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Photograph: (THESOOTR)
INDORE. बीजेपी में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और पूर्व मंत्री व महू विधायक उषा ठाकुर के बीच चल रही तनातनी में इस बार मंत्री गुट की जीत हुई है। मध्यप्रदेश के महू विधानसभा के भाटखेड़ी जैसे एक सामान्य पंचायत के सरपंच पद के लिए दोनों के समर्थक उम्मीदवार इस बार आमने-सामने थे। इस चुनाव में इस बार बीजेपी V/S कांग्रेस नहीं थी, बल्कि बीजेपी V/S बीजेपी और वह भी कैलाश विजयवर्गीय V/S उषा ठाकुर।
कौन उम्मीदवार किसका, जीत किसकी
इस चुनाव में अजहर महमूद सेठ प्रत्याशी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक है, जिसकी जीत हुई है। वहीं दूसरी और पूर्व मंत्री उषा ठाकुर ने राजाराम गुर्जर को सपोर्ट किया था। पंचायत मात्र 8 हजार 300 मतदाताओं वलाी थी। जिसमें अजहर महमूद की 167 वोट से जीत हुई है।
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दोनों ओर से यह लगे थे जिताने में
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की टीम से अजहर महमूद सेठके लिए पूर्व विधायक अतंर सिंह दरबार, राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार, बीजेपी युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष मनोज ठाकुर लगे हुए थे। वहीं गुर्जर के लिए विधायक ठाकुर और उनकी टीम डटी हुई थी। हालत यह थी कि ठाकुर दस दिन से इसी पंचायत क्षेत्र में ही अपना समय गुजार रही थी। लेकिन वह जिता नहीं सकी।
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ठाकुर ने की थी जिद, पार्टी नहीं मानी
बीजेपी के पुराने मुस्लिम नेता महमूद सेठ के निधन के बाद सरपंच पद खाली हुआ था। यह लंबे समय से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक रहे हैं। उनके निधन के बाद पुत्र अजहर को उतारने का फैसला हुआ। इस पर ठाकुर ने आपत्ति ली और अपने समर्थक गुर्जर को मैदान में उतराने के लिए जिलाध्यक्ष बीजेपी श्रवण चावड़ा से बात की और कहा कि उन्हें घोषित कर दें। लेकिन उन्होंने पल्ला झाड़ लिया।
बीजेपी ने विवाद देखते हुए किसी को भी पार्टी का उम्मीदवार घोषित नहीं किया। इसके चलते यह मामला कैलाश VS उषा हो गया। इस चुनाव के लिए ठाकुर जुटी रही तो उधर से कैलाश की टीम। इसके लिए 22 जुलाई को वोट डले और शनिवार को मतगणना के बाद दोपहर में रिजल्ट आया, जिसमें अजहर 167 वोट से जीत गए।
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कहां से शुरू हुआ मनमुटाव
उषा ठाकुर साल 2003 में विधानसभा एक से चुनाव लड़ी और जीती, लेकिन साल 2008 में उनका टिकट कट गया। फिर 2013 में विधानसभा तीन से टिकट मिला और जीती। लेकिन साल 2018 में उनका टिकट विधानसभा तीन से काट दिया गया और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश को टिकट मिला।
आकाश के कारण उषा को महू से टिकट दिया गया जहां वह जाना नहीं चाहती थी, साल 2008 औऱ 2013 में कैलाश विजयवर्गीय महू से विधायक बने थे। इस दौरान उषा ने आरोप लगाया कि कैलाश विजयवर्गीय ने अपने पुत्र के कारण मुझे महू भिजवा दिया। यहीं से दोनों की तनातनी शुरू हुई।
एक साल पहले करीब यह तनाव उस समय और बढ़ गया था जब निगम की टीम विधानसभा एक में अवैध कॉलोनी में अतिक्रमण हटाने पहुंची, जो अब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की विधानसभा है, लेकिन मौके पर ठाकुर ने पहुंचकर इसे रूकवा दिया और जमकर विवाद किया, यह उनके समर्थकों की कॉलोनी थी। इसे सीधे मंत्री के क्षेत्र में दखल माना गया। इसके बाद दोनों के बीच और तनाव बढ़ गया।
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भंवरीलाल मिठाईवाला पर कार्रवाई में भी तनाव
वहीं शनिवार को महू में भंवरीलाल मिठाईवाला के यहां जिला प्रशासन ने सैंपलिंग की कार्रवाई की। इस दौैरान भंवरीलाल मिठाई वाला के संचालक नवीन सैनी व प्रशासन के बीच कहासुनी हुई। इसमें यह भी आरोप लगे कि वह क्योंकि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक है, इसलिए यह कार्रवाई महू विधायक के कहने पर हो रही है।
इंदौर राजनीति
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