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INDORE.एमजीएम मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर बनने के लिए आए स्टूडेंट्स को डर का सामना करना पड़ता है। यहां रैगिंग के सात मामले सामने आ चुके हैं। पिछले दो सालों में हर बार शिकायत वापस ले ली गई।
इसके बावजूद रैगिंग का सिलसिला जारी रहा। ताजा मामला इतना गंभीर है कि पीड़ितों ने शिकायत के साथ ही साथ अपनी सुरक्षा की मांग भी की है। वहीं इस मामले में thesootr ने कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया के मोबाइल पर कॉल कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की। वहीं, उन्होंने कॉल नहीं उठाया। इससे उनका पक्ष नहीं आ पाया है।
धोखे से फ्लैट पर बुलाया
इस बार एक नया मामला सामने आया है। इसमें सीनियरों ने जूनियरों को धोखे से फ्लैट बुलाया। वहां मारपीट की और अपशब्द कहे। इसके अलावा, उन्हें शराब और सिगरेट पीने का दबाव भी डाला।
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यूजीसी को शिकायत
एमबीबीएस के 2025 बैच के छात्रों ने नेशनल एंटी रैगिंग सेल में शिकायत की है। इन छात्रों ने आरोप लगाया है कि 2024 बैच के सीनियरों ने तीन घंटे तक उन्हें बंधक बनाए रखा।
मामले में एमबीबीएस के साल 2025 बैच के विद्यार्थियों ने शिकायत की है। वहीं यह शिकायत यूजीसी की नेशनल एंटी रैगिंग सेल को की गई है। इन छात्रों ने 2024 बैच के सीनियर छात्रों पर तीन घंटे तक बंधक बनाए रखने का आरोप लगाया है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज रैगिंग केस की खबर पर एक नजर...
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चार को किया सस्पेंड
रैगिंग का मामला सामने आने के बाद चार सीनियरों को एक महीने के लिए सस्पेंड किया गया है। इनके खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज की गई थी।
दो वर्षों में सात बार रैगिंग, हर बार शिकायत वापस
एमजीएम मेडिकल कॉलेज में दो सालों में सात बार रैगिंग की शिकायत हुई है। दिसंबर 2024 में प्लीज हेल्प मी नाम से बने एक्स अकाउंट पर रैगिंग की शिकायत की गई।
इसमें 54 छात्रों के बयान कमेटी ने लिए थे। वहीं, सभी ने रैगिंग से इंकार कर दिया था। यूजीसी दिल्ली में की गई शिकायत में एक छात्र ने कहा कि 2018 बैच के सीनियर के जरिए होस्टल की छत पर रैगिंग की जाती है।
अक्टूबर 2025 में एक छात्रा ने रैगिंग के कारण परेशान होकर 14 दिन घर जाने की बात कही थी। इससे उसके वजन में 22 किलो की कमी हो गई थी। हालांकि बाद में उसने अपनी शिकायत वापस ले ली थी।
प्रबंधन पर उठे सवाल
बार-बार रैगिंग के मामले सामने आने के बाद प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल कार्रवाई के बजाय प्रबंधन मामले को मैनेज करने में लग जाता है। पीड़ित बयान वापस ले लेते हैं और केस दब जाता है।
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