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इंदौर विकास के लिए बैठक में मंत्री कैलाश-सिलावट मौजूद रहे।
संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के विकास (Indore development) को लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को मंत्रालय, भोपाल में बैठक ली। इसमें विजयवर्गीय ने बताया इंदौर के मास्टर प्लान का ड्राफ्ट काम जून 2024 तक पूरा हो जाएगा। वहीं नगर निगम को आय बढ़ाने के लिए कहा गया है।
काम समय पर हो, सभी एजेंसी मिलकर काम करें
मंत्री ने कहा कि सुनियोजित विकास के लिए सभी निर्माण एजेंसियों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने शहर के सभी विकास कार्यों को टाइम-फ्रेम में पूरा किए जाने के भी निर्देश दिए। इस मौके पर जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेन्द्र हार्डिया, मधु वर्मा, रमेश मेंदोला और राकेश गोलू शुक्ला भी मौजूद थे।
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टीडीआर काउंसिल बना सकते हैं
मंत्री ने कहा कि इंदौर शहर के तेजी से विकास के लिये टीडीआर काउंसिल बनाई जा सकती है। इसमें नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है। शहर के विकास के साथ व्यवस्थित ट्रैफिक होना भी जरूरी है। जल-संसाधन मंत्री सिलावट ने इंदौर स्टेडियम के उन्नयन के साथ अहिल्या देवी के जीवन पर केन्द्रित कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। महापौर भार्गव ने शहरी योजनाओं में भूमि अधिग्रहण के मामले में सुझाव दिए।
इंदौर विकास योजना-2041
बैठक में इंदौर के मास्टर प्लॉन पर भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि इंदौर के मास्टर प्लॉन का ड्रॉफ्ट जून-2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। इंदौर को वर्ल्ड क्लॉस सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। स्वच्छतम शहर की निरंतरता को रखते हुए शहर का विकास किया जाएगा। शहर के जनसंख्या संतुलन को दृष्टिगत रखते हुए महानगरीय क्षेत्र में ग्रोथ सेंटर एवं सेटेलाइट टाउन का विकास किया जाएगा।
मेट्रो को तीन फेज में करेंगे पूरा
बैठक में इंदौर मेट्रो पर चर्चा की गई। इंदौर मेट्रो की लागत 7 हजार 500 करोड़ रुपए है। इसे 3 फेज में पूरा किया जाएगा। बैठक में शहर की रिंग रोड, एलीवेटेड कॉरीडोर, हुकुमचंद मिल परिसर के रि-डेवलपमेंट विषय पर भी विचार-विमर्श किया गया।
नगर निगम इंदौर करे आय बढ़ाने के प्रयास
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर के विकास के लिए राज्य सरकार पर्याप्त राशि उपलब्ध कराएगी। उन्होंने नगर निगम की अन्य विभागों पर बकाया रकम की वसूली पर ध्यान देने को कहा। विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर शहर की विभिन्न एजेंसियों की सड़कों पर बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया जाये कि इनका संधारण किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। बोर्ड में सम्पर्क अधिकारी के नाम का भी उल्लेख किया जाए। इस व्यवस्था से नागरिकों को सुविधा होगी। प्रमुख सचिव नगरीय विकास मण्डलोई ने बताया कि इंदौर शहर के विकास के लिए केन्द्र सरकार से 1500 करोड़ रुपए की अनुदान राशि मिली है। बैठक में मौजूद जन-प्रतिनिधियों ने इसका स्वागत किया।
निगमायुक्त वर्मा ने संभाला पद
उधर शुक्रवार शाम को नए निगमायुक्त शिवम वर्मा ने पद संभाल लिया। उन्होंने कहा कि इंदौर निगमायुक्त पर पदस्थापना प्रतिष्ठा का विषय है। जो शासन की प्राथमिकता है उस पर जोर रहेगा। नागरिकों को साथ लेकर मिलकर नवाचार करेंगे। स्वच्छता का ताज बनाए रखना चुनौती होगी। राजस्व पर फोकस करेंगे कैसे बढ़ा सकेंगे, बाकी सीएम और मंत्री के प्रयासों से स्थिति बेहतर हो रही है।
हर्षिका सिंह ने कहा महीने के अंतिम दस दिन सैलरी की प्लानिंग करते थे
उधर हर्षिका सिंह निगमायुक्त पद से रिलीव हो गई। उन्होंने कहा कि यह काफी सीखने वाला 11 माह का अनुभव रहा है। पूरे टीम के साथ मिलकर बेहतर करने की कोशिश की गई है। स्वचछता के साथ ही स्मार्ट सिटी के लिए काम किया। वित्तीय स्थिति चुनौती रही थी, उसके साथ ही काम करने की कोशिश की गई। ट्रांसफर-पोस्टिंग तो नौकरी का एक हिस्सा है। आर्थिक स्थिति में देखना होता था कि महीने के अंतिम दस दिन प्लानिंग करते थे क्या हमारे पास वित्त है और किस तरह सैलरी की व्यवस्था करना है, पांच-छह माह में यह भी चुनौती थी। सफाई कर्मचारियों के बच्चों की शिक्षा की व्यवस्था योजना सुकुन देने वाला था और मैं चाहूंगी नए आयुक्त भी इसे जारी रखें।
बिल्डिंग परमिशन लेना होगा आसान
विजयवर्गीय ने बताया बढ़ती बसाहट को देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने कई अहम बदलाव करने की तैयारी कर ली है। अब तक बिल्डिंग परमिशन के समय लिए जाने वाले टैक्स को आश्रय शुल्क की जगह शहर विकास शुल्क के रूप में वसूला जाएगा। वहीं जल्द ही 2000 वर्गफीट तक के भूखंडों पर निर्माण के लिए भी नगरीय निकाय की अनुमति की बाध्यता भी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहां पहले घर बनाने के लिए बिल्डिंग परमिशन लेने में बड़ी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब इसे आसान बना रहे हैं। जल्द ही 2000 वर्ग फ़ीट तक के भूखंड पर स्वयं के रहने के लिए मकान के निर्माण के लिए लोगों को नगर निगम से परमिशन लेने की बाध्यता नहीं होगी। बस इसके लिए कुछ मानदंड रखे जाएंगे जिनका पालन करने के साथ ही पहले निर्माण शुल्क जमा कराना जरूरी होगा। CM डॉ.मोहन यादव ने इसकी अनुशंसा की थी।
अब लेंगे शहर विकास शुल्क
मंत्री ने कहा पहले नगरीय निकाय बिल्डिंग निर्माण की परमिशन के दौरान जो आश्रय शुल्क जमा कराते थे उसे अब शहर विकास शुल्क के रूप में लिया जाएगा। कमर्शियल भवनों के निर्माण के लिए पूर्व से तय शुल्क की दर पर विभाग नए सिरे से विचार करेगा। जमा होने वाले टैक्स से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को शहरी क्षेत्रों में कम कीमत पर मकान बनाकर दिए जाएंगे।
अब बनने वाली अवैध कॉलोनियों पर होगी कार्रवाई
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा अब तक नियमों की अनदेखी करके बनाई गई कॉलोनियों को सरकार ने वैध कर दिया है, लेकिन अब किसी भी कमी के साथ ऐसी कॉलोनी बनाने पर कोलोनाइजर पर सख्त कार्रवाई करेंगे। शहरों में लोगों को अच्छी सुविधा मिले इसके लिए नए सिरे से प्लानिंग की जा रही है। नगरीय विकास और आवास विभाग व्यवस्थाओं में बड़ा परिवर्तन करने की तैयारी कर चुका है।