/sootr/media/media_files/2025/03/12/zHSxbgwDYlu2EyBjhU9S.jpg)
चैंपियनशिप ट्रॉफी में भारत की जीत के बाद रविवार रात को इंदौर के महू में हुआ उपद्रव, पूरी तरह से सुनियोजित था और पहले से इसकी प्लानिंग थी। इसमें पहली बार कश्मीर स्टाइल को अपनाया गया और उसी तर्ज पर मुंह पर रूमाल, कपड़ा बांध कर यानी पहचान छिपा कर पत्थरबाजी की गई। गर्म पानी में मिर्च को घोल बनाकर रखा गया ताकि पुलिस पर फेंका जा सके। इसका खुलासा द सूत्र ने पहले ही कर दिया था। अब महू मामले में दर्ज हुई एफआईआर में कई और खुलासे हो रहे हैं। द सूत्र के पास एक वीडियो आया और वहीं एफआईआर की डिटेल, इसमें पुलिस भी खुद फरियादी है और इस पर भी पथराव हुआ। वहीं पुलिस ने अब वाट्सएप नंबर (7587630766) जारी कर आमजन से घटना को लेकर वीडियो, फोटो मांगे हैं, जिससे उपद्रवियों की पहचान हो सके।
अभी नौ एफआईआर, दो पर रासुका
मामले में नौ एफआईआर हो चुकी है, इसमें 40 से ज्यादा नामजद आरोपी हैं। कई को गिरफ्तार किया गया है और आरोपी सोहेल पिता साहिद कुरैशी और एजाज पिता मोहम्मद रफीक खान पर कलेक्टर आशीष सिंह ने रासुका भी लगाई है। अभी और आरोपियों पर रासुका लगेगी। सभी के वीडियो पुलिस द्वारा खंगाले जा रहे हैं।
इस एफआईआर में खुलासा
महू थाने में दर्ज सब इंस्पेक्टर मोहित तोमर पिता उमेश तोमर ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उनकी शिकायत पर थाने में 145/25 क्राइम दर्ज हुआ है और इसमें बीएनएस धारा 132, 121 (1), 191(2), 190, 326 (एफ), 324 (4) धारा लगी है। एफआईआर में लिखा है कि नौ मार्च को मेरी ड्यूटी जुलूस में लगी थी, उसमें कुछ अज्ञात लोग पथराव कर रहे थे, उन लोगों को मेरे और स्टाफ के द्वारा विवाद को रोका गया, लेकिन अज्ञात लोगों ने मिलकर शीतला माता मंदिर फिक्स पाइंट पर लगे आरक्षक विरेंद्र सिंह की ओर मोटरसाइकिल (एमपी 20 एमएम 9110) और आरक्षक नरेंद्र सिंह की मोटरसाइकल (एमपी 09 एमएस 7004) में आग लगा दी। समझाया था कि पुलिस पर पथराव नहीं करें, फिर भी अज्ञात लोगों द्वारा पुलिस पर पथराव करते हुए शासकीय काम में बाधा पहुंचा गई और पुलिस की मोटरसाइकिल में आग लगाई गई।
ये भी खबर पढ़ें... बुरहानपुर में धार्मिक स्थल को लेकर भिड़े दो पक्ष, जमकर हुई पत्थरबाजी
धमकाया की जीत का जश्न मनाने मना किया था
वहीं महू थाने में एक और एफआईआर 146/25 दर्ज हुई। इसमें भी अज्ञात के खिलाफ 191(2),190, 296, 115(2), 351(2), 324(4), 61(2) के तहत केस हुआ। फरियादी अर्थव यादव ने बताया कि मैं और मेरे पिता बाइक से भंवरीलाल मिठाई मही पर दूध पीने जा रहे थे, तभी सामने से भीड़ आते दिखाई दी और बाइक पलटाने लगे, तभी एक ने मेरे पिता को पकड़कर गिरा दिया। बोले लगने के सालों पहले भी समझाया था कि जीत का जश्न मनाने के लिए सड़कों पर मत उतरना, उसका अंजाम बुरा होगा। मैंने कहा कि हम कहीं और जा रहे थे, लेकिन वह नहीं माने और गालियां दी, फिर मिलकर डंडे से मारने लगे, मैं बाइक छोड़कर भाग गया, लोगों ने मेरी बाइक तोड़ दी।
इस एफआईआर से भी साजिश का खुलासा
एक मामले में शिकायत कराने वाले फरियादी गजराज उर्फ पप्पू कौशल ने एफआईआर में बताया कि 9 मार्च 2025 की रात करीब 11.30 बजे वह अपने दोस्तों पंकज, मुकेश, प्रीतेश, शरद, आशीष, रजीत, सुमित और अन्य के साथ भारत की जीत का जश्र मना रहे थे। शांति से जुलूस निकालते वक्त अकबर का तकिया, पत्ती बाजार, टाल मोहल्ला और बत्तख मोहल्ला के 17 नामजद आरोपियों सहित अन्य लोगों ने उन पर हमला बोल दिया। एफआईआर के अनुसार, हमलावरों ने गालियां दीं और पहले से इकट्ठा किए गए ईंट-पत्थरों से पथराव किया। जिसमें गजराज के कंधे, शरद के पैर और कंधे, आशीष के चेहरे, सुमित और रंजीत के हाथ-पैर पर चोटें आईं। यह भी कहा कि "आरोपी बोले कि हमने तो पहले से प्लान बनाकर रखा था कि तुम चिल्ला-चिल्लाकर जश्न मनाओगे तो आज तुम्हारा इलाज कर देंगे। गाली देकर बोले कि तुम आज तो बच गए। आइंदा हमारे सामने चिल्लाकर जुलूस निकालने की कोशिश की तो जान से खत्म कर देंगे।
