मध्यांचल ग्रामीण बैंक में 25 लाख की धोखाधड़ी, EOW की बड़ी कार्रवाई
मध्यांचल ग्रामीण बैंक के मैनेजर रमन बिहारी खरे ने 2015-2017 के दौरान 25 लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी की। EOW ने उनके और अन्य आरोपियों पर केस दर्ज कर जांच शुरू की।
टीकमगढ़ जिले की मोहनगढ़ शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक रमन बिहारी खरे पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) ने गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया है। आरोप है कि खरे ने अपने कार्यकाल (2015-2017) के दौरान बैंकिंग नियमों का उल्लंघन कर बैंक और खाता धारकों को लाखों रुपये का नुकसान पहुंचाया।
शिकायत के अनुसार, रमन बिहारी खरे ने निजी व्यक्ति भगवत सिंह बुंदेला और अन्य के साथ मिलकर कई अनियमितताएं कीं है खातों से धन स्थानांतरण: खाता धारकों के पैसे बिना अनुमति के भगवत सिंह बुंदेला के खाते में स्थानांतरित किए। शासकीय योजनाओं का दुरुपयोग: सरकारी अनुदानों का अनुचित लाभ दिलाया। फर्जी ऋण वितरण: बिना पूर्ण दस्तावेजों के फर्जी ऋण जारी किए। संयुक्त खाते में धन जमा: अन्य खातों की राशि अपने और अपनी पत्नी के खाते में जमा करवाई। सीमा से अधिक ऋण आहरण: स्वीकृत सीमा से अधिक ऋण राशि आहरण कर नियमों का उल्लंघन किया। इन कृत्यों से बैंक को 25 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
EOW ने रमन बिहारी खरे, भगवत सिंह बुंदेला और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 409 (आपराधिक विश्वासघात), 120बी (आपराधिक साजिश) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7सी, 13(1)(ए), 13(2) के तहत मामला दर्ज किया है।
EOW अधिकारियों ने बताया कि जांच में कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। इनसे पुष्टि होती है कि आरोपियों ने बैंकिंग प्रणाली में विश्वासघात किया। यह मामला बैंकिंग नियमों और नैतिकता के गंभीर उल्लंघन का प्रतीक है। मामले की विस्तृत जांच जारी है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।