एमपी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में बोले सीएम- जनप्रतिनिधियों का सम्मान करें अफसर

7 अक्टूबर से मध्यप्रदेश में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। इसमें सीएम ने अफसरों को जनप्रतिनिधियों का सम्मान करने और शासन की योजनाओं को मिशन मोड में लागू करने के लिए निर्देशित किया।

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Amresh Kushwaha
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BHOPAL. राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आज, 7 अक्टूबर से दो दिवसीय कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस शुरू हो गया है। इस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों से अहम बात कही। उन्होंने कहा कि अफसरों को ड्राइविंग सीट पर आने की बजाय व्यवस्थाओं का संचालन करते हुए आस-पास रहकर काम करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी जोर दिया कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान करना अफसरों की जिम्मेदारी है और उनके सुझावों को ध्यान से सुनकर आवश्यकता के अनुसार अमल में लाना चाहिए।

जनता का विश्वास, हमारी सबसे बड़ी पूंजी- सीएम

सीएम (CM Mohan Yadav) ने कहा कि जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, और हमें इसे बनाए रखना है। उन्होंने प्रदेश में जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित करने के प्रयासों पर जोर दिया और कहा कि सुशासन और समावेशी विकास की दिशा में अफसरों को लगातार मेहनत करनी होगी। सीएम ने आगे कहा कि शासन का मुख्य उद्देश्य समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास और कल्याण की किरण पहुंचाना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार सबके साथ और सबके लिए खड़ी है।

मिशन मोड में करें काम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शासन की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने अफसरों से यह अपील की कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर मिशन मोड में कार्य करें, ताकि योजनाओं का लाभ जनता तक जल्द से जल्द पहुंच सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोक सेवकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी क्षमता और समर्पण से योजनाओं को धरातल पर उतारें और जनता तक उनका अधिकतम लाभ पहुंचाएं।

55 जिलों के कलेक्टर और 250 अधिकारी शामिल

कॉन्फ्रेंस में मध्यप्रदेश के सभी 55 जिलों के कलेक्टर, एसपी, और 250 से ज्यादा आईएएस, आईपीएस तथा राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी शामिल हो रहे हैं। सीएम ने इस कॉन्फ्रेंस में अफसरों से सीधा संवाद किया और उन्हें शासन-प्रशासन की जिम्मेदारियों के बारे में भी स्पष्ट किया। यह कांफ्रेंस सीएम मोहन यादव के कार्यकाल की पहली फिजिकल कॉन्फ्रेंस है।

आज इन प्रमुख विषयों पर होगी चर्चा

इस सम्मेलन में विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। इनमें प्रमुख विषय हैं - कृषि, स्वास्थ्य और पोषण, रोजगार, उद्योग और निवेश, नगरीय विकास और सुशासन। इन सभी क्षेत्रों में सुधार और योजनाओं की प्रगति के लिए अधिकारियों से सुझाव लिए जाएंगे और रणनीतियाँ तय की जाएंगी।

टॉप और कमजोर 5-5 जिलों की होगी समीक्षा

तीन साल बाद आयोजित होने वाली फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की क्षेत्रीय प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों के अंतर्गत टॉप- 5 जिलों और कमजोर 5 जिलों की समीक्षा की जाएगी।

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पुलिस अधिकारियों के साथ विशेष बैठक

सम्मेलन में पुलिस अधिकारियों के साथ अलग से एक बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता डीजीपी कैलाश मकवाना (DGP Kailash Makwana) करेंगे। इसमें मुख्य रूप से कानून व्यवस्था (Law and Order) से जुड़े मामलों पर चर्चा की जाएगी, ताकि प्रदेश में शांति और सुरक्षा का माहौल बना रहे।

