इंदौर के मोती के बाद अब अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट की नजर महाकाल की सेवा में लगे श्यामू पर

उज्जैन के महाकाल मंदिर में वर्षों से महाकालेश्वर की सवारी का अहम हिस्सा रहे हाथी श्यामू का नाम अब वनतारा प्रोजेक्ट से जोड़े जाने पर विवाद गहराता जा रहा है।

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Sourabh Bhatnagar
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राहुल दवे @ इंदौर

Ujjain. महाकाल की सवारी में वर्षों से भगवान महाकालेश्वर को नगर भ्रमण पर ले जाने वाला प्रिय हाथी श्यामू अब चर्चा के केंद्र में है। खबर ये है कि इंदौर के हाथी मोती के बाद अब अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट की नजर श्यामू पर भी है।

वहीं, जैसे ही लोगों को ये बात पता चली, उज्जैन के भक्तों और महाकाल प्रेमियों में नाराजगी फैल गई और उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया।

महाकाल की सवारी का हिस्सा रहा श्यामू

श्यामू वही हाथी है, जो हर साल सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान महाकाल को अपनी पीठ पर बिठाकर उज्जैन नगर भ्रमण करवाता है। इस सेवा को वह लगभग एक दशक से निरंतर निभा रहा है।


श्यामू का जन्म असम राज्य के गोलाघाट जिले के बालीजान गांव में 8 नवंबर 1997 को हुआ था। वर्ष 2000 में संत सर्मन गिरी महाराज उसे उज्जैन लेकर आए थे। 1980 से 2016 तक महाकाल की सेवा में राजू नामक हाथी रहा। इसके बाद से यह पवित्र जिम्मेदारी श्यामू ने संभाली है।

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उज्जैनवासियों का भावनात्मक जुड़ाव

श्यामू अब सिर्फ एक हाथी नहीं, बल्कि महाकाल की सवारी का प्रतीक बन चुका है। सर्मन गिरी महाराज ने कहा कि श्यामू से सिर्फ हमारा नहीं, पूरे उज्जैन का जुड़ाव है। वह महाकाल की सवारी है।

महाराज ने आगे कहा, इसलिए उसे कहीं और भेजने का प्रयास श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाएगा। यदि किसी ने उसे उज्जैन से हटाने की कोशिश की तो यह अनर्थ होगा।

महाकाल मंदिर प्रशासन भी सक्रिय

खबर है कि सर्मन गिरी महाराज ने इस पूरे मामले को लेकर महाकाल मंदिर के अफसरों और प्रशासन से बात की है। अधिकारियों ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अभी के लिए श्यामू को उज्जैन से कहीं नहीं ले जाया जाएगा।

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मोती और श्यामू की जोड़ी की चर्चा

अंबानी परिवार के वनतारा प्रोजेक्ट की चर्चाओं में यह बात भी सामने आई है कि इंदौर के मोती (मेल) हाथी की जोड़ी के लिए किसी फीमेल हाथी की तलाश की जा रही है। इसी सिलसिले में श्यामू का नाम भी चर्चा में आया। बता दें कि इंदौर जू का चर्चित हाथी है मोती।

संवेदनशील मामला बना मोती-श्यामू कनेक्शन

इंदौर के मोती और उज्जैन के श्यामू दोनों हाथी अब जनता की भावनाओं से जुड़े नाम बन चुके हैं। दोनों ही हाथी धर्म, परंपरा और संवेदनशीलता के प्रतीक हैं। एक ओर जहां मोती को ट्रांसफर से राहत मिली है, वहीं अब लोग यही मांग कर रहे हैं कि महाकाल की सवारी ‘श्यामू’ को भी उज्जैन में ही रहने दिया जाए।

इंदौर जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि मोती मेल हाथी है, उसके लिए हम कोई पार्टनर ढूंढ़ रहे हैं। इसी क्रम में हमने उज्जैन के श्यामू के लिए बात की थी। श्यामू फीमेल हाथी है। यही नहीं, इस मामले में हमने अहमदाबाद, जयपुर सहित अन्य शहरों के जू को पत्र लिख फीमेल हाथी की मांग की है।”

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