पहले से इकट्ठा करके रखे थे ईंट, पत्थर
शिकायतकर्ता गजराज उर्फ पप्पू कौशल ने एफआईआर में लिखवाया है कि 'हम सभी ने गालियां देने से मना किया तो सभी ने एकमत होकर पहले से इकट्ठा करके रखे ईंट पत्थर से हम पर पथराव कर दिया। हमलावरों ने गजराज की बस (MP-09-FA-4148) और उनके भाई कालू की बसों (MP-09-FA-8522, MP -30-P-0383) में भी तोड़फोड़ की
इस तरह एक-एक क्षेत्र में सुनियोजित उपद्रव किया
- दंगे की शुरूआत सबसे पहले महू के जामा मस्जिद क्षेत्र में हुई। यहां निकल रहे जुलूस पर मस्जिद से बाहर आए लोगों ने जमाकर होकर मारपीट की। वाहनों को तोड़ा। 200 से ज्यादा लोग जमा हो गए। पुलिस यहां कंट्रोल करती इसके पहले भीड़ प्लानिंग से दूसरी जगह पहुंच गई।
- इसके बाद मार्केट चौक यानी धानमंडी चौराहे पर यह भीड़ जमा हुई और यहां पर पत्थरबाजी और वाहनों की तोड़फोड़ शुरू कर दी।
- पुलिस यहां तक पहुंचती इसके पहले ही पत्ती बाजार में उपद्रव शुरू हो गया
- इसके बाद मामला हम्माल मोहल्ला पहुंच गया और यहां पर वाहनों में आग लगाई गई
गर्म पानी में मिर्ची, पत्थर और पेट्रोल
यह पूरी साजिश थी इसको लेकर तीन बातों से इसका खुलासा हो रहा है। पत्थरों का ढेर, सबसे बड़ा सबूत है। जहां भी पत्थरबाजी हुई, वहां भारी संख्या में यह मिले हैं। यह भरे बाजारों में एकदम से कैसे आ गए। यह पहले से जमा किए हुए थे। यह पत्थर छतों से भी पुलिस और दूसरी भीड़ पर फेंके गए। बाजारों में इन पत्थरों से एक पक्ष विशेष की दुकान और घरों पर हमला कर टारगेट किया गया। वहीं पेट्रोल बम फेंके गए। यानी पेट्रोल पहले से ही जमा था और इसके बम बनाकर टारगेट कर फेंके गए। वहीं सबसे गंभीर बात, इस मामले में छतों पर गर्म पानी में मिर्च बनाकर भी रखा गया और इसे फेंका गया। यह बहुत घातक तरीका होता है दंगों, उपद्रव के दौरान, पुलिस और अन्य सुरक्षा बल को रोकने के लिए।
ये भी खबर पढ़ें... संसद में टीएमसी सांसदों का हंगामा , महुआ मोइत्रा पर भड़क उठे स्पीकर ओम बिड़ला
महिलाओं ने लगाए नारे
बात यही नहीं रूकी। स्थानीय लोगों ने द सूत्र को बताया कि इस दौरान एक वर्ग की महिलाओं ने उपद्रवियों के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। यानी इस उपद्रव को लेकर एक वर्ग विशेष के लोगों ने खुलकर उत्पात मचाया और महू के कोने-कोने में जाकर हंगामा किया और वाहनों में तोड़फोड़ से लेकर आगजनी जैसी घटनाएं की।
पुलिस ने लोगों से मांगे वीडियो
उधर. इंदौर ग्रामीण पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान के लिए आमजन के नाम संदेश के साथ वाट्सअप नंबर 7587630766 जारी किया है। इसमें अपील की गई है कि महू में 9 मार्च को हुई सांप्रदायिक घटना को लेकर किसी के पास घटना घटित करने वालों के वीडियो, फोटो है तो इनके स्थान की जानकारी देते हुए वाट्सअप नंबर पर भेज सकते हैं। वीडियो भेजने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। महू नगर में शांति व्यवस्था बनाए रखने और उपद्रवियों को कठोर कार्रवाई के लिए जन सहयोग अपेक्षित है।
thesootr links
- मध्य प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- रोचक वेब स्टोरीज देखने के लिए करें क्लिक