BHOPAL. अनियमितताओं के बावजूद सरकारी कार्रवाई कैसे टलती हैं इसका उदाहरण विधानसभा सत्र में विधायक के सवाल के रूप में सामने आया है। सागर की देवरी से बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया को मध्य प्रदेश विधानसभा में नगर पालिका अध्यक्ष पर कार्रवाई का मामला उठाना पड़ा। जांच में दोषी अध्यक्ष पर कार्रवाई से जुड़े प्रश्न का जवाब नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सदन में पेश किया।
सरकार की ओर से आए जवाब पर बीजेपी विधायक ने सदन में बेबसी जताई और कहा जब सरकार ने तय ही कर लिया है तो कुछ भी कहना अनुचित होगा। इस दौरान विपक्षी विधायक भी खिलखिलाते और चुटकी लेते दिखे।
जांच के बाद भी कार्रवाई अटका रहा विभाग
दरअसल देवरी नगर पालिका परिषद में लंबे समय से खींचतान चल रही है। विधायक बृजबिहारी पटेरिया और पार्षदों का एक धड़ा अध्यक्ष से नाराज चल रहा है। इसको लेकर लगातार नगर पालिका की बैठकों से लेकर सड़क तक विवाद भी सामने आ चुके हैं। अध्यक्ष पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं।
नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच में इन अनियमितताओं की पुष्टि होने पर शासन को प्रतिवेदन भी भेजा जा चुका है लेकिन अब तक अध्यक्ष पर कार्रवाई नहीं हुई है। विभाग की जांच में नगर पालिका अध्यक्ष पर लगे आरोपों की पुष्टि के बाद भी कार्रवाई न होने पर मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। जिस पर हाईकोर्ट भी इस मामले में अध्यक्ष पर शासन स्तर से कार्रवाई के निर्देश दे चुका है।
जांच प्रतिवेदन और हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी अब तक नगरीय प्रशासन विभाग में यह कार्रवाई विचाराधीन है। विभागीय अधिकारी इस मामले में कार्रवाई को दबाए बैठे हैं। वहीं अध्यक्ष के पास पार्षदों का बहुमत भी अब नहीं बचा है।
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नपाध्यक्ष पर नहीं चल रहा विधायक का जोर
बहुमत न होने और विभागीय जांच में पुष्टि के बाद भी नगर पालिका अध्यक्ष कार्रवाई से बचे हुए हैं। बीजेपी विधायक बृजबिहारी पटेरिया और पार्षदों का जोर भी उन पर नहीं चल रहा है। इसी वजह से विधायक ने इस मामले को विधानसभा में उठाया है। यहां भी सरकार की ओर से आए जवाब से पटेरिया हताश दिखे। उन्होंने रामचरित मानस की चौपाई 'होई है वही जो राम रची राखा, को करि तर्क बढ़ावई साखा' से अपनी विवशता पेश की।
उन्होंने कहा हमारे प्रश्न में होना वही है जो पहले ही तय हो गया है। क्या होना है, क्या नहीं होना, इसलिए तर्क-वितर्क करने से कोई लाभ नहीं है। आपने 9 अगस्त तक का समय ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारी को दे दिया है। शासन ने जांच करा ली, दोष सिद्ध पाया गया, जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश प्राप्त हैं इसके बाद भी कार्रवाई में विलम्ब। समय पर समय दिया जा रहा है। उनकी बेबसी शेर 'पीछे बंधे हैं हाथ, मुंह पर पड़े हैं ताले। किससे कहें, कैसे कहें कि पैर का कांटा निकाल दो' से भी जाहिर हुई।
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दो साल से पेश नहीं हुआ बजट, विरोध में पार्षद
देवरी नगर पालिका परिषद में 15 पार्षद हैं। राजनीतिक टकराव के चलते देवरी नगर पालिका परिषद की पीआईसी फरवरी 2024 से भंग है। 15 में से 12 पार्षदों के विरोध के चलते नगर पालिका में 2024-25 और 2025-26 का बजट तक पेश नहीं हुआ है। बैठकें भी नहीं हो रही हैं इस कारण सारे काम ठप पड़े हैं।
दो साल में चार सीएमओ बदले जा चुके हैं इसके बाद भी नगरीय प्रशासन विभाग नगर पालिका अध्यक्ष को पद से हटाने की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ा रहा है। विधानसभा में बीजेपी विधायक के प्रश्न पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें आश्वासन दिया।
अपने जवाब में विजयवर्गीय ने बताया कि शो कॉज नोटिस पर जवाब आने का आज अंतिम दिन था, लेकिन अत्यधिक बारिश की वजह से नपाध्यक्ष ने 8 दिन का समय मांगा है। हम कार्रवाई कर रहे हैं। उन्हें कड़ी सजा देंगे।
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