MP की पहली महिला एवरेस्ट विजेता मेघा परमार को भी दिया जाए विक्रम अवार्ड

मध्य प्रदेश की पहली महिला एवरेस्ट विजेता मेघा परमार को विक्रम अवार्ड से वंचित करने का निर्णय राज्य की जनता और विशेषकर महिला समुदाय के लिए निराशा का कारण बन सकता है। उनके साहसिक कार्य ने महिलाओं को प्रेरित किया

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Reena Sharma Vijayvargiya
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MP News : पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विवेक कृष्ण तन्खा ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने मध्य प्रदेश की बेटी मेघा परमार को विक्रम अवार्ड के लिए नामांकित न करने पर चिंता जताई है।

मेघा परमार ने 22 मई 2019 को माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया था। राज्य सरकार ने भावना डहरिया को विक्रम अवार्ड के लिए नामांकित किया, लेकिन मेघा का नाम छोड़ दिया गया। इस निर्णय से प्रदेशवासियों की भावनाएं आहत हुई हैं।

मेघा परमार की साहसिक यात्रा

मेघा परमार ने एवरेस्ट की शिखर चोटी पर चढ़ाई कर केवल अपने परिवार और राज्य का नाम नहीं रोशन किया, बल्कि पूरी दुनिया में महिलाओं को प्रेरित किया। उनकी इस उपलब्धि से यह साबित होता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं, और वे हर मुश्किल को पार करने की क्षमता रखती हैं।

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साहस और प्रेरणा की मिसाल - मेघा परमार

मेघा परमार ने अपनी साहसिक यात्रा में केवल अपने परिवार और राज्य का ही नाम रोशन नहीं किया, बल्कि उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। एवरेस्ट की चोटी पर चढ़कर, उन्होंने महिलाओं के लिए एक मिसाल प्रस्तुत की और यह दिखाया कि महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं।

इसके अलावा, मेघा परमार "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में भी कार्य कर चुकी हैं, और समाज में महिला सशक्तिकरण के लिए उन्होंने निरंतर प्रयास किए हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल पर्वतारोहण तक सीमित नहीं है, बल्कि उनका समाज में महिलाओं के अधिकारों को लेकर योगदान भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

12 जून 2025 को दिया जाना है यह अवॉर्ड 

विवेक कृष्ण तन्खा ने कहा, यह अवॉर्ड 12 जून 2025 को दिया जाना है लेकिन मेधा को विक्रम अवार्ड के लिए नामांकित न किया जाना काफी दुखद है और इससे प्रदेश के खिलाडियों में भारी निराशा का भाव है। बेटियों के प्रति आपकी संवेदनशीलता कई अवसरों पर सामने आई है इसीलिए उन्होंने सीएम से अनुरोध किया है कि आप मेरी बात अन्यथा न लेते हुए प्राथमिकता के आधार पर इस विषय को विचार में लाएंगे और विशाल हृदय के साथ बेटी मेघा परमार के साथ न्याय करते हुए प्रतिभाओं के सम्मान की रक्षा करेंगे।

इन्हें कर चुके हैं सम्मानित 

उन्होंने कहा,पूर्व में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इस अवार्ड के लिए अपनाई गई चयन प्रक्रिया भी एक उदाहरण के रूप में सामने हैं। प्रदेश के युवा पर्वतारोही भगवान सिंह और रत्नेश जी के बीच इस समिट को कंपलीट करने में एक दिन का अंतर था। सरकार ने एमपी का गौरव बढ़ाने वाले दोनों व्यक्तित्वों को विक्रम अवॉर्ड प्रदान कर उनका सम्मान बढ़ाया था। प्रतिभाओं के प्रोत्साहन और नारी सम्मान के मामले में मध्यप्रदेश अत्यंत संवेदनशील प्रदेश है। जनमानस में बेटियों के लिए यहाँ बहुत आदर और सम्मान है।

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भावना डेहरिया के बारे में 

भावना डेहरिया भी मध्य प्रदेश की एक और बेटी हैं, जिन्होंने समाज में अपनी अहम पहचान बनाई है। भावना की कार्यक्षमता और साहस को देखते हुए उन्हें भी राज्य स्तर पर उचित सम्मान दिया जाए,यह खुशी की बात है लेकिन उन्हीं के साथ मेघा परमार सम्मानित किया जाना चाहिए ताकि यह संदेश जाए कि राज्य में महिलाओं की पहचान सिर्फ उनके कार्यों से नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और साहस से भी बनाई जाती है।

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राज्य सरकार से अपील

मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि वे मेघा परमार और भावना डेहरिया को विक्रम अवार्ड से वंचित न करें। इन दोनों महिलाओं की साहसिक यात्रा न केवल प्रदेश के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी है। यदि राज्य सरकार इन दोनों को सम्मानित करती है, तो यह न केवल उनके साहस को सराहेगा, बल्कि अन्य महिलाओं को भी अपनी राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

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महिलाओं के लिए प्रेरणा और सम्मान

मध्य प्रदेश की बेटियों, विशेषकर मेघा परमार और भावना डेहरिया, ने साबित कर दिया है कि महिलाएं किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं। इन दोनों की सफलता हमारे समाज और राज्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें उचित पुरस्कार मिलना चाहिए, ताकि अन्य महिलाएं भी उनके मार्ग पर चलकर अपने सपनों को साकार कर सकें।

इस अपील के जरिए यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश की महिलाओं को सम्मान और पुरस्कार मिलना चाहिए, ताकि उनकी प्रेरणा से अन्य महिलाएं भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। राज्य सरकार को इस मामले में उचित कदम उठाकर मेघा और भावना के संघर्ष और साहस को सम्मानित करना चाहिए।

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