23 साल पुराने केस में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और राजा पटेरिया के खिलाफ जांच के आदेश , जानें पूरा मामला

भोपाल एमपी एमएलए कोर्ट ने 2002 के एक मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। कोर्ट ने भोपाल की एमपी नगर थाना को मामले में जांच के आदेश दिए हैं। जानें क्या पूरा मामला

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Vikram Jain
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MP Bhopal Court College Fees Case Former CM Digvijay Singh NEW
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BHOPAL. एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की 23 साल पुराने केस में मुश्किलें बढ़ गई है। भोपाल एमपी एमएलए कोर्ट ने 23 साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए है। साथ ही दिग्विजय सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे राजा पटेरिया के खिलाफ भी जांच के आदेश हुए है। कोर्ट ने एमपी नगर थाना पुलिस को मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने पुलिस को मामले की जांच रिपोर्ट 15 जुलाई तक पेश करने के आदेश दिए हैं।

एमपी नगर पुलिस को जांच के आदेश

पूरा मामला सरकार को आर्थिक हानि पहुंचाने का है। साल 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजा पटेरिया ने सत्य साईं कॉलेज के तत्कालीन संचालक सुनील कपूर के साथ मिलकर धोखाधड़ी की थी। अब यह मामला भोपाल कोर्ट पहुंचा है। इस मामले में एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश तथागत याग्निक ने भोपाल की एमपी नगर थाना पुलिस को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने फरियादी वरिष्ठ पत्रकार राधावल्लभ शारदा की ओर से अधिवक्ता यावर खान द्वारा प्रस्तुत परिवाद पर संज्ञान लेकर यह आदेश दिए हैं।

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क्या है पूरा मामला

बता दें कि भोपाल स्थित निजी शिक्षण संस्थान को लाभ पहुंचाने के मामले में दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया सहित कई लोगों को EOW ने आरोपी बनाया था। आरकेडीएफ कॉलेज से 24 लाख रुपए फीस माफ कर शासन को हानि पहुंचाने के मामले में EOW में दिग्विजय सिंह के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस मामले में EOW ने दिग्विजय सिंह से पूछताछ हुई थी।

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दिग्विजय सिंह से पूछा था कि उन्होंने आरकेडीएफ कॉलेज की फीस माफ करने के मामले में अपने मन से अतिरिक्त कॉलेज सत्यसाईं कॉलेज का नाम क्यों जोड़ा?? तब दिग्विजय सिंह ने अपने जवाब में कहा था कि यह देखने का काम मुख्य सचिव का था।

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तत्कालीन मुख्य सचिव ने नोटशीट में क्या लिखा था... 

इस मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव आदित्य विजय सिंह ने अपने नोटशीट में लिखा था कि आरकेडीएफ कॉलेज पर लगे जुर्माने को माफ किया गया तो इससे अन्य संस्थाओं पर गलत संदेश जाएगा। इसे नजरअंदाज करते हुए दिग्विजय सिंह ने केवल आरकेडीएफ कॉलेज की फीस ही माफ नहीं की, इसके साथ ही जालसाजी करते हुए अपनी नोट शीट में अपने हाथ से आरकेडीएफ कॉलेज के साथ सत्यसाईं कॉलेज का नाम भी लिखकर दोनों कॉलेज पर लगा 11 लाख रुपए का जुर्माना भी माफ कर दिया। जिसके कारण शासन को 30 लाख रुपए के राजस्व हानि हुई थी।

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