देश में मानसून विदाई का दौर शुरू, जानें मध्य प्रदेश में कब तक होगी बारिश, आईएमडी ने दी ताजा जानकारी

मानसून की विदाई देशभर में हो रही है। इधर, राजस्थान में भी मानसून की विदाई शुरू हो गई है। वहीं, मध्‍य प्रदेश में बारिश का सिलसिला अभी आने वाले समय में भी जारी रहेगा।

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Dablu Kumar
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देश में अब मानसून वापसी की राह पर है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार से पश्चिमी राजस्थान में मानसून की विदाई शुरू हो गई है। इस बार यहां से मानसून तय समय से तीन दिन पहले ही लौट रहा है, जबकि मध्यप्रदेश से इसे विदा होने में अभी करीब दो सप्ताह और लगेंगे। दिलचस्प बात यह है कि राजस्थान में इस बार मध्यप्रदेश की तुलना में 48% अधिक बारिश दर्ज की गई है। 

राजस्थान के श्रीगंगानगर, नागौर, जोधपुर और बीकानेर से मानसून की विदाई हो चुकी है। विभाग का कहना है कि पश्चिमी राजस्थान पर बने प्रतिचक्रवाती परिसंरचना और पिछले पांच दिनों से बने शुष्क मौसम के कारण यह स्थिति बनी है। संभावना जताई जा रही है कि अगले दो से तीन दिनों में पंजाब और गुजरात के कुछ हिस्सों से भी मानसून की विदाई शुरू हो जाएगी। इस बीच रविवार को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, मंडी, कांग और पालमपुर में भारी बारिश दर्ज की गई।

15 अक्टूबर तक देश से मानसून की विदाई

मौसम विभाग का अनुमान है कि 15 अक्टूबर तक देश के अधिकांश इलाकों से मानसून पूरी तरह विदा हो जाएगा। हालांकि, दक्षिण कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई हिस्सों में 15 अक्टूबर के बाद भी बारिश जारी रह सकती है। गौरतलब है कि इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री 24 मई को केरल से हो गई थी, जो तय समय से आठ दिन पहले थी। 29 जून तक पूरे देश में मानसून फैल चुका था। 

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मेघालय इस बार सूखे से जूझता नजर आया

देश में सबसे अधिक बारिश के लिए प्रसिद्ध मेघालय इस बार सूखे हालात से जूझता नजर आया। यहां स्थित मनसिनरम और चेरापूंजी जैसे इलाके, जो हर साल भारी बारिश के लिए जाने जाते हैं, में इस बार 45% कम वर्षा दर्ज की गई। जहां सामान्य तौर पर 2438 मिमी बारिश होती है, वहीं इस बार केवल 1334 मिमी वर्षा हुई। इसके उलट लद्दाख में औसतन 19 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार यहां 99 मिमी वर्षा हुई, जो सामान्य से 421 फीसदी ज्यादा है।

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मध्य प्रदेश में इस दिन होगी मानसून की विदाई

राजस्थान के पश्चिमी हिस्से में मानसून की विदाई आमतौर पर सितंबर के दूसरे हफ्ते में शुरू हो जाती है, जबकि मध्यप्रदेश में यह लगभग दो हफ्ते बाद होती है। पिछले दस वर्षों में एक भी बार ऐसा नहीं हुआ कि एमपी में मानसून की विदाई सितंबर में हुई हो। यहां हर बार अक्टूबर में ही इसका समापन होता है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले साल भी मध्यप्रदेश से मानसून की विदाई 5 अक्टूबर से शुरू हुई थी। हालांकि विदाई का समय बदलता रहता है, लेकिन विभाग 1 जून से 30 सितंबर तक को ही मानसून सीजन के रूप में मानता है।

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एमपी में मौसम का हाल

एमपी से मानसून विदाई में अभी काफी लंबा समय है। मौसम केंद्र का अनुमान है कि प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में अगले चार दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान भोपाल और इसके आसपास के इलाकों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है। इस बार प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश श्योपुर जिले में दर्ज की गई है, जहां अब तक 1430.7 मिमी वर्षा हो चुकी है। यह सामान्य 633.3 मिमी से 126% अधिक है। वहीं शाजापुर एकमात्र ऐसा जिला है, जहां अभी तक सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। 

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देशभर में भी इस बार बारिश ने रिकॉर्ड बनाए हैं। 14 सितंबर तक देश में औसतन 784.3 मिमी वर्षा होती है, जबकि इस साल अब तक 840.3 मिमी बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 107% अधिक है। राजस्थान और केंद्र शासित लद्दाख में सबसे ज्यादा अतिरिक्त वर्षा दर्ज की गई। मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और हिमाचल समेत 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बारिश सामान्य से अधिक रही।



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