यशवंत क्लब में नई सदस्यता पर मैनेजिंग कमेटी को ऐसे मिली क्लीन चिट, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

इंदौर में कुबेर द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में तीन पन्नों में से दो पन्नों में केवल सचिव संजय गोरानी की ही बात है। इसमें शिकायत में उठाए गए मुद्दों पर गोरानी ने जो जवाब दिए हैं और जो बात कही गई उसी को हवाला बनाया गया है।

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Sanjay Gupta
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Indore. यशवंत क्लब में 57 नए बनाए गए सदस्यों को लेकर क्लब के सदस्यों की मिली शिकायत पर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा कराई गई जांच सामने आ गई है। असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसायटी बीडी कुबेर ने इसमें तीन पन्नों की रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में क्लब की सदस्यता प्रक्रिया को क्लीन चिट तो दी है साथ ही नियमों का हवाला देकर गहन जांच और कार्रवाई करने का अधिकार नहीं होने की बात कुबेर ने कहकर मामले को ठंडा कर दिया है।

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तीन पन्नों में से दो पन्ने सचिव गोरानी के नाम

कुबेर द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में तीन पन्नों में से दो पन्नों में केवल सचिव संजय गोरानी की ही बात है। इसमें शिकायत में उठाए गए मुद्दों पर गोरानी ने जो जवाब दिए हैं और जो बात कही गई उसी को हवाला बनाया गया है। यह भी बात प्रमुखता से लिखी है कि कुछ सदस्यों द्वारा शिकायत वापस लेने के पत्र गोरानी ने दिए हैं। यह भी लिखा है कि गोरानी के कथन का पंजीकृत विधान से अवलोकन किया जिसमें पाया गया कि संस्था द्वारा कार्रवाई विधान के अनुरूप ही की गई।

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इस नियम का हवाला देकर जांच और कार्रवाई से इनकार

जांच रिपोर्ट में मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट 1973 की धारा 32 (2) का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि संस्था के अधिकांश सदस्यों के शपथपत्र पर आए आवेदन या कम से कम एक तिहाई सदस्यों के आवेदन पर जांच और कार्रवाई हो सकती है। यह शिकायत इस नियम के तहत नहीं मिली है, इसलिए जांच और कार्रवाई के अधिकार नहीं है।   

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यह है जांच रिपोर्ट में

1. नौ सदस्यों द्वारा अनियमितता व गैर पारदर्शी तरीके से  नामांकन की शिकायत मिली। इसमें क्लब सचिव संजय गोरानी द्वारा 3 फरवरी को जवाब दिए गए। 
2. 15 जून 2024 की एजीएम में 50 सदस्य बनाने का अनुमोदन है।  इसके तहत 10 जुलाई को फार्म लेने का प्रस्ताव मैनेजिंग कमेटी ने पास किया। कुल 187 फार्म बांटे गए। कोई अनियमितता नहीं। दो ने फार्म वापस ले लिए।  फिर पहले 75 को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया।
3. 30 अगस्त की मीटिंग में पहले 75 सदस्यों को अस्थाई सदस्यता दी गई। फिर बैलेटिंग कमेटी का गठन संविधान के तहत किया।
4.बैलेटिंग कमेटी में सदस्य आवेदन में आए नामों के लॉटरी निकालकर बनाए गए। फिर वोट करके सदस्य पूरी पारदर्शी तरीके से बनाए गए। 
5.सदस्यों से प्राप्त राशि को अलग बैंक खाते में जमा किया गया। 
6. नौ शिकायतकर्ताओं में सागर शुक्ला व अरूण बंसल क्लब सदस्य नहीं है, इनके फार्म आए थे। वहीं धीरज छापरवाल, राकेश जैन, विनोद महाजन, सुरेश दोषी व गौरव कटपाल ने यह कहते हुए शिकायत वापस ली कि उन्हें अंधेरे में रखकर शिकायत पर हस्ताक्षर लिए गए। सदस्यता संबंधी जो भी कार्रवाई मैनेजिंग कमेटी ने की वह सही है और शिकायत वापस लेते हैं।

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