एमपी में नहीं रुक रहे बाल विवाह, दमोह और राजगढ़ हॉटस्पॉट जिले, चौकाने वाले आंकड़े आए सामने

मध्य प्रदेश में बाल विवाह के आंकड़े डरा रहे हैं। 2020 से 2025 के बीच 2,916 बाल विवाह हुए। हर साल मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। 6 साल में 1,200 से ज्यादा नाबालिग मां बनीं। इन बच्चों की मौत दर सामान्य से दोगुनी है। दमोह और राजगढ़ हॉट स्पॉट जिले हैं।

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Anjali Dwivedi
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MP News: बाल विवाह रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार कई योजनाएं चला रही हैं। इसके बाद भी मध्य प्रदेश में बाल विवाह लगातार बढ़ रहे हैं। मध्य प्रदेश में बाल विवाह की स्थिति बहुत गंभीर है। विधानसभा में इसके चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।

महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल का जवाब दिया। यह जानकारी मार्च 2020 से नवंबर 2025 तक की है।

6 साल में 2 हजार 916 बाल विवाह

पिछले 6 साल में मध्य प्रदेश में कुल 2 हजार 916 बाल विवाह हुए हैं। ये केवल रजिस्टर हुए मामले हैं। हर साल बाल विवाह के मामलों में बढ़ोत्तरी दिख रही है। साल 2025 के 11 महीनों में 538 मामले दर्ज हो चुके हैं। आंकड़े बताते हैं कि हर साल औसतन 486 बाल विवाह होते हैं। यह संख्या प्रदेश की योजनाओं पर सवाल उठाती है।

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सालबाल विवाह की संख्या
2020366
2021436
2022519
2023528
2024529
2025 (11 माह)538

दमोह और राजगढ़ जैसे जिले हॉट स्पॉट बने

कुछ जिले बाल विवाह के लिए हॉट स्पॉट बने हुए हैं। दमोह, राजगढ़, सागर, गुना और देवास टॉप-5 जिले हैं। इन जिलों में बाल विवाह सबसे ज्यादा होते हैं।

दमोह में 6 साल में 343 मामले दर्ज हुए। सिर्फ 2025 में यहां 115 मामले सामने आए हैं। राजगढ़ में 6 साल में कुल 215 बाल विवाह हुए। बाल विवाह को रोकने के प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं।

जिला2020 से 2025 तक2025 (11 माह)
दमोह343115
राजगढ़21544
सागर20224
गुना14628
देवास12124

नाबालिग मां के बच्चों में मौत का खतरा दोगुना

बाल विवाह से बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। बीते छह साल में 1,200 से ज्यादा नाबालिग लड़कियां मां बनी हैं। यह आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से आया है।

देश में नवजात मृत्यु दर 27 है, यानी एक हजार बच्चों में 27 की मौत होती है। मध्य प्रदेश में यह दर 36 है, यानी एक हजार बच्चों में 36 की मौत होती है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि जिन बच्चों को नाबालिग माताओं ने जन्म दिया, उनकी मृत्यु दर सामान्य से दो गुना अधिक है।

सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम की रिपोर्ट आई है। इसके अनुसार, मध्य प्रदेश में 40% नवजात कुपोषित पैदा होते हैं। इनमें से 20% बच्चे एक साल भी नहीं जी पाते हैं।

राजगढ़ का डेटा बहुत परेशान करने वाला है। 2025 के पहले 8 महीनों में यह दिखा है। 52 नाबालिग माताओं ने 53 कुपोषित बच्चों को जन्म दिया। उनमें से 10 बच्चों की 30 दिनों के अंदर मौत हो गई। नाबालिग से जन्में बच्चों में मौत का खतरा बहुत ज्यादा होता है। इस प्रकार एमपी में बाल विवाह का मामला कम नहीं हो रहा है। 

विधानसभा में दो बिल भी पास हुए

मंगलवार को विधानसभा में दो बिल पास किए गए हैं।नगर पालिका (संशोधन) विधेयक 2025 पास हुआ है। मध्य प्रदेश दुकान एवं स्थापना (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 भी पास हो गया है। इन बिलों का बाल विवाह से सीधा संबंध नहीं है। 

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