने वनवास का सबसे लंबा समय चित्रकूट में व्यतीत किया। एकादशी के इस पावन अवसर पर राघव प्रयाग घाट पर 1,11,111 और पंचवटी घाट पर 20,000 दीप प्रज्वलित किए गए। यहां के दीपोत्सव में सागर के “विभोर” इंडियन फ्यूजन बैंड और बालाघाट की सुश्री मुस्कान चौरसिया ने श्रीराम भक्ति से जनमानस को झूमने पर मजबूर कर दिया।

पूरे प्रदेश में दीपोत्सव की झिलमिल रोशनी 

  • अनूपपुर : रामघाट पर 51,000 दीप प्रज्ज्वलन और भक्ति गायन।
  • मैहर : आल्हा तलैया पर 51,000 दीप, सुश्री साक्षी पटेरिया की प्रस्तुति।
  • पन्ना : धरम सागर तालाब पर 11,000 दीप और सुश्री वेदिका मिश्रा का भजन गायन।
  • शहडोल: सीतामढ़ी (गंधिया) में 11,000 दीप और महाआरती।

भक्ति संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुति

भक्ति संगीत संध्या में प्रदेश के विभिन्न जिलों के कलाकारों ने लोकभजन, कीर्तन और अवधी गीतों की मधुरता से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा बल्कि इसने लोगों के भीतर ‘रामत्व’ की भावना को जागृत किया।

रामत्व का संदेश

एन.पी. नामदेव ने कहा कि श्रीराम पथ गमन न्यास का मुख्य उद्देश्य प्रभु श्रीराम के जीवन आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाना है। दीपमालाओं का यह आयोजन राम के आदर्शों, मर्यादा और सत्य के संदेश को समाज में स्थायी करने का माध्यम है।

सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन को नया आयाम 

इस आयोजन ने मध्यप्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा दी है। देशभर से आए पर्यटकों ने इस दीपोत्सव को अनुभव किया और श्रीराम के पथ गमन स्थलों की ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्ता को पुनः अनुभव किया।

दीपोत्सव पर्व-2025 की प्रमुख झलकियां

स्थानदीपों की संख्याप्रमुख आकर्षण
चित्रकूट – राघव प्रयाग घाट1,11,111“विभोर” इंडियन फ्यूजन बैंड
पंचवटी घाट20,000मुस्कान चौरसिया का भजन गायन
अमरकंटक – रामघाट51,000मनीष अग्रवाल की प्रस्तुति
नर्मदापुरम् – सेठानी घाट51,000दीप म्यूजिकल ग्रुप की प्रस्तुति
मैहर – आल्हा तलैया51,000साक्षी पटेरिया का गायन

 

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