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मध्य प्रदेश के मंडला (Mandla) जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिले के ओढारी बसनिया (Odhari Basaniya) गांव में पांच अधिकारियों को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ये सभी अधिकारी नर्मदा परिक्रमा (Narmada Parikrama) कर रहे थे और रास्ता भटककर इस गांव में पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने इन्हें सरकारी सर्वेयर समझ लिया और बंधक बना लिया।
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कौन थे ये अधिकारी?
बंधक बनाए गए लोगों में से एक गुजरात (Gujarat) और दूसरे दिल्ली (Delhi) के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी (Retired IAS Officers) थे। इनके साथ अन्य तीन लोग भी थे, जो परिक्रमा में शामिल थे। हालांकि, इन अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि गांव में बसनीय ओढारी बांध (Basaniya Odhari Dam) को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है और यहां सरकारी अफसरों का प्रवेश प्रतिबंधित है।
ग्रामीणों ने क्यों बनाया बंधक?
ओढारी बसनिया गांव में प्रस्तावित बांध को लेकर ग्रामीणों का विरोध जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि यह बांध बनने से उनका गांव विस्थापित हो जाएगा। इसी डर से उन्होंने सरकारी अधिकारियों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी है। जब इन पांच अधिकारियों को गांव में घूमते और फोटो खींचते देखा गया, तो ग्रामीणों को शक हुआ कि ये सरकारी सर्वेक्षण करने आए हैं। इस गलतफहमी में उन्होंने अधिकारियों को पकड़ लिया और बंधक बना लिया।
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पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किया मुक्त
जब इस घटना की जानकारी प्रशासन को मिली, तो मंडला पुलिस (Mandla Police) तुरंत मौके पर पहुंची। बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया और ग्रामीणों को समझाया गया कि ये लोग सरकारी सर्वेयर नहीं हैं, बल्कि नर्मदा परिक्रमा करने आए श्रद्धालु हैं। पुलिस के समझाने के बाद ग्रामीणों ने अफसरों को रिहा कर दिया।
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घटना के बाद ग्रामीणों को हुआ अफसोस
बाद में जब ग्रामीणों को सच्चाई का पता चला, तो उन्होंने अपने किए पर खेद जताया। उन्होंने स्वीकार किया कि यह घटना उनकी गलतफहमी के कारण हुई। हालांकि, यह घटना स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि ग्रामीणों की चिंताओं को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें सही जानकारी दी जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।
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