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INDORE. इंदौर नगर निगम में नेताओं और अधिकारियों के बीच में उठा विवाद ठंडा होता दिख रहा है। शहर के विकास और समन्वय लिए सीएम मोहन यादव ने निर्देश दिए। इसके बाद सभी की रेसीडेंसी कोठी में संयुक्त बैठक हुई। इसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और मंत्री तुलसी सिलावट के साथ महापौर, बीजेपी नगर अध्यक्ष और सभी अधिकारी शामिल थे। सभी को समझाया गया कि मिलकर काम करना है। इस बीच, विवाद के बाद संपत्तिकर का काम फिलहाल रोक दिया गया है।
बंद कमरे की बैठक में ये मौजूद रहे
रविवार दोपहर को मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के साथ मंत्री तुलसी सिलावट, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, बीजेपी नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा, पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह, कलेक्टर शिवम वर्मा, निगम आयुक्त दिलीप यादव सभी मौजूद थे। रेसीडेंसी कोठी में एक बंद कमरे के अंदर सभी लोग बैठे और इसमें बात हुई। इस दौरान महापौर ने साफ कहा कि संपत्ति कर को लेकर विवाद बिना जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए सर्वे होने से हुआ है। संपत्ति कर जरूरी है, लेकिन इसके लिए पूरा एक प्रोटोकॉल और नियम होना चाहिए। इस पर मंत्री ने भी निगम आयुक्त दिलीप यादव से कहा कि संपत्ति कर का काम ठीक है। लेकिन बिना नेताओं को विश्वास में लिए हुए काम किया जाना उचित नहीं। घर की बात है, सभी मिलकर काम करें।
फिर गढ्ढों को लेकर हुई लंबी बात
बैठक में मुख्य रूप से बात गड्ढों को लेकर हुई। लंबे समय से कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है। सीएम डॉ.मोहन यादव भी इस बात को लेकर निर्देश दे चुके हैं। इसमें बात उठी कि गड्ढे केवल नगर निगम के कारण नहीं हैं। इसमें विविध एजेंसी मेट्रो, PWD, MPIDC, NHAI इन सबके भी काम हैं। सर्विस रोड खराब है और अकेले नगर निगम घिर जाता है। इस पर मंत्री ने कलेक्टर से कहा कि नगर निगम के गड्ढों को छोड़कर बाकी सारी एजेंसियों से गड्ढे भरवाने के काम का का जिम्मा उनका है। वह इस मामले में लीड लें और सभी से एक महीने भीतर गड्ढे भरवाने का काम पूरा करवाएं। वहीं निगम से कहा गया कि एक महीने के भीतर निगम के दायरे में आने वाली सड़कों के गड्ढे भरवाए जाएं।
लॉ एंड आर्डर को लेकर भी बात
बैठक में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर भी बात उठी। खासतौर से जो ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटरों के साथ घटनाक्रम हुआ उसे लेकर कहा गया इससे पूरा शहर शर्मसार हुआ है। इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। पुलिस को और सख्त व्यवस्थाएं रखना चाहिए। जब मामला इंटरनेशनल लेवल का हो तो और सतर्क रहना चाहिए।
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मंत्री, महापौर ये बोले
मंत्री विजयवर्गीय ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गड्ढों को लेकर मुख्य तौर पर बात हुई है। सभी से कहा गया है कि वह एक महीने के भीतर इन गड्ढों को भरने का काम पूरा करें। नगर निगम के जो काम हैं वह नगर निगम करेगा। बाकी एजेंसी से तालमेल करके काम करवाने का काम कलेक्टर को बोला गया है।
वहीं, पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जो विवाद है वो खत्म हो गया है। संपत्ति कर भी जरूरी है। इसके लिए सूचना जारी की जाएगी। एक SOP बनाई जाएगी जिसके तहत सूचना जारी करके संपत्ति कर को लेकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों से फिर बात हुई है। सभी से बात करके इसको खत्म करवाया जाएगा। भार्गव ने कहा कि जहां तक विवाद की बात है तो घर में भी झगड़े होते हैं। बड़े-बुजुर्ग बैठ कर समझाते हैं तो मामला खत्म हो जाता है। इसमें भी यही हुआ है।
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