महाकाल भक्तों के लिए अच्छी खबर है। 15 फरवरी से महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए एक नया प्रवेश द्वार (Entrance gate) खुलने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रुद्रसागर पर बने नए ब्रिज का लोकार्पण करेंगे। यह पुल 25 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। इसके खुलने से श्रद्धालु शक्ति पथ से सीधे महाकाल मंदिर तक पहुंच सकेंगे, जिससे चारधाम मंदिर से आने वाले भक्तों की दूरी लगभग 1.5 किलोमीटर कम हो जाएगी।
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200 मीटर लंबा है ब्रिज
उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी ने इस ब्रिज का निर्माण मई 2022 में शुरू किया था। यह पुल 200 मीटर लंबा और 7 मीटर चौड़ा है, जबकि बीच में 19 मीटर की खुली जगह छोड़ी गई है। पहले इसे 2023 के आखिर तक पूरा करने की योजना थी, लेकिन निर्माण कार्य में लगभग डेढ़ साल की देरी हुई। अब यह पूरी तरह तैयार है और जल्द ही भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
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ब्रिज से देख सकेंगे लाइट एंड साउंड शो
इस ब्रिज से खड़े होकर श्रद्धालु जल्द ही शुरू होने वाले लेजर लाइट एंड साउंड शो का मजा ले सकेंगे। एक बार में 500 से ज्यादा श्रद्धालु यहां खड़े होकर भगवान शिव के प्रकट होने की कहानी और उज्जैन के इतिहास को देख और सुन सकेंगे। वर्तमान में महाकाल मंदिर पहुंचने के लिए सात रास्ते हैं, लेकिन इस नए ब्रिज के शुरू होने के बाद भक्तों को एक और नया रास्ता मिल जाएगा, जिससे भीड़ को संभालने में भी मदद मिलेगी।
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महाशिवरात्रि पर यह ब्रिज रहेगा बंद
हालांकि लोकार्पण के बाद यह ब्रिज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा, लेकिन 27 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन इसे बंद रखा जाएगा। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के मुताबिक, महाशिवरात्रि के दौरान अधिक भीड़ होने के कारण इसे सुरक्षा के मद्देनजर बंद रखा जाएगा।
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अब मंदिर पहुंचने के लिए आठ रास्ते
महाकालेश्वर मंदिर तक पहुंचने के लिए अब भक्तों के लिए कुल आठ प्रवेश मार्ग रहेंगे। नया रास्ता त्रिवेणी संग्रहालय से चारधाम पहुंच मार्ग तक जोड़ा गया है। इसके अलावा, श्रद्धालु तोपखाना, महाकाल घाटी, सरस्वती शिशु मंदिर, त्रिवेणी संग्रहालय और हरसिद्धि चौराहा जैसे दूसरे रास्तों से भी मंदिर तक पहुंच सकते हैं।
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