पुलिस का चेहरा बदले, भरोसा बने पहचान: डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में CM मोहन यादव का सख्त संदेश

गुरूवार को डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पुलिस को जनता का विश्वास जीतने और उनकी मदद के रूप में देखने की बात की। उन्होंने पुलिस-जनता संवाद, नक्सलवाद के खिलाफ जीत, सोशल मीडिया जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया।

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Ramanand Tiwari
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Photograph: (the sootr)

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BHOPAL. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने साफ कहा कि पुलिस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी जनता का विश्वास जीतना और उसे बनाए रखना है। पुलिस को डर की नहीं, मदद की भावना से देखा जाना चाहिए। इसके लिए पुलिस-जनता संवाद को मजबूत करना समय की मांग है।

अचानक निरीक्षण और पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्रों में आकस्मिक निरीक्षण तुरंत शुरू करें। साथ ही पुलिस अपनी उपलब्धियों और सकारात्मक कार्यों की जानकारी भी जनता तक सक्रिय रूप से पहुंचाए। ताकि भरोसे की खाई खत्म हो।

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डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस 2025 में सख्त संदेश

गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस 2025 को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिसिंग की प्राथमिकताएं गिनाईं। कार्यक्रम की शुरुआत गार्ड ऑफ ऑनर से हुई। यहां डीजीपी कैलाश मकवाना सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

नक्सलवाद पर निर्णायक जीत, शहीदों को नमन

मुख्यमंत्री ने प्रदेश से नक्सलवाद के खात्मे पर पुलिस फोर्स को बधाई दी और शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास और जनकल्याण की गतिविधियां तेज हों, ताकि यह समस्या दोबारा सिर न उठा सके।

सोशल मीडिया: ताकत भी, चुनौती भी

डॉ. यादव ने सोशल मीडिया को आज का सबसे प्रभावी लेकिन संवेदनशील माध्यम बताया। अफवाह, भ्रम और साइबर अपराध रोकने के लिए सतत निगरानी और त्वरित कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने पुलिस को तकनीकी रूप से दक्ष और संसाधन-संपन्न बनाने पर जोर दिया।

भाषा और व्यवहार से बनेगी पुलिस की छवि

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अपराधियों में भय और आमजन में भरोसा पैदा करे। इसके लिए पुलिसकर्मियों को अपनी भाषा और व्यवहार में संवेदनशीलता लानी होगी। सामुदायिक पुलिसिंग, नवाचार और सामाजिक सरोकार से जुड़ी पहल को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए।

सड़क सुरक्षा पर जीरो टॉलरेंस

दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए मुख्यमंत्री ने जागरूकता और तकनीक-दोनों पर काम करने को कहा। ब्लैक स्पॉट की पहचान, संवेदनशील मार्गों पर नियमित पेट्रोलिंग, गति नियंत्रण और नशे में ड्राइविंग पर सख्त निगरानी के निर्देश दिए।

‘राहवीर योजना’ के व्यापक प्रचार, ड्राइवरों के नेत्र परीक्षण के लिए विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए। 108 एंबुलेंस चालकों के निजी अस्पतालों से किसी भी तरह के गठजोड़ पर सख्त रोक लगाने को कहा गया।

महिला सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि महिला सुरक्षा में कोई ढिलाई नहीं चलेगी। संवेदनशील इलाकों में विशेष निगरानी, नियमित गश्त और त्वरित कार्रवाई अनिवार्य होगी। बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाना पुलिस की जिम्मेदारी है।

नशे के खिलाफ कठोर रुख

धार्मिक शहरों में लागू शराबबंदी का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए गए। शराब, दवा या रासायनिक नशे की गतिविधियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त न करने का स्पष्ट संदेश दिया गया।

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भविष्य की तैयारी पर फोकस

कॉन्फ्रेंस में आतंकवाद विरोधी दस्ता, कानून व्यवस्था, वामपंथी उग्रवाद, पुलिस आधुनिकीकरण, महिला सुरक्षा, सिंहस्थ-2028, साइबर सुरक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण हुए।

मुख्यमंत्री मोहन यादव का संदेश साफ है कि पुलिस का रोल सिर्फ कानून लागू करना नहीं, बल्कि जनता का भरोसा जीतना है। आधुनिक, संवेदनशील और तकनीक-सक्षम पुलिस ही बदलते दौर की जरूरत है।

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