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Photograph: (the sootr)
BHOPAL.मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने, महिला अपराधों में कमी लाने और सांप्रदायिक शांति बनाए रखने के लिए गृह विभाग को 14 सूत्रीय दिशा-निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आगामी त्यौहारों पर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने व प्रदेश के लिए एक मजबूत कानून-व्यवस्था का खाका तैयार करने के लिए दिए है। सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक (एसपी) और कलेक्टर को इन निर्देशों का पूरी तरह पालन करने के लिए कहा गया है।
साम्प्रदायिक घटनाओं पर लगाम और निगरानी
संवेदनशील स्थानों पर पेट्रोलिंग और कार्य योजना: संवेदनशील और घनी बस्तियों वाले क्षेत्रों में नगर निगम के साथ मिलकर एक ठोस कार्य योजना बनाकर अगले तीन माह में कार्रवाई शुरू की जाए। इसका उद्देश्य इन क्षेत्रों में निरंतर उपस्थिति और निगरानी सुनिश्चित करना है।
जीआईएस मैपिंग और हीट मैप: सांप्रदायिक घटनाओं की जीआईएस मैपिंग कर एक हीट मैप तैयार किया जाए। यह तकनीकी पहल पुलिस प्रशासन को उन क्षेत्रों की सटीक पहचान करने में मदद करेगी जहां तनाव की ज़्यादा घटनाएं सामने आती है।
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सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा
शासकीय कर्मचारियों पर हमले की घटनाओं को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। सभी विभागों को संयुक्त रूप से तालमेल बनाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। विशेष रूप से, खाद-बीज जैसे संवेदनशील मामलों में, किसी भी विवाद या तनाव को बातचीत और संवाद के माध्यम से हल करने पर ज़ोर दिया गया है ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे।
नक्सलवाद और आतंकवाद पर प्रहार
राज्य से नक्सलवादका ख़ात्मा करने के लिए तेज़ी लाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, विगत त्योहारों पर चिन्हित आतंकवादी (Terrorist) और सांप्रदायिक घटनाओं के हॉटस्पॉट पर विशेष निगरानी और कार्रवाई सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अवैध घुसपैठियों पर सख़्ती
बांग्लादेशी व्यक्तियों को डिपोर्ट करने की कार्यवाही में तेज़ी लाई जाए। इस तरह के नागरिकों की पहचान में सख़्ती बरतने का आदेश दिया गया है, जो आंतरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
विवादों का निवारण और समरसता
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि कई बार कुछ तत्व अपने निज स्वार्थ के लिए दो समुदायों के बीच विवाद बढ़ाने का प्रयास करते हैं। ऐसे मामलों में, कलेक्टर और एसपी (SP) को संयुक्त रूप से और सजगता के साथ कार्रवाई करनी होगी। प्रभारी मंत्री, सांसद (MP), और विधायक (MLA) के साथ संवाद बढ़ाकर विवादों का निराकरण किया जाए, और समुदायों के बीच समरसता बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएँ।
रात में महिलाओं को ड्राप की सुविधा
रात में महिलाओं को घर पर छोड़ने के लिए ज़िला एवं पुलिस द्वारा 'कॉल पर' व्यवस्था की जाए। विभिन्न संबंधित विभागों को भी इसमें शामिल किया जाए ताकि यह व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। यह कदम कार्यस्थल से या अन्य कारणों से देर रात लौटने वाली महिलाओं के लिए एक बड़ी सुरक्षा पहल है।
कोरेक्स सिरप के दुरुपयोग को रोकने के निर्देश
मादक पदार्थों के विक्रय के विरुद्ध ठोस कार्यवाही की जाए। विशेष रूप से, कोरेक्स सिरप का उपयोग नशे के लिए होता है। समीपवर्ती राज्यों के साथ समन्वय कर इसके नेटवर्क को तोड़ा जाए। फार्मासिस्ट को सख़्ती से निर्देश दिया जाए कि वे इसे केवल डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन पर ही उपलब्ध कराएँ।
नशे के विरुद्ध संगठनों का सहयोग: नशे के विरुद्ध कार्य करने वाले संगठनों को सूचीबद्ध कर उनका सहयोग लिया जाए। यह एक जन-भागीदारी आधारित दृष्टिकोण है।
अपराधियों की ज़मानत रद्द कराने पर ज़ोर
मुख्यमंत्री ने ज़ोर दिया है कि अपराधियों की ज़मानतें निरस्त होना चाहिए, और इस संबंध में सभी जरूरी कार्यवाही की जानी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि जघन्य अपराधों के आरोपी लंबे समय तक बाहर न रहें।
निगरानी के पुख्ता इंतजामों पर जोर
सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाएं: पंचायत और नगरपालिका के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाएं, जिससे अपराध की रोकथाम में मदद मिलेगी।
सरकारी योजनाओं का दुष्प्रचार रोकना: यदि कोई व्यक्ति सरकारी योजनाओं को लेकर गलत प्रचार करता है, तो कलेक्टर और एसपी (SP) तत्काल खंडन करना सुनिश्चित करें। यह शासन की छवि (Image of और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
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आम जनता में सुरक्षा का भाव पैदा करना उद्देश्य
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा एमपी गृह विभाग को दिए गए ये 14 निर्देश मध्य प्रदेश में एक सख्त, संवेदनशील, और तकनीकी रूप से उन्नत कानून व्यवस्था प्रणाली स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इन निर्देशों में सांप्रदायिक संवेदनशीलता, महिला सुरक्षा, संगठित अपराध, और नक्सलवाद जैसे प्रमुख चुनौतियों पर एक साथ कार्रवाई का खाका खींचा गया है।
ज़िला प्रशासन को इन निर्देशों को ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के साथ लागू करना होगा ताकि प्रदेश में शांति, सुरक्षा, और सद्भाव का वातावरण बना रहे। इन निर्देशों का उद्देश्य सिर्फ़ अपराधियों पर लगाम लगाना नहीं, बल्कि आम जनता में सुरक्षा का भाव पैदा करना भी है।