कलेक्टरों का फीडबैक होगी प्राथमिकता

हर सत्र में कम से कम 6 कलेक्टर अपने अनुभव, फीडबैक और नए नवाचार (Innovation) के बारे में बताएंगे। यह भी बताया जाएगा कि किस विभाग (Department) ने किस प्रकार की दिक्कतें पैदा की हैं- चाहे वह पत्रों का समय पर उत्तर न देना हो, पोर्टल (Portal) का समय पर न खुलना हो, या बजट (Budget) में किसी प्रकार की आना-कानी हो। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि अब कॉन्फ्रेंस (Conference) में केवल भोपाल (Bhopal) से बैठे अधिकारी ही अपने विभागों का विवरण नहीं देंगे, बल्कि यह फीडबैक अब मैदान से आने वाले कलेक्टरों से लिया जाएगा।

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इन अधिकारियों का समय घटा

सीएम मोहन यादव के निर्णय के बाद, एसीएस, पीएस और सचिव को अब हर सत्र में पहले जो 50 मिनट मिलते थे, वह समय घटाकर 15 से 20 मिनट कर दिया गया है। अब हर सत्र के लिए 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। हर सत्र में आठ कलेक्टर (Collectors) चुने जाएंगे, जो तीन मिनट में अपनी बात रखें। वे बतायेंगे कि वे किस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसके बाद अगले दस मिनट में सार (Summary) निकाला जाएगा। कुल आठ सत्र (Sessions) प्रस्तावित हैं, जिनके लिए प्रत्येक को 75 मिनट का समय दिया जाएगा।

तय किए गए आठ बड़े एजेंडे

मुख्य सचिव अनुराग जैन (Chief Secretary Anurag Jain) ने इस कॉन्फ्रेंस के लिए आठ अहम मुद्दे तय किए हैं। मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी इन विषयों पर जानकारी देंगे। इनमें कृषि (Agriculture), नगरीय प्रशासन (Urban Administration), गुड गवर्नेंस (Good Governance), कानून व्यवस्था (Law & Order), आदिवासी और ग्रामीण विकास (Tribal & Rural Development), रोजगार व उद्योग (Employment & Industry), स्वास्थ्य (Health & Nutrition) और शिक्षा (Education) शामिल हैं।

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कौन बोलेगा किस मुद्दे पर?

इस कॉन्फ्रेंस में हर विषय पर वरिष्ठ अधिकारी अपनी प्रस्तुति देंगे:

  • कृषि (Agriculture) – अशोक वर्णवाल: खाद-बीज, सिंचाई प्लानिंग, दूध उत्पादन और प्राकृतिक खेती।

  • नगरीय प्रशासन (Urban Administration) – संजय दुबे: पीएम आवास योजना, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन।

  • गुड गवर्नेंस (Good Governance) – संजय कुमार शुक्ला: राजस्व मामलों का डिजिटलाइजेशन और भूमि अधिग्रहण।

  • कानून व्यवस्था (Law & Order) – शिवशेखर शुक्ला: अपराध नियंत्रण, रोड सेफ्टी और एयर एंबुलेंस।

  • आदिवासी व ग्रामीण विकास (Tribal & Rural Development) – दीपाली रस्तोगी: मनरेगा, पंचायती राज, आदिवासी बोर्डिंग स्कूल।

  • रोजगार व उद्योग (Employment & Industry) – राघवेंद्र कुमार सिंह: स्किल डेवलपमेंट, स्टार्टअप्स, पीएम गतिशक्ति।

  • स्वास्थ्य व पोषण (Health & Nutrition) – संदीप यादव: सिकल सेल, पोषण और अस्पतालों की अधोसंरचना।

  • शिक्षा (Education) – संजय गोयल: एडमिशन, ड्रॉपआउट दर और निपुण मिशन (NIPUN Mission)।

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कॉन्फ्रेंस के दो महीने बाद होगी फिजिकल मीटिंग

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्णय लिया है कि 7-8 अक्टूबर की कॉन्फ्रेंस के बाद दिसंबर में एक और फिजिकल मीटिंग होगी। कलेक्टरों को दो महीने बाद यह पूछा जाएगा कि उन्होंने इस समय में क्या कार्य किए हैं। उनकी परफॉर्मेंस (Performance) का रिव्यू (Review) किया जाएगा। साथ ही, जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

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