लाड़ली बहना ने रोकी मिनी आंगनबाड़ी की राह

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के भारी बजट के चलते राज्य सरकार द्वारा संचालित इन मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को उन्नयन (Upgradation) की अनुमति नहीं मिल पाई है।

Advertisment
author-image
Deeksha Nandini Mehra
New Update
मिनी आंगनबाड़ी योजना!
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

लाड़ली बहना योजना (Mukhyamantri Ladli Behna Yojana) के बड़े बजट के कारण मिनी आंगनबाड़ी की योजना रुक गई है। राज्य सरकार ने इस खर्च को मंजूरी नहीं दी है, जिससे केंद्र सरकार (Central Government) की योजना पर अमल नहीं हो पा रहा है।

ये खबर पढ़िए ...पांच दिन पहले चीन से लौटी मेडिकल छात्रा की चौथी मंजिल से गिरकर मौत

मिनी आंगनबाड़ी पर राज्य सरकार की वित्तीय बाधा

महिला और बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) द्वारा संचालित मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों (Mini Anganwadi Centers) को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्र (Full Anganwadi Centers) में बदलने की केंद्र सरकार (Central Government) की योजना पर राज्य सरकार (State Government) की वित्तीय बाधाएं आ खड़ी हुई हैं। 

ये खबर पढ़िए ...बड़े अफसरों और नेताओं के साथ फोटो खिंचाकर, रौब झाड़ता था फ्रॉड आचार्य

मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना (Mukhyamantri Ladli Behna Yojana) के भारी बजट के चलते राज्य सरकार द्वारा संचालित इन मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को उन्नयन (Upgradation) की अनुमति नहीं मिल पाई है। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए भारी भरकम राशि आवंटित कर दी है, जिसके चलते फिलहाल और खर्च को अनुमति देने से मना कर दिया गया है।

केंद्र सरकार की इस योजना पर अमल नहीं

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में महिला और बाल विकास विभाग द्वारा संचालित 12,670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को आंगनबाड़ी केंद्रों में परिवर्तित करने की योजना थी। जिस पर राज्य सरकार को 60 करोड़ रुपए का खर्च उठाना पड़ता। वित्त विभाग (Finance Department) ने इस खर्च को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।

इस निर्णय के पीछे मुख्य कारण मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के लिए आवंटित बड़ा बजट है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार, वित्त विभाग द्वारा मंजूरी न मिलने के कारण केंद्र सरकार की इस योजना पर अमल नहीं हो पा रहा है। जबकि अन्य राज्यों में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलने का काम पूरा हो चुका है।

ये खबर पढ़िए ...भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद का आवेदन खारिज, जारी रहेगी याचिका पर सुनवाई

फाइनेंस का अड़ंगा क्यों?

मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को पूर्ण आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलने के बाद यहां कार्यरत कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं (Workers and Helpers) के मानदेय (Honorarium) में वृद्धि होगी। केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि के अलावा 60 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार राज्य सरकार पर आएगा। इसे ध्यान में रखते हुए वित्त विभाग ने इस योजना पर रोक लगा दी है। मध्य प्रदेश में वर्तमान में 12,670 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र और 97,000 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं।

ये खबर पढ़िए ...सागर में परेड के दौरान डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने ऐसा क्या कर दिया, भड़क गई कांग्रेस

सरकार की ओर से सुविधाओं में बढ़ोतरी

हालांकि, सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों में लगातार सुविधाओं को बढ़ा रही है। पांच साल तक के बच्चों के वजन लेने और उन्हें कुपोषण से बचाने के लिए कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा, महिलाओं और किशोरियों (Adolescent Girls) के स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों का संचालन भी आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जा रहा है। हाल ही में, सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए स्थायी मोबाइल सिम (Permanent Mobile SIM) जारी करने का निर्णय लिया है और इस दिशा में मोबाइल ऑपरेटरों से ऑफर भी मंगाए गए हैं।

thesootr links

द सूत्र की खबरें आपको कैसी लगती हैं? Google my Business पर हमें कमेंट के साथ रिव्यू दें। कमेंट करने के लिए इसी लिंक पर क्लिक करें

Ladli Behna Yojana मिनी आंगनबाड़ी लाड़ली बहना योजना Mini anganwadi MP Goverment मध्य प्रदेश सरकार