मोहन सरकार में बड़े बदलाव की आहट, कैबिनेट की परफॉर्मेंस रिपोर्ट से होगा मंत्रिमंडल में होगा फेरबदल!

मध्य प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव अपनी कैबिनेट में बदलाव कर सकते हैं। परफॉर्मेंस के आधार पर लगभग पांच मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL. मध्य प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज है। सत्ता और संगठन के स्तर पर लंबे समय से चल रहे चिंतन-मंथन के बाद अब फैसला सामने आने की घड़ी नजदीक है। सीएम मोहन यादव अपनी कैबिनेट को लेकर बड़ा कदम उठा सकते हैं। संकेत हैं कि परफॉर्मेंस के आधार पर लगभग पांच मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है।

क्यों जरूरी हुआ मंत्रिमंडल पर पुनर्विचार

सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लंबे समय से कुछ मंत्रियों के आपसी टकराव और कमजोर कामकाज से असहज थे। सरकार के दो साल पूरे होने के बाद मंत्रियों के प्रदर्शन का ठोस डाटा और रिपोर्ट कार्ड मौजूद है। इसी आधार पर कार्रवाई का रास्ता साफ हुआ है।

रिपोर्ट कार्ड बनेगा एक्शन की नींव

मोहन सरकार ने दो साल के कार्यकाल में हर मंत्री के कामकाज का बारीकी से मूल्यांकन किया है। रिपोर्ट कार्ड के जरिए यह तय किया गया कि कौन मंत्री उम्मीदों पर खरा उतरा और कौन कमजोर साबित हुआ। यह रणनीति सत्ता और संगठन दोनों स्तर पर अनावश्यक फजीहत से बचने की मानी जा रही है।

सत्ता-संगठन की बैठकों में कई बार उठा मुद्दा

मंत्रिमंडल फेरबदल की चर्चाएं नई नहीं हैं। सत्ता और संगठन की बैठकों में यह विषय कई बार एजेंडे पर आ चुका है। अब जब परफॉर्मेंस डाटा पूरी तरह तैयार है, तो मोहन सरकार इसे अमल में लाने के मूड में नजर आ रही है।      

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खराब परफॉर्मेंस पर बाहर, नए चेहरों को मौका

जानकारी के मुताबिक, कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। साथ ही कुछ वरिष्ठ विधायकों की भी मंत्रिमंडल में एंट्री संभव है। इसे 2026 में प्रस्तावित कैबिनेट विस्तार से पहले का बड़ा संकेत माना जा रहा है।

समीक्षा बैठकों में खुला लेखा-जोखा

मुख्यमंत्री की हालिया समीक्षा बैठकों में मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट सामने आई। कुछ मंत्रियों को अच्छे अंक मिले, जबकि कुछ अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके। कमजोर प्रदर्शन वालों पर दोबारा समीक्षा और कड़े फैसले के संकेत दिए गए हैं।

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सूत्रों के अनुसार बेहतर परफॉर्मेंस वाले मंत्री (अलग-अलग सूची)

डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा-समग्र कामकाज संतोषजनक। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला- विभागीय प्रदर्शन परसकारात्मक रिपोर्ट। कैलाश विजयवर्गीय (नगरीय प्रशासन मंत्री) – शहरी विकास कार्यों की सराहना। प्रहलाद सिंह पटेल (पंचायत मंत्री) – पंचायत स्तर पर काम की सराहना। धर्मेंद्र सिंह लोधी-पर्यटन और संस्कृति के क्षेत्र में बेहतर पहल। तुलसीराम सिलावट-विभागीय नवाचारों को लेकर प्रशंसा। गौतम टेटवाल – कौशल विकास में नवाचार, पीएम पार्क को लेकर सकारात्मक फीडबैक।

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जिन मंत्रियों को सुधार की जरूरत (अलग-अलग सूची)

दिलीप अहिरवार (राज्यमंत्री) – टारगेट और योजनाओं को लेकर नए दिशा-निर्देश। नारायण सिंह पंवार – मछुआ कल्याण योजनाओं की बेहतर मॉनिटरिंग के निर्देश। नागर सिंह चौहान – अनुसूचित जाति कल्याण विभाग में बड़े नवाचार की कमी। विजय शाह – जनजातीय विभाग के कामकाज में सुधार के निर्देश; साथ ही कर्नल सोफिया कुरैशी और लाड़ली बहनों पर दिए गए विवादित बयानों से सरकार नाराज। प्रतिमा बागरी (राज्यमंत्री) – भाई और बहनोई का नाम गांजा तस्करी में आने से मुख्यमंत्री और संगठन की नाराजगी।

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परफॉर्मेंस ही भविष्य तय करेगी

मोहन सरकार का संदेश बिल्कुल साफ है अब पद नहीं, प्रदर्शन ही राजनीति का भविष्य तय करेगा। आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल में बदलाव की तस्वीर स्पष्ट होगी, जो 2026 के विस्तार से पहले सत्ता-संगठन के संतुलन को नई दिशा दे सकती है।

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