अरुण तिवारी, BHOPAL. कमलनाथ एपीसोड पर भले ही फिलहाल विराम लग गया हो, लेकिन कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति उबल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीजेपी में शामिल होने के मामले में बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कांग्रेस ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। ये वे नेता हैं जिन्होंने कमलनाथ के समर्थन में बयान दिया था। कुछ नेताओं ने कमलनाथ से मुलाकात की थी तो कुछ ने दिल्ली में ही डेरा डाल दिया था। कांग्रेस ने इसे अनुशासहीनता के दायरे में माना है। ये सारे नेता अब कांग्रेस की रडार पर आ गए हैं।
दीपक-सज्जन की खुलेआम बयानबाजी
कमलनाथ समर्थक पूर्व विधायक दीपक सक्सेना और सज्जन सिंह वर्मा के ये बयान खुलेआम कमलनाथ के समर्थन में दिए गए थे। ये नेता भी कमलनाथ के साथ बीजेपी में जाने की तैयारी कर रहे थे। इन बयानों ने ही इस बात को पुख्ता किया था कि कमलनाथ और नकुलनाथ अब बीजेपी जाने वाले हैं। कमलनाथ ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी और उनके समर्थक नेताओं के मुंह खुल गए। इस पूरे एपीसोड से कांग्रेस की भद पिट गई।
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जीतू पटवारी ने बयानों को माना अनुशासनहीनता
नए-नए पीसीसी चीफ बने जीतू पटवारी के लिए ये उनके नेतृत्व पर सवाल खड़ा करने जैसी बात थी। यही कारण है कि जीतू पटवारी ने इन बयानों को अनुशासनहीनता की श्रेणी में लिया है। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान कमलनाथ को समर्थन देने वाले नेता अब कांग्रेस की रडार पर हैं। कमलनाथ भले ही बीजेपी में शामिल न हुए हों, लेकिन नेताओं ने उनके समर्थन में बयान देकर अपनी मुश्किलें बढ़ा ली हैं। जिन नेताओं ने बयानबाजी की या जिन्होंने दिल्ली में डेरा डाला वे सब अब अनुशासनहीनता के दायरे में आ गए हैं।
ये नेता कांग्रेस की रडार पर...
- सज्जन सिंह वर्मा
- बाला बच्चन
- दीपक सक्सेना
- दीपक जोशी
- केपी सिंह कक्काजू
- सतीश सिकरवार
- शोभा सिकरवार
- शारदा सोलंकी
- कमलेश शाह
- सुनील उइके
- सुजीत मेर सिंह
- विजय चौरे
- सोहनलाल वाल्मीकि
- निलेश उइके
- संजय शुक्ला
- विशाल पटेल
- स्वप्निल कोठारी
- लखन घनघोरिया
- अरुणोदय चौबे
- रामू टेकाम
इनमें वे सभी नेता शामिल हैं जिनकी कमलनाथ के साथ जाने की तैयारी के कयास लगाए गए थे। हालांकि, बाद में इन सब नेताओं के बयान बदल गए।
पीसीसी अध्यक्ष ने दिया सख्ती बरतने के संकेत
कमलनाथ के बीजेपी में शामिल न होने और संगठन के कड़े तेवर देखते हुए इन सारे नेताओं ने यू टर्न ले लिया है। हालांकि, सवाल ये भी खड़ा होता है कि लगातार टूटने की कगार पर खड़ी कांग्रेस ऐन लोकसभा चुनाव के पहले क्या अपने बड़े नेताओं पर कोई कार्रवाई कर पाएगी। लेकिन जीतू पटवारी ने ये संदेश जरूर दे दिया है कि वे इस मामले से खुश नहीं हैं और सख्ती बरत सकते हैं।