पुलिस नगर निगम की मदद से करेगी गश्त, महिलाओं को घर भी पहुंचाएगी

मध्य प्रदेश की पुलिस अब शहरों में बढ़ती सीमाओं और बदलते माहौल के तहत नए तरीके से काम करेगी। नगर निगम और पुलिस मिलकर पेट्रोलिंग प्लान तैयार करेंगे, ताकि संवेदनशील और घनी बस्तियों में सुरक्षा का स्तर बढ़ सके।

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Sanjay Dhiman
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BHOPAL.  शहरों के बेहद तेजी से बदलते माहौल और बढ़ रही सीमाओं को ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश की पुलिस एकदम नए तरीके से काम करेगी। प्रदेशभर के संवेदनशील, घनी बस्तियों में अब सुरक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए नगर निगम और पुलिस मिलकर पेट्रोलिंग प्लान बनाएंगे। बताया जा रहा है कि अगले तीन महीनों में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी, जिससे मोहल्लों में शांति और भरोसा बने। 

शहर के हर कोने में होता है निगम का नेटवर्क

बता दें कि हर शहर में पुलिस बल की कमी है, जबकि नगर निगम के कर्मचारियों का काम और नेटवर्क इस तरह रहता है कि वे पूरे शहर को कवर करते हैं। ऐसे में नगर निगम की मदद लेकर पुलिस पेट्रोलिंग प्लान बनाएगी। इसके लिए विस्तृत प्लान अलग से तैयार किया जाएगा। यह अपनी तरह की अनोखी योजना बन सकती है। 

GIS टेक्नोलॉजी से होगी साम्प्रदायिक घटनाओं की पहचान

सरकार ने सभी जिलों को आदेश दिया है कि बीते दिनों की साम्प्रदायिक घटनाओं को जीआईएस तकनीक के जरिये मैप किया जाए और उन पर हीट मैप तैयार किया जाए। इसका फायदा ये होगा कि पुलिस संसाधन सही जगह मौज़ूद रहेंगे और छोटी-छोटी बातों पर तुरंत कार्रवाई हो सकेगी।

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महिलाओं के लिए रात में घर पहुंचाएगी पुलिस

रात में ऑफिस या किसी काम से अकेली लौट रही महिलाओं के लिए अब जिला प्रशासन और पुलिस ‘कॉल सिस्टम’ सुविधा शुरू करेगा। जिससे कोई भी महिला असुरक्षित महसूस करे तो बस एक कॉल पर उसकी सुरक्षा और घर तक पहुंचने की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। महिलाओं से जुड़े हर विभाग को इस मुहिम में साथ लाया जाएगा।

सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा पर सख्त एक्शन

सरकारी कर्मचारी बेलगाम भीड़ का निशाना न बनें, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाए। सभी विभाग मिलकर काम करें और खासकर खाद- बीज जैसे मामलों को बातचीत से सुलझाया जाए। यह रणनीति तनाव कम करने में मददगार होगी।

नक्सलवाद की जड़ें उखाड़ने चलेगा नया अभियान

प्रदेश के नक्सल प्रभावित हिस्सों में तेजी से कार्यवाही शुरू होगी। इसका मकसद सिर्फ कानून का पालन करना नहीं, बल्कि आम जनता को पूरी सुरक्षा देना है। उग्रवाद खत्म करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है।

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त्योहारों पर रहेगी पैनी नजर

पिछले त्योहारों के दौरान सामने आई आतंकवादी और साम्प्रदायिक घटनाओं के मद्देनज़र अब उन हॉटस्पॉट्स पर जिला प्रशासन और पुलिस की खास नजर रहेगी। साथ ही, अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें देश से निकालने की प्रक्रिया को भी तेज किया गया है। पहचान में कोई ढिलाई नहीं होगी।

समुदायों में मेल-मिलाप बढ़ाने की पहल

कई बार दो समुदायों में विवाद कुछ शरारती तत्वों की वजह से बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों में कलेक्टर-एसपी और जनप्रतिनिधियों को संवाद की ताकत से समाधान निकालने की सलाह दी है। विवाद के हल और भाईचारा बढ़ाने के प्रयास को महत्वपूर्ण बताया गया है।

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नशा कारोबार पर कसा जाएगा शिकंजा

अब अवैध नशे के कारोबारियों को बख्शा नहीं जाएगा। पंचायत और नगरपालिकाओं में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे और कोरेक्स जैसे सायरप की बिक्री सिर्फ डॉक्टर की पर्ची पर होगी। फार्मासिस्टों को चेताया जाएगा और पड़ोसी राज्यों का सहयोग लेकर नेटवर्क को ध्वस्त किया जाएगा। साथ ही, नशा विरोधी संगठनों की मदद से प्रदेशभर में अभियान बढ़ेगा।

गलत खबरों पर तत्काल खंडन जरूरी

सरकारी योजनाओं को लेकर कोई अफवाह फैले तो प्रशासन के अधिकारी तुरंत उसका खंडन करेंगे और सही जानकारी सार्वजनिक करेंगे। इससे भ्रामक सूचनाएं जल्द काबू में आएंगी।

सरकार के सभी निर्देश एक नजर में

👉साम्प्रदायिक घटनाओं की जीआईएस मैपिंग और हीट मैप बनाकर प्रभावित क्षेत्रों की पहचान की जाए।

👉सरकारी कर्मचारियों पर हमले गंभीरता से लें, सभी विभाग मिलकर कार्रवाई करें।

👉खाद-बीज जैसी समस्याएं संवाद से सुलझाएं।

👉नक्सलवाद खत्म करने के लिए कार्यवाही तेज करें।

👉त्योहारों के दौरान चिन्हित आतंकवादी और साम्प्रदायिक हॉटस्पॉट पर विशेष निगरानी रखी जाए।

👉बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें तेजी से वापस भेजा जाए।

👉महिलाओं के लिए रात में सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए पुलिस कॉल सिस्टम शुरू किया जाए।

👉समुदायों के बीच विवाद बढ़ाने वाले तत्वों पर तुरंत कलेक्टर और एसपी कार्रवाई करें।

👉नशे के कारोबार, विशेषकर कोरेक्स सायरप की बिक्री, पर सख्त कार्रवाई करें और फार्मासिस्ट को सिर्फ डॉक्टर के पर्चे पर दवा देने के निर्देश दें।

👉सीसीटीवी कैमरे पंचायत व नगरपालिका के सहयोग से लगवाएं।

👉नशा विरोधी संगठनों से सहयोग लें।

👉सरकारी योजनाओं के बारे में गलत प्रचार होने पर तुरंत उसका खंडन करें।

👉अपराधियों की जमानत रद्द करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।

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