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BHOPAL. मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान यानी मैनिट में रविवार रात जमकर हंगामा हुआ। रात 11 बजे छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। हंगामा-तोड़फोड़ कर रहे बेकाबू छात्रों को रोकने के लिए पुलिस को कैंपस में लाठियां भांजनी पड़ी। पुलिस को भी उत्पात को काबू करने में करीब एक घंटे का समय लग गया। पुलिस ने उत्पात मचा रहे कुछ छात्रों को हिरासत में भी लिया जिन्हें सुबह छोड़ दिया गया। फिलहाल विवाद के बाद छात्रों के किसी भी गुट ने थाने में शिकायत दर्ज नहीं कराई है। वहीं छात्र मैनिट प्रबंधन के इशारे पर अनाधिकृत रूप से हॉस्टल में घुसकर पुलिस द्वारा बेकसूर छात्रों को पीटने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
राजधानी भोपाल में रविवार रात मैनिट कैंपस में ई-समिट का आयोजन किया गया था। रात करीब 10 बजे समिट के समापन के बाद छात्रों द्वारा सूफी बैंड का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया। जिसे कुछ ही देर में बंद करा दिया गया। कार्यक्रम के बाद फर्स्ट ईयर के छात्र जब हॉस्टल की ओर जा रहे थे तभी सेकेंड ईयर के छात्रों की बाइक से उनमें से एक को टक्कर लग गई। इसके बाद दोनों गुटों में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। खबर लगते ही आसपास के हॉस्टल से सैंकड़ों छात्र वहां आ गए। देखते ही देखते उनके मारपीट होने लगी। सूचना लगने पर मैनिट प्रशासन से निदेशक डॉ.केके शुक्ला, प्रो.एमएस चौहान, प्रो.शैलेन्द्र जैन और सुरक्षा प्रभारी भी वहां पहुंच गए। मैनिट प्रशासन ने छात्रों में हो रही मारपीट को रोकने की कोशिश की लेकिन वे इसमें कामयाब नहीं हुए।
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उग्र छात्रों ने हॉस्टल में की जमकर तोड़फोड़
मैनिट हो सैंकड़ों छात्रों का हंगामा और मारपीट की सूचना पर कमलानगर थाना प्रभारी निरुपा पांडे पुलिस बल के साथ वहां आ गईं। काफी मशक्कत के बाद भी छात्र जब काबू में नहीं आए तो पुलिस को लाठियां भांजते हुए उन्हें खदेड़ना पड़ा। इस सख्ती से तितर-बितर छात्र हॉस्टल की छत पर जमा हो गए। उत्पातियों ने हॉस्टलों में खिड़की-दरवाजे, वॉश बेसिन, शीशे क्षतिग्रस्त कर दिए। जमकर पत्थरबाजी भी की गई। इससे पुलिस का सब्र भी टूट गया और जवान उत्पातियों को खदेड़ते हुए हॉस्टल में घुस गए। पत्थराव कर रहे कुछ छात्रों को पुलिस घसीटते हुए बाहर लेकर आई। बताया जाता है पुलिस ने हॉस्टल से चार छात्रों को पकड़ा था जिन्हें रातभर कमलानगर थाने में बैठाकर रखा गया। वहीं पथराव एवं पुलिस की लाठियों से कुछ छात्र जख्मी भी हुए हैं। हांलाकि अब तक छात्रों के किसी भी गुट ने थाने में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।
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उत्पात काबू करने दिखानी पड़ी सख्ती
कमलानगर टीआई निरुपा पांडे ने बताया देर रात मैनिट प्रशासन से उन्हें कैंपस में विवाद और उत्पात की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस वहां पहुंची तो भारी संख्या में छात्र आपस में भिड़े हुए थे। स्थिति को काबू करने के लिए अलग से पुलिस बल भी मौके पर बुलाना पड़ा। उत्पात मचा रहे छात्रों ने पुलिस जवानों से भी धक्का-मुक्की और हॉस्टल में छिपकर तोड़फोड़ कर रहे थे। इस वजह से उन्हें तितर-बितर करना पड़ा। हांलाकि अब तक किसी छात्र ने शिकायत नहीं की है।
उधर मैनिट निदेशक केके शुक्ला का कहना है ई-समिट कार्यक्रम के बाद वे मौके से चले गए थे। करीब 11 बजे उन्हें छात्रों में झगड़े की सूचना मिली थी। वे अन्य प्रोफेसरों और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और छात्रों को रोकने की कोशिश की। छात्रों की संख्या काफी ज्यादा थी इसलिए मौके पर पुलिस बल को बुलाना पड़ा। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए काफी मशक्कत की। कुछ छात्रों की वजह से मैनिट में रातभर अफरा-तफरी मची रही। हॉस्टलों में भी काफी तोड़फोड़ हुई है। इस मामले में फिलहाल विवाद की वजह एवं उत्पातियों का पता लगाने मैनिट प्रशासन द्वारा जानकारी जुटाई जा रही है।
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निदेशक के सामने पीटती रही पुलिस
मैनिट में देर रात हुए विवाद के बाद छात्रों ने निदेशक डॉ.केके शुक्ला और पुलिस पर मारपीट करने के आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है देर रात दो गुटों में मारपीट के बाद कैंपस में पुलिस बुलाई गई। निदेशक और प्रोफेसर्स ने छात्रों को पीटा और जब भीड़ वहां से तितर_बितर हुई तो पुलिस हॉस्टल में घुस आई। पुलिस ने हॉस्टल में पढ़ाई कर रहे बेकसूर छात्रों को भी निर्दयता से पीटा है। मैनिट निदेशक, सुरक्षा प्रभारी की मौजूदगी में एक घंटे से ज्यादा समय तक पुलिस मैनिट में क्रूरता दिखाती रही। कई छात्र जख्मी हुए हैं जिसका जिम्मेदार मैनिट प्रशासन और पुलिस है।
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