मध्य प्रदेश के सीएम डॉ. मोहन यादव की सरकार को एक साल पूरा हो गया है। इस एक साल के दौरान उनकी तेज कार्यशैली की तर्ज पर आईडीए (इंदौर विकास प्राधिकरण) ने भी इस बार शहर में एक साथ कई विकास के प्रोजेक्ट खोले और इसमें से अधिकांश पूरे हो चुके हैं। खासकर 4 फ्लाईओवर, इंटरनेशनल स्तर का इंटर स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) आमजन के लिए बड़ी सौगात बन रहे हैं। साथ ही पुरानी स्कीम को मुक्त करने पर भी पहल हुई है, जिसमें सबसे बड़ा काम स्कीम 171 (शहर का इलाका) को लेकर हुआ है। इसके तहत हजारों पीड़ितों को 30 साल बाद राहत मिली है और स्कीम से मुक्ति का प्रारूप जारी हुआ है।
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एक हजार करोड़ के काम
यदि टीपीएस स्कीम को छोड़ दें तो अन्य विकास कामों में ही एक हजार करोड़ के काम इस एक साल में शुरू हुए या फिर खत्म होने जा रहे हैं। टीपीएस की लागत तो 3 हजार 336 करोड़ रुपए है। आईडीए चेयरमैन पद से जयपाल सिंह चावड़ा की राजनीतिक विदाई होने के बाद संभागायुक्त दीपक सिंह ने प्रशासक के तौर पर पद संभाला है। वहीं आईडीए सीईओ आर. पी. अहिरवार ने कामों में तेजी रखी। वहीं कलेक्टर आशीष सिंह ने भविष्य की जरूरत को देखते हुए ट्रैफिक सुगम के लिए फ्लाईओवर सिटी का विजन दिया, तो साथ ही स्कीम 171 को मुक्त कराने में पहल की गई।
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फ्लाईओवर के काम
कुल 396 करोड़ की लागत से 5 फ्लाईओवर पर आईडीए ने काम किया है, इसमें दो फूटी कोठी और भंवरकुआं में पूरी तरह चालू हो चुके हैं। दो अन्य खजराना व लव कुश फ्लाईओवर की एक-एक भुजा चालू हो चुकी है और बाकी भुजा भी जल्द पूरी होने जा रही है। एक 5 वां लवकुश लेवल टू जो कि 175 करोड़ की लागत का है यह अगस्त 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही आगे भी इंदौर को फ्लाईओवर सिटी बनाने का काम हो रहा है। सीएम की मंशा अनुसार बीआरटीएस को हटाने पर 5 फ्लाईओवर एलआईजी, इंडस्ट्री हाउस से पलासिया, गीता भवन, शिवाजी वाटिका और नवलखा पर बनाए जाने हैं। इसके सर्वे के लिए एजेंसी तय हो चुकी है। वहीं शहर में 11 अन्य लोकेशन को चिह्नित किया जा चुका है, जहां फ्लाईओवर के लिए सर्वे होगा। यह 16 फ्लाईओवर आने वाले समय में शहर की तस्वीर ही बदल देंगे और ट्रैफिक में लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
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आईएसबीटी प्रदेश का पहला एयर कूल्ड बस स्टैंड
आईडीए द्वारा अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) एमआर 10 कुमेडी काम पूरा कर लिया गया है। जिसका औपचारिक उद्घाटन होना है। यह प्रदेश का पहला एयर कूल्ड बस स्टैंड है। यह कुल सौ करोड़ की लागत से बनाया गया है, जहां सीसीटीवी सुरक्षा के बीच हर दिन 1400 बसों का संचालन होगा। अंडर ग्राउंड पार्किंग और मेट्रो के कनेक्टिविटी रहेगी। इसके साथ ही बस टर्मिनल नायता मुंडला जो 23 करोड़ की लागत से बना है। यहां से हर दिन 600 बस संचालन की क्षमता है, यह भी बनकर तैयार हो चुका है।
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लता के नाम पर ऑडिटोरियम, सीएम राइज स्कूल
आईडीए ने पश्चिमी इंदौर को सौगात देते हुए लता मंगेशकर के नाम पर ऑडिटोरियम बनाया है। यह फरवरी 2024 में 28 करोड़ की लागत से पूरा हुआ है, जिसमें 1 हजार 200 लोगों के बैठने की क्षमता है। वहीं तीन जगह पर आईडीए सीएम राइज स्कूल भी बना रहा है जो कि फरवरी 2025 में बनकर तैयार होंगे। इनकी कुल लागत 80 करोड़ से ज्यादा की है।
टीपीएस योजनाएं भी जारी
आईडीए द्वारा अभी टीपीएस 1,3,4,5,8,9,10 कुल सात योजनाओं पर काम हो रहा है, जो 1 हजार 181 हेक्टेयर में 3 हजार 336 करोड़ की लागत से है। यहां आईडीए को 754 भूखंड मिलेंगे। इस स्कीम में 44 किमी मास्टर प्लान की रोड भी बनेगी। वहीं शहर की कनेक्टिविटी के लिए एमआर 12 का काम हो रहा है जो 9.5 किमी लंबा है 250 करोड़ की लागत का है, इसी तरह एमआर 11 जो 3.5 किमी लंबा है उस पर भी काम चल रहा है।
एक साल में 75 फीसदी आवेदन निपटाए
आईडीए को एक साल में रजिस्ट्री, फ्री होल्ड, एनओसी, लीज नवीनीकरण व अन्य मामले में कुल 6 हजार 125 आवेदन एक साल में प्राप्त हुए हैं। इसमें से 4 हजार 625 का निराकरण हो चुका है जो 75 फीसदी से ज्यादा है। इसमें सबसे ज्यादा केस लीज नवीनीकरण के 1 हजार 618 केस थे, वहीं फ्री होल्ड के 1 हजार 490, ट्रांसफर के 1 हजार 212 और NOC के 1 हजार 159 सर्वाधिक केस वाले मामले थे। इन केस के निपटने से आईडीए को 43 करोड़ की आय भी हुई है।
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