मप्र विधानसभा में हंगामा, कांग्रेस ने फसलों की बदहाली दिखाकर सरकार को घेरा

मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन एक अनोखा नजारा देखने को मिला। कांग्रेस विधायक खेतों में खराब फसलों की स्थिति दिखाने वाली तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे।

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Ramanand Tiwari
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BHOPAL.मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायकों ने किसानों की समस्या उठाई। वे खराब फसलों और सरकारी नीतियों के खिलाफ तख्तियां लेकर पहुंचे। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि किसानों को खाद, मुआवजा और उचित मूल्य नहीं मिल रहे। सरकार ने राहत राशि दी है, लेकिन कांग्रेस ने इसे अपर्याप्त बताया है। सत्र के कम दिनों पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है।

कांग्रेस विधायकों के पोस्टरों पर लिखा था 

'किसान की मेहनत खा रही सरकार' 
'किसानों के भरोसे सत्ता, अब भावांतर में डुबोया'
'सरकारी वादे मिट्टी में, किसान कर्ज में'। 
इन नारों के जरिए कांग्रेस ने किसानों की बदहाली को सीधे सदन के अंदर रख दिया।

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खाद-मुआवजा के लिए किसान भटक रहा

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद, उचित मूल्य और मुआवजे के लिए भटकना पड़ रहा है। सिंघार ने आरोप लगाया कि अन्नदाता सड़क पर संघर्ष कर रहा है। सरकार केवल भावांतर योजना का ढोल पीट रही है।

कांग्रेस का आरोप- कर्ज माफ नहीं हुआ

मुरैना से कांग्रेस विधायक दिनेश गुर्जर ने कहा कि सरकार किसानों के खेतों पर डाका डाल रही है। उनके मुताबिक, कर्ज माफ नहीं हुआ, पूरी बिजली नहीं मिली, और फसलों की कीमत नहीं मिली। फसल बीमा में नाममात्र की राशि दी गई। गुर्जर ने मांग की कि किसानों को तत्काल उचित मुआवजा दिया जाए।

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सरकार ने आरोपों को किया खारिज

राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि और नुकसान को देखते हुए सरकार पहले ही 2068 करोड़ रुपए राहत राशि के रूप में दे चुकी है। उनका आरोप था कि कांग्रेस सिर्फ प्रदर्शन करने के लिए प्रदर्शन करती है।

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अतिवृष्टि से बर्बादी, लेकिन राहत नाकाफी 

कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि भारी बारिश से किसानों का बड़ा नुकसान हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि राहत नगण्य है। मंडियों में किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे हैं। खाद की किल्लत जस की तस बनी हुई है। समर्थन मूल्य से किसान दूर हैं। बरैया ने कहा कि सरकार किसानों की आवाज सुनने को तैयार नहीं है।

किसान परेशान, सरकार उदासीन

कांग्रेस विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ने बताया कि खाद की कमी और खराब खरीद व्यवस्था से खरीफ और रबी फसलें प्रभावित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि किसान परेशान है, लेकिन सरकार की प्राथमिकता कहीं और है।

फसल नष्ट करने का मामला भी उठा

विधायक चंदा सुरेंद्र सिंह गौर ने खरगापुर क्षेत्र के 25 आदिवासी किसानों की शिकायत उठाई। उनका आरोप था कि उनकी फसलें नष्ट की गईं और जान से मारने की धमकी दी गई। मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बताया कि मामले में दोनों पक्षों की एफआईआर दर्ज है और आरोपी तलाशे जा रहे हैं। विधायक ने याद दिलाया कि 2009 में भी इसी तरह का हमला हुआ था।

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सत्र छोटा होने से कांग्रेस नाराज

इस बार का शीतकालीन सत्र केवल 1 से 5 दिसंबर तक है, जिसमें 3 दिसंबर की छुट्टी के बाद सिर्फ चार बैठकें हो रही हैं। कांग्रेस का कहना है कि इतने कम दिन में प्रदेश की गंभीर समस्याओं पर चर्चा संभव नहीं।

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