मंडला में नर्मदा परिक्रमा कर रहे 5 अफसरों को ग्रामीणों ने बंधक बनाया

मध्य प्रदेश के मंडला जिले में नर्मदा परिक्रमा कर रहे 5 अधिकारियों को ग्रामीणों ने सर्वेयर समझकर बंधक बना लिया। बाद में पुलिस ने समझाइश देकर उन्हें छुड़ाया।

Advertisment
author-image
Sandeep Kumar
New Update
mandla-officers-held-hostage
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

मध्य प्रदेश के मंडला (Mandla) जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के ओढारी बसनिया (Odhari Basaniya) गांव में पांच अधिकारियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ये सभी अधिकारी नर्मदा परिक्रमा (Narmada Parikrama) कर रहे थे और रास्ता भटककर इस गांव में पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने इन्हें सरकारी सर्वेयर समझ लिया और बंधक बना लिया।

thesootr

नर्मदापुरम : बसों के अस्थाई परमिट समाप्त होने के बाद भी ढो रहे सवारियां

कौन थे ये अधिकारी?

बंधक बनाए गए लोगों में से एक गुजरात (Gujarat) और दूसरे दिल्ली (Delhi) के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी (Retired IAS Officers) थे। इनके साथ अन्य तीन लोग भी थे, जो परिक्रमा में शामिल थे। हालांकि, इन अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि गांव में बसनीय ओढारी बांध (Basaniya Odhari Dam) को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है और यहां सरकारी अफसरों का प्रवेश प्रतिबंधित है।

ग्रामीणों ने क्यों बनाया बंधक?

thesootr

ओढारी बसनिया गांव में प्रस्तावित बांध को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह बांध बनने से उनका गांव विस्थापित हो जाएगा। इसी डर से उन्होंने सरकारी अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी है। जब इन पांच अधिकारियों को गांव में घूमते और फोटो खींचते देखा गया, तो ग्रामीणों को शक हुआ कि ये सरकारी सर्वेक्षण करने आए हैं। इस गलतफहमी में उन्होंने अधिकारियों को पकड़ लिया और बंधक बना लिया।

नर्मदापुरम में IT की बड़ी कार्रवाई, मंगलम फूड्स और देवीलाल ज्वैलर्स पर IT का छापा

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किया मुक्त

जब इस घटना की जानकारी प्रशासन को मिली, तो मंडला पुलिस (Mandla Police) तुरंत मौके पर पहुंची। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया और ग्रामीणों को समझाया गया कि ये लोग सरकारी सर्वेयर नहीं हैं, बल्कि नर्मदा परिक्रमा करने आए श्रद्धालु हैं। पुलिस के समझाने के बाद ग्रामीणों ने अफसरों को रिहा कर दिया।

thesootr

सोमवती अमावस्या पर शिप्रा-नर्मदा नदी में स्नान, उमड़ा भक्तों का हुजुम

घटना के बाद ग्रामीणों को हुआ अफसोस

बाद में जब ग्रामीणों को सच्चाई का पता चला, तो उन्होंने अपने किए पर खेद जताया। उन्होंने स्वीकार किया कि यह घटना उनकी गलतफहमी के कारण हुई। हालांकि, यह घटना स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि ग्रामीणों की चिंताओं को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें सही जानकारी दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

MP में नर्मदांचल के घने जंगल में होम स्टे होंगे पर्यटकों का ठिकाना

FAQ

मंडला में ग्रामीणों ने अधिकारियों को क्यों बंधक बनाया?
ग्रामीणों को संदेह था कि ये अधिकारी सरकारी सर्वेक्षण करने आए हैं, जिससे उनका गांव विस्थापित हो सकता है।
बंधक बनाए गए अधिकारी कौन थे?
इनमें एक गुजरात और एक दिल्ली के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी शामिल थे, जो नर्मदा परिक्रमा कर रहे थे।
ओढारी बसनिया गांव में कौन सा विवाद चल रहा है?
गांव में बसनीय ओढारी बांध का विरोध हो रहा है, क्योंकि इससे ग्रामीणों का विस्थापन होने की आशंका है।
अधिकारियों को कैसे छोड़ा गया?
मंडला पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया कि ये लोग सरकारी सर्वेयर नहीं हैं, तब जाकर उन्हें छोड़ा गया।
क्या प्रशासन इस घटना से कोई सबक ले सकता है?
हां, प्रशासन को ग्रामीणों को स्पष्ट सूचना देनी चाहिए ताकि ऐसी गलतफहमियां भविष्य में न हों।

 

मध्य प्रदेश Madhya Pradesh Narmada Parikrama क्या है नर्मदा परिक्रमा का महत्व Narmada Parikrama नर्मदा परिक्रमा मंडला न्यूज एमपी हिंदी न्यूज Retired IAS officer