सीएम हाउस में आज मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीसा बंदियों से मुलाकात की। प्रदेश के 750 मीसाबंदी राजधानी भोपाल पहुंचे हैं। 1975 में लगी आंतरिक इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर भाजपा कल से ही विभिन्न कार्यक्रम कर रही है। इसी क्रम में आज लोकतंत्र सेनानी संघ का राजधानी भोपाल में सम्मेलन हुआ।
मीसाबंदी सम्मेलन में सीएम मोहन यादव ने सीएम हाउस पधारे मीसाबंदियों और उनके परिवार को संबोधित किया। सीएम ने कहा कि आज पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार तीसरी बार भारत को गौरवांवित कर रही है। इसमें सबसे बड़ा योगदान मीसाबंदियों का है। आपने इमरजेंसी के काले काल के पृष्ठों को मिटाकर सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को पुनः स्थापित कर दिया।
मीसाबंदियों ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र सौंपा
मीसाबंदी सम्मेलन में पहुंचे लोकतंत्र सेनानी संघ के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को अपने हितों के लिए मांगपत्र सौंपा।इस मांगपत्र में लिखी सभी मांगों को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंच में पढ़कर सुनाया। साथ ही मंच से ही सभी मांगो को स्वीकार करने की घोषणा कर दी। मीसाबंदियों की मुख्य मांगे थीं-
- लोकतंत्र सेनानियों को सर्किट हाउस, विश्राम गृह में 50 परसेंट की छूट और तीन दिन तक ठहरने की छूट दी जाए।
- जो दीवंगत लोकतंत्र सेनानी ताम्रपत्र से छूट गए थे, उन्हें ताम्रपत्र से सम्मानित किया जाए।
- स्वतंत्रता सेनानियों की तरह लोकतंत्र सेनानियों को भी टोल नाके में छूट दी जाए।
- आयुष्यमान योजना के तहत व्यय के भुगतान में अधिक विलंब न हो।
- लोकतंत्र सेनानियों के स्वर्गवास के बाद उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से होना चाहिए।
- आपातकाल को स्मरण करने के लिए पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा।
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मुख्यमंत्री की मीसाबंदियों के लिए घोषणाएं
मीसाबंदियों द्वारा सौंपे गए मांगपत्र के अलावा मुख्यमंत्री मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानियों के लिए अन्य घोषणाओं का भी ऐलान किया। प्रदेश सरकार मीसाबंदियों को यह लाभ दिलाने जा रही है-
- एयर एंबुलेंस का लाभ लोकतंत्र सेनानियों को मिलेगा।
- एयर टैक्सी में आने-जाने के लिए लोकतंत्र सेनानियों को 25 परसेंट की छूट मिलेगी।
- लोकतंत्र सेनानी की मृत्यु पर अंत्येष्टी के लिए 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए दिए जाएंगे।
- मीसाबंदियों के बच्चों के रोजगार के लिए प्रशिक्षण देने का ऐलान किया।
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दोपहर भोज का आयोजन
मुख्यमंत्री आवास में आज मीसा बंदियों और मुख्यमंत्री मोहन यादव की मुलाकात के बाद दोपहर भोज का भी आयोजन किया गया है। 750 मीसा बंदियों सहित उनके परिवार के भी स्वागत सत्कार का आयोजन किया गया है।
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