एमपी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस आज, विकास का रोडमैप तय करेंगे 30 मंत्री और 200 अधिकारी

7 अक्टूबर से मध्यप्रदेश में कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का आयोजन शुरू हो रहा है। इसमें 30 मंत्री और 200 अधिकारी प्रदेश के विकास के लिए रोडमैप तैयार करेंगे।

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Amresh Kushwaha
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मध्यप्रदेश में अगले एक साल के विकास कार्यों की प्राथमिकता तय करने के लिए आज, 7 अक्टूबर से एक अहम कॉन्फ्रेंस का आयोजन शुरू हो रहा है। एमपी कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) करेंगे। सीएम सुबह लगभग 10 बजे भोपाल में इस कॉन्फ्रेंस का उदघाटन करेंगे। यह कॉन्फ्रेंस 7-8 अक्टूबर को भोपाल (Bhopal) के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में होगी। इस