महू में भंवरीलाल मिठाईवाला पर सैंपलिंग कार्रवाई के पीछे उषा, कैलाश वाली राजनीति या फिर अधिकारियों से लिया बिल

महू में भंवरीलाल मिठाईवाला पर हुई सैंपलिंग कार्रवाई को लेकर बहस हो रही है। आरोप राजनीतिक और नौकरशाही विवादों का है। एसडीएम ने इसे सामान्य रूटीन कार्रवाई बताया, जबकि दुकान मालिक ने इसे अधिकारियों से बकाया बिल का बदला बताया।

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Sanjay Gupta
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Photograph: (The Sootr)

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INDORE. इंदौर की महू तहसील में शुक्रवार को प्रसिद्ध भंवरीलाल मिठाई वाला के यहां हुई सैंपलिंग की कार्रवााई जोरदार बहस में बदल गई। मामला संस्थान के मालिक नवीन सैनी व अन्य पर शासकीय काम में बाधा के तहत केस दर्ज कराने और धारा 151 लगाने तक पहुंच गई।

इस पूरे हंगामे के पीछे दो कारण बताए जा रहे हैं, इसमें एक राजनीतिक तो दूसरा अधिकारियों के रौब का बताया जा रहा है। हालांकि उच्च स्तर पर अधिकारी इसे विशुद्ध प्रशासनिक रूटीन कार्रवाई बता रहे हैं। 

यह हुई घटना

शुक्रवार को त्योहारी सीजन आता देख प्रशासन ने खाद्य उत्पादों की जांच की कार्रवाई शुरू की। सामान्य तौर यह कार्रवाई तहसीलदार, नायब तहसीलदार, फूड टीम करती है। लेकिन इस बार कार्रवाई में एसडीएम राकेश परमार, तहसीलदार विनोद सोनी, नायब तहसीलदार राधा वल्लभ धाकड़, जनपद पंचायत सीईओ पंकज दरोठिया पहुंचे।

सैंपलिंग को लेकर अधिकारियों और दुकान संचालक, स्टाफ के बीच तीखी बहस हो गई। बात यहां तक पहुंच गई कि पहले धारा 151 लगाने की बात हुई और फिर शासकीय काम में बाधा का केस दर्ज कराने तक का मामला पहुंच गया। लेकिन इसके बाद मामला उच्च स्तर पर इंदौर पहुंचा और फिर दोनों पक्ष को समझा बुझाकर शांत कराया गया। 

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घटना का पहला कारण राजनीतिक

इस घटना के बाद इस मामले के तूल पकड़ने और कार्रवाई का कारण ढूंढा गया। इसमें महू की राजनीति को जिम्मेदार बताया गया। कारण है कि भंवरीलाल मिठाईवाला मालिक नवीन सैनी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के करीबी हैं ( विजयवर्गीय दो बार 2008 और 2013 में महू से विधायक रह चुके हैं)।

वहीं वर्तमान विधायक उषा ठाकुर है, जो दूसरी बार जीती है। विजयवर्गीय और ठाकुर के बीच कभी भी राजनीतिक पटरी नहीं बैठी। इसलिए इस कार्रवाई के पीछे आरोप लग रहे हैं कि यह विधायक ठाकुर के कहने पर हुई है।  राजनीतिक विवाद

दूसरा कारण- अधिकारियों से ले लिया खाने का बिल

वहीं इस मामले में दूसरे कारण पर आते हैं जो घोर नौकरशाही वाला बताया जा रहा है। नवीन सैनी ने आरोप लगाया है कि तहसीलदार सोनी व अन्य अधिकारी 22 जुलाई को यहां पर खाना खाने के लिए पहुंचे थे और इसके बाद इनका करीब सात-आठ हजार का बिल बना था, जो स्टाफ ने ले लिया और कोई रियायत नहीं दी। सैनी का कहना है कि इसी कारण से हमारे यहां यह कार्रवाई के लिए आए थे। सैनी ने कहा कि जब अधिकारी आए और बहस हुई तो बीच में किसी ने कहा कि जब हम यहां खाना खाने आए थे और बिल ले लिया और हमारा मान नहीं रखा तो फिर कार्रवाई तो होगी ना। 

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अधिकारी क्या बोल रहे

इस मामले में एसडीएम राकेश परमार ने कहा कि यह सामान्य रूटीन जांच थी त्योहारों को देखते हुए। हमने भंवरीलला के साथ ही कृष्णा रेस्टारेंट पर कार्रवाई की यहां गंदगी मिली थी। इसके साथ ही जयराम मिठाईवाले पर भी कार्रवाई की यहां कोई फायर सेफ्टी सिस्टम नहीं था और कीड़े मिले हैं। पूरी कार्रवाई निष्पक्ष तौर पर हुई है।

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