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ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से ठीक पहले, मोहन सरकार एक बार फिर बड़े पैमाने पर कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। 20 फरवरी को सरकार तीन अलग-अलग हिस्सों में 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठाएगी, जिसकी अदायगी 12, 15 और 23 वर्षों में की जाएगी। यह नया कर्ज प्रदेश की वित्तीय स्थिति और खर्चों की भरपाई के लिए लिया जा रहा है।
कुल कर्ज 41 हजार करोड़ तक पहुंचेगा
इससे पहले, 1 जनवरी 2025 को सरकार ने 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इस नए कर्ज के बाद, चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा लिया गया कुल कर्ज 41 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। सरकार की लगातार कर्ज लेने की नीति को लेकर वित्तीय विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए क्या इतने कर्ज वाजिब हैं?
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इन्वेस्टर्स समिट के खर्च के लिए लिया जा रहा कर्ज?
24 और 25 फरवरी को आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन में करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसमें देश-विदेश से निवेशकों को आमंत्रित किया गया है, जिनकी यात्रा, ठहरने और अन्य व्यवस्थाओं पर भारी खर्च आने वाला है। यही कारण है कि सरकार ने 18 फरवरी को तीन अलग-अलग अवधियों के लिए 6हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने का फैसला किया है।
अगस्त 2024 में भी लिया था 10 हजार करोड़ का कर्ज
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने बड़े पैमाने पर कर्ज लिया है। अगस्त 2024 में भी सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। 6 अगस्त को 2,500-2,500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए थे, जबकि जन्माष्टमी के एक दिन बाद 27 अगस्त को भी इतने ही कर्ज उठाए गए थे। इससे साफ है कि सरकार की कर्ज लेने की नीति लगातार जारी है।
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चालू वित्त वर्ष में लिया इतना कर्ज
चालू वित्त वर्ष में सरकार ने अब तक बड़े पैमाने पर कर्ज लिया है। यह कर्ज अलग-अलग वर्षों तक चुकाने के लिए तय किया गया है।
- 1 जनवरी 2025 को सरकार ने 2500-2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए, जिनकी अदायगी जनवरी 2038 और जनवरी 2047 तक होगी।
- 26 दिसंबर 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज सरकार ने लिए, जिन्हें 2045 और 2041 तक ब्याज समेत चुकाया जाएगा।
- 27 नवंबर 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज क्रमशः 20 और 14 साल की अवधि के लिए लिए गए, जिनका भुगतान 2044 और 2038 तक होगा।
- 9 अक्टूबर 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज लिए गए, जो 2035 और 2043 तक चुकाने की योजना है।
- 25 सितंबर 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के कर्ज 12 और 19 साल की अवधि के लिए स्वीकृत किए गए।
- 28 अगस्त 2024 को 2500-2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज 14 और 21 साल की अवधि के लिए लिए गए।
- 7 अगस्त 2024 को भी 2500-2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज 11 और 21 साल की अवधि के लिए लिए गए।
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2023-24 में सरकार ने लिया था 44 हजार करोड़ का कर्ज
31 मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष तक प्रदेश पर कुल 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज था। 2023-24 के दौरान ही सरकार ने 44 हजार करोड़ रुपए का नया कर्ज लिया था। 31 मार्च 2023 तक यह कर्ज 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक था। यह साफ संकेत देता है कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बनाए रखने के लिए सरकार लगातार कर्ज पर निर्भर होती जा रही है।
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पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार को घेरा
इसको लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने मोहन सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने X पर लिखा, मध्य प्रदेश दिन पर दिन कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा है। प्रदेश के ऊपर अब तक 4.10 लाख करोड रुपए का कर्ज हो चुका है। अब BJP सरकार की कर्ज लेने की इस नीति से प्रदेश बड़े राजकोषीय संकट की ओर बढ़ रहा है।
मध्य प्रदेश दिन पर दिन कर्ज के दलदल में डूबता जा रहा है। प्रदेश के ऊपर अब तक 4.10 लाख करोड रुपए का कर्ज हो चुका है। और अब खबर आ रही है कि प्रदेश सरकार 18 फरवरी को 5000 करोड रुपए का और कर्ज लेने वाली है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) February 15, 2025
भाजपा सरकार की कर्ज लेने की इस नीति से प्रदेश बड़े राजकोषीय संकट की ओर बढ़…
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