एमपी में बस सफर अब होगा और आसान, हर 60-100 किमी के बीच मिलेंगी टॉप क्लास सुविधाएं

मध्य प्रदेश में अब मुख्यमंत्री सुगम बस परिवहन सेवा के तहत यात्रियों को हाई-वे पर सुपर मार्केट, वेटिंग रूम जैसी शानदार सुविधाएं मिलने वाली हैं।

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Anjali Dwivedi
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MP NEWS: मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सुगम बस परिवहन सेवा को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यात्रियों को अधिक आरामदायक और सुविधाजनक यात्रा मुहैया कराना है। बसों के रास्ते में हर 60 से 100 किमी पर सभी आधुनिक यात्री सुविधाएं (जैसे रेस्टोरेंट, टॉयलेट और चार्जिंग) उपलब्ध होंगी।

इस योजना से यात्रियों को एक बेहतरीन अनुभव मिलेगा, ताकि वे लंबी यात्रा के दौरान भी आराम से बस यात्रा कर सकें।

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एमपी में बस सफर से जुड़ी ये खबर पांच प्वाइंट से समझें

2026 में इंदौर से शुरू होगी सुगम बस परिवहन सेवा।

बसों के रास्ते में सुपर मार्केट, रेस्टोरेंट, चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी।

2 से 10 एकड़ तक की सरकारी जमीन पर सुविधाएं बनाई जाएंगी।

बस स्टॉप पर यात्रियों के लिए सीटें और दुकानों की व्यवस्था।

ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर के लिए आरामदायक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

पीपीपी मॉडल से हो रहा है काम

मध्य प्रदेश परिवहन विभाग ने इस परियोजना के लिए पीपीपी (PPP) मॉडल तैयार किया है। इसके तहत यह सुविधाएं जल्द ही लागू की जाएंगी। सरकारी और निजी साझेदारी से यह मॉडल तेजी से काम कर रहा है, आने वाले दिनों में इस पर काम किया जाएगा। 

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बताया जा रहा है कि रास्ते में यात्रियों को सुविधाएं देने के लिए 2 से 10 एकड़ तक की जमीन दी जाएगी। उस जमीन पर इन सभी सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।

 इसके अलावा बची हुई जमीन पर आवासीय या गैर आवासीय निर्माण भी किया जाएगा, जिससे सरकार को आर्थिक मदद मिल सके। इस मॉडल का नाम ‘साइड’ रखा गया है, जिसमें सड़क किनारे यह सुविधाएं बनाई जाएंगी।

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पीपीपी मॉडल क्या है?

पीपीपी (PPP) मॉडल, जिसे हम सार्वजनिक-निजी भागीदारी (public private partnership) भी कहते हैं। इसमें सरकार और निजी कंपनियों के बीच एक साझेदारी है। दोनों मिलकर कोई सार्वजनिक सेवा या बुनियादी ढांचा जैसे सड़कें, अस्पताल या जल परियोजनाओं का निर्माण, फंडिंग, डिजाइन, देखभाल और संचालन करते हैं। 

यह साझेदारी एक तय समय के लिए होती है, जहां दोनों पक्ष, सरकार और निजी कंपनियां, लाभ और जोखिम दोनों को आपस में बांटते हैं। इसका मकसद होता है कि काम ज्यादा बेहतर तरीके से हो, और संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल हो। 

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इंदौर से शुरुआत, फिर अन्य क्षेत्रों में विस्तार

बताया जा रहा है कि इस सुविधा की शुरुआत 2026 में इंदौर से होगी। जहां इंदौर डिवीजन में चलने वाली बसों के बीच रास्ते में इन सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद उज्जैन संभाग में भी यह सेवा शुरू की जाएगी। योजना के अनुसार, इन बसों के मार्ग पर ‘साइड’ की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि यात्रा और भी आरामदायक हो सके।

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बस स्टॉप पर भी बदलाव होगा

इस परियोजना के तहत बस स्टॉप पर भी बदलाव किए जाएंगे। अब यात्रियों के बैठने के लिए उचित सीटें और साइनेज बोर्ड लगाए जाएंगे। जिससे लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

इसके अलावा हर बस स्टॉप पर एक दुकान भी खोली जाएगी, जहां यात्री अपनी जरूरत की चीजें ले सकते हैं। ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर के लिए भी आराम की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।

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यह योजना परिवहन विभाग की प्राथमिकता

इस योजना के सभी प्लान तैयार हो चुके हैं और यह योजना परिवहन विभाग (Transport Department) की प्राथमिकताओं में शामिल है। इस परियोजना के माध्यम से यात्रियों को बेहतर और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा, साथ ही प्रदेश में बस सेवा को एक नई पहचान मिलेगी।

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