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Photograph: (the sootr)
5 पाइंट में समझिए पूरी खबर
- मध्यप्रदेश आयुष विभाग की महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. कीर्ति राठौर की दोहरी नियुक्ति को लेकर सरकार ने कार्रवाई की।
- विभाग ने होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर का पद वापस लिया, क्योंकि यह पद विभाग में अस्तित्व में नहीं था।
- द सूत्र ने इस गड़बड़ी को उजागर किया, जिसके बाद विभाग ने सुधार की दिशा में कदम उठाया।
- कांग्रेस विधायक विवेक विक्की पटेल ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद विभाग ने भ्रमित करने वाला जवाब दिया।
- विभागीय सचिव डीपी आहूजा ने दोहरी नियुक्ति को समाप्त करने की पुष्टि की और एक ही पद पर कार्यवाही की।
BHOPAL. आयुष विभाग की महिला चिकित्सा अधिकारी होम्योपैथी की दोहरी नियुक्ति समाप्त कर दी गई है। द सूत्र ने आयुष विभाग की इस गड़बड़ी को उजागर किया था। इसके बाद सरकार ने यह कदम उठाया।
विभागीय प्रमुख सचिव डीपी आहूजा ने कहा कि उक्त मामला संज्ञान में आने के बाद पूर्व में हुई त्रुटि में सुधार किया गया। उन्होंने कहा कि महिला चिकित्सा अधिकारी होम्योपैथी एवं ओएसडी डॉ कीर्ति राठौर अब सिर्फ एक ही पद पर कार्यरत हैं। उनका ड्रग इंस्पेक्टर होम्योपैथी पद का दायित्व वापस ले लिया गया है।
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बिना पद के बना दी गईं इंस्पेक्टर
आयुष विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर होम्योपैथी का कोई पद नहीं है। बावजूद,इसके डॉ राठौर को इस पद पर दोहरी नियुक्ति प्रदान कर दी गई। इसे विभाग में व्याप्त धांधली की पराकाष्ठा ही कहा जाएगा,जब एक लोकसेवक को दो—दो नियुक्तियां मिल गईं।
दोहरी नियुक्ति की जारी हुई अधिसूचना
यही नहीं,विभाग ने राजपत्र में इसकी अधिसूचना जारी करवाकर दोहरी नियुक्ति को पुख्ता कर दिया,जबकि राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग में ऐसा कोई भर्ती नियम नहीं है,जिसके तहत एक व्यक्ति को दो—दो पदों पर नियुक्त किया जा सके।
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सदन में दिया भ्रमित करने वाला जवाब
उक्त प्रकरण को कांग्रेस विधायक विवेक विक्की पटेल ने राज्य विधानसभा के पिछले सत्र में उठाया। एक लिखित सवाल के जवाब में विभाग की ओर से भ्रमित करने वाला जवाब दिया गया।
दरअसल,विधायक के सवाल पर विभागीय आयुक्त उमा महेश्वरी ने सही जानकारी शासन को भेजी। इसमें उन्होंने होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर का कोई पद नहीं होने और न ही नियुक्ति का कोई प्रस्ताव शासन को भेजे जाने की बात कही।
बाद में मंत्रालय स्तर से आयुक्त के जवाब को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। इसे लेकर विधायक ने आपत्ति जताई। द सूत्र ने मामले को इसी माह प्रमुखता से उजागर किया था। इसके बाद,विभाग अपनी गल्ती सुधारने को मजबूर हुआ।
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