Budhni Vidhan Sabha Seat : एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan ) ने सोमवार 17 जून विधायकी पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि आज मैं बहुत भावुक हूं। मैंने मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। मैं बुधनी से विधायक था और बुधनी विधानसभा क्षेत्र की जनता मेरे रोम रोम में रमती है, मेरी हर सांस में बसती है। मैंने बुधनी से ही अपने सार्वजनिक जीवन का प्रारंभ किया था। बचपन से ही आंदोलन किए और फिर जनता का प्यार लगातार मिलता चला गया।
मेरा पूरा जीवन न्योछावर : शिवराज
बुधनी की जनता की सेवा मैंने पूरे मन से की है, क्योंकि जनता की सेवा ही मेरे लिए भगवान की पूजा है, और इस जनता ने भी मुझे भरपूर प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया है। जनता के इस प्यार पर मेरा पूरा जीवन न्योछावर है। अपनी संपूर्ण क्षमता के साथ मैं जनता की सेवा में लगा रहूंगा। अपने प्राणों से प्रिय जनता को बारंबार प्रणाम!
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6 बार बुधनी से विधायक रहे शिवराज
बुधनी विधानसभा क्षेत्र से शिवराज सिंह चौहान छह बार विधायक रहे हैं। सांसद के चुनाव में भी छह बार इस जनता ने भारी बहुमत जिताया। पिछला विधानसभा का चुनाव रिकॉर्ड 1 लाख 5 हजार वोटों से जीता था।
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बुधनी से कौन होगा प्रत्याशी
अब इस सीट से कौन होगा बीजेपी का प्रत्याशी इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। क्या शिवराज की विरासत कार्तिकेय सिंह चौहान को मिलेगी। मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चाओं को हवा मिल रही है और उपचुनाव से पहले पारा हाई होने की पूरी उम्मीद है।
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संविधान में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति एक साथ विधायक और सांसद के पद पर नहीं रह सकता है। सांसद या विधायक बनने के बाद एक पद से 14 दिन के अंदर इस्तीफा देना होता है। शिवराज सिंह चौहान ने 4 जून के बाद सोमवार 17 जून को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है।
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रिकॉर्ड मतों से बने सांसद
विदिशा संसदीय क्षेत्र से शिवराज सिंह चौहान 8 लाख 21 हजार 408 वोटों से विजयी हुए है। देश में सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शिवराज सिंह चौहान एक रहे हैं। उन्हें पीएम मोदी की नई कैबिनेट में दो मुख्य मंत्रालयों का पदभार दिया गया है। इस चुनाव से पहले शिवराज सिंह चौहान ने लगातार पांच बार विदिशा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। इस सीट को बीजेपी( BJP ) के लिए सबसे सुरक्षित बनाने का काम किया था। ये सीट बीजेपी का गढ़ बन गई है तभी तो जब सुषमा स्वराज को लोकसभा में भेजने की जरूरत बीजेपी को महसूस हुई तो भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें विदिशा लोकसभा क्षेत्र भेज दिया था। सुषमा स्वराज विदिशा से लगातार दो बार सांसद बनी थीं।
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सांसद से इस्तीफा देकर बने थे विधायक
सांसद रहते शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने बुदनी विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ा था और वह जीते थे। इसके बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दिया था।