रायसेन पुल हादसे के बाद एक्शन में एमपी सरकार, MP के 45 खराब पुलों की होगी तत्काल मरम्मत

मध्य प्रदेश में रायसेन के बरेली-पिपरिया पुल हादसे के बाद बड़ा एक्शन हुआ। लापरवाही के चलते AGM सस्पेंड किए गए। अब प्रदेश के सभी पुलों का ऑडिट होगा। साथ ही, PWD ने 45 खराब पुलों की मरम्मत के लिए 19.09 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं।

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Anjali Dwivedi
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मध्य प्रदेश में पुलों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। हाल ही में रायसेन के बरेली-पिपरिया पुल के गिरने की घटना काफी गंभीर साबित हुई है।

इस हादसे में लापरवाही के लिए अब कार्रवाई की गई है। MPRDC (मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड) ने प्रभारी AGM विक्रम सिंह ठाकुर को सस्पेंड कर दिया है।

पहले उन्हें सिर्फ शोकॉज नोटिस दिया गया था, जबकि जूनियर मैनेजर एए खान को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

2 साल से पुल बहुत खराब था

पुल ढहने की वजह साफ-साफ लापरवाही है। जांच रिपोर्ट में मेंटेनेंस में बड़ी अनदेखी की बात लिखी है। इस पुल का सर्वे एमपी सरकार ने सवा दो साल पहले करवाया था। जून 2023 की रिपोर्ट में इसे 'वेरी पुअर' कैटेगरी में रखा गया था। इसका मतलब, पुल बहुत खराब स्थिति में था। बावजूद इसके पुल पर ट्रैफिक नहीं रोका गया। 

उस समय जूनियर मैनेजर एए खान इसके प्रभारी थे। मार्च 2025 में AGM विक्रम सिंह ठाकुर के पास जिम्मा आया था। उन्होंने एस्टीमेट तो बनाया लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। नवंबर में काम शुरू हुआ तो मानकों की अनदेखी हुई। इस लापरवाही के चलते पुल का एक स्पॉन ढह गया।

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MPRDC का बड़ा फैसला अब हर पुल का होगा ऑडिट

हादसे के बाद MPRDC सक्रिय हो गया है। कॉर्पोरेशन ने सभी पुलों का ऑडिट कराने को कहा है। यह ऑडिट 8 दिसंबर तक पूरा करना है। अधिकारियों को पुलों पर लोड चेक करने को कहा गया है। मेंटेनेंस के दौरान सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना सबसे जरूरी है। विभाग ने सभी खराब पुलों की रिपोर्ट तत्काल मांगी है।

PWD ने 45 पुलों के लिए 19 करोड़ से ज्यादा मंजूर किए

रायसेन हादसे के बाद PWD भी फुल एक्शन मोड में है। विधानसभा शातकालीन सत्र के दौरान रायसेन में पुल गिरने की घटना के बाद सुरक्षा को लेकर उठे थेसवालों को लेकर बढ़े दबाव का यह परिणाम माना जा रहा है।

PWD ने तुरंत पुलों की मरम्मत और पुनर्निर्माण के काम शुरू करने को कहा है। प्रदेश के 45 पुलों के सुधार कार्यों के लिए पैसा भी स्वीकृत हुआ है। इन पर कुल 19.09 करोड़ खर्च होंगे।

यह फैसला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक में लिया गया। मरम्मत के काम प्राथमिकता पर होंगे। इनमें पुलों के एप्रोच की मरम्मत भी शामिल है। बाढ़ से प्रभावित पुलों की सुरक्षा पर ध्यान दिया जाएगा। नदी और नालों पर बने पुराने पुलों की मरम्मत होगी। इस पर अधिकारियों को कामों की नियमित मॉनिटरिंग करनी होगी।

जानिए किस जिले के कौन से पुल सुधरेंगे

जिलाकुल खर्च (लाख रुपये)मुख्य कार्य
भिंड513.30सिंध पुल, आसन नदी, वैशली नदी के पुलों की रिपेयरिंग।
गुना259.90सिंध नदी, नदी पर बने पुलों की विशेष मरम्मत।
ग्वालियर145.68छंदूद नदी, मेंघरा नाले के पुल और रेलवे ओवर ब्रिज की रिपेयरिंग।
पन्ना145.56अजयगढ़ मार्ग पर बने पुलों की रिपेयरिंग।
नरसिंहपुर121.74गाडरवारा में पुल और रेलवे अंडरब्रिज की विशेष रिपेयरिंग।
मुरैना120.42कररई नाले, आसन नदी, क्वारी नदी के पुलों की रिपेयरिंग।
मंदसौर98.17शिवना नदी पर बने पुल की रिपेयरिंग।
अशोकनगर93.58बेतवा नदी पर बने पुल की रिपेयरिंग।
रतलाम70.85शेर नदी पर बने पुल की रिपेयरिंग।
छिंदवाड़ा65.76शहर और हर्रई मार्ग पर पुलों की रिपेयरिंग।
रीवा63.65नगवां मार्ग पर पांच पुलों की रिपेयरिंग।
सतना38.07मैहर और चित्रकूट मार्ग पर पुलों की रिपेयरिंग।
रायसेन37.55सुल्तानपुर मार्ग पर A.B. रोड के पास स्थित पुल की रिपेयरिंग।
बालाघाट32.09कटंगी और उज्जैनी मार्ग पर बने पुलों की रिपेयरिंग।
दतिया18.86सिंध नदी पर बने पुल की रिपेयरिंग।
छतरपुर8.52जिला अस्पताल के पास स्थित पुल की रिपेयरिंग।
इंदौर22.94देवास मार्ग पर रेलवे ओवर ब्रिज की रिपेयरिंग।

बरेली-पिपरिया पुल हादसा बहुत दुखद था। रायसेन हादसा ने सरकारी लापरवाही को उजागर किया है। एजीएम को सस्पेंड करना एक जरूरी कदम था। एमपी पुल हादसा के बाद अब सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट होगा। PWD ने 45 खराब पुलों की मरम्मत शुरू की है। 

इन कामों पर 19 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। यह त्वरित एक्शन सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार को जनता की सुरक्षा प्राथमिकता पर रखनी चाहिए। उम्मीद है भविष्य में ऐसे हादसे नहीं होंगे। मध्य प्रदेश के पुलों की हालत अब सुधरेगी।

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