MP News: बीजेपी के अंदरूनी अनुशासन को लेकर इन दिनों मध्य प्रदेश में खासी हलचल दिखाई दे रही है। विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा मनमर्जी से लिए गए फैसलों और संगठनात्मक निर्देशों की अनदेखी को पार्टी नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और सीएम मोहन यादव की मौजूदगी में हाल ही की शिकायतों और विवादों पर सख्त चर्चा हुई।
गिरीश की शिकायत पर प्रदीप को समझाइश
विधायक गिरीश गौतम द्वारा विधायक प्रदीप पटेल की गतिविधियों पर आपत्ति जताने के बाद संगठन ने उन्हें बुलाकर स्पष्ट निर्देश दिए। प्रदीप पटेल को चेताया गया कि पार्टी की छवि और अनुशासन के विरुद्ध कोई भी आचरण भविष्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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सागर की महापौर को कारण बताओ नोटिस
सागर महापौर संगीता तिवारी ने एमआईसी (मेम्बर इन काउंसिल) के दो सदस्यों को हटाकर मनपसंद टीम बना ली थी। इस पर पूर्व मंत्री शरद जैन और लता वानखेड़े ने संगठन से शिकायत की कि उनके समर्थकों को बाहर कर दिया गया है। संगीता तिवारी न केवल संगठन के बुलावे पर भोपाल नहीं पहुंचीं, बल्कि उनकी अनुपस्थिति को अनुशासनहीनता माना गया। इस पर प्रभारी भगवानदास सबनानी ने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के निर्देश पर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।
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देवास महापौर को भी चेतावनी
देवास से सांसद की शिकायत पर वहां की महापौर पर भी नाराजगी जताई गई। महापौर ने भी दो एमआईसी सदस्यों को बिना संगठन की सहमति के हटा दिया था। हालांकि उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों से फोन पर माफी मांग ली और भविष्य में ऐसी गलती न दोहराने का आश्वासन दिया।
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प्रीतम लोधी को भी किया गया तलब
पिछोर विधायक प्रीतम लोधी द्वारा पार्टी के खिलाफ दिए गए बयानों के चलते उन्हें भी पार्टी ने तलब किया था। वे फिलहाल राजस्थान में हैं, जिस कारण पेश नहीं हो पाए। माना जा रहा है कि वे अगली बैठक में अपना पक्ष रखेंगे।
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बीना में भी संगठन के निर्देशों की अनदेखी
बीना नगर पालिका अध्यक्ष लता शकवार ने भी पीआईसी (प्रेसिडेंट इन काउंसिल) को भंग कर नया गठन किया और पुराने दो सदस्यों को हटा दिया। उनके इस निर्णय पर भी संगठन ने कड़ी आपत्ति जताई, जिसके बाद लता शकवार ने अपनी गलती स्वीकार कर भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति न करने की बात कही है।
संगठन का स्पष्ट संदेश
सभी घटनाक्रमों से यह स्पष्ट है कि बीजेपी अब अपने जनप्रतिनिधियों को अनुशासन में रखने के लिए सख्त रुख अपनाने जा रही है। संगठन ने संदेश दिया है कि पार्टी लाइन से हटकर कोई भी निर्णय या बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भविष्य में ऐसी दोबारा गलती पर कार्रवाई तय है।
बीजेपी संगठन के सख्त निर्देश
- बिना पार्टी नेतृत्व की अनुमति के बड़े फैसले नहीं लिए जाएंगे।
- अनुशासनहीनता पर तुरंत कार्रवाई होगी।
- संगठन के बुलावे पर अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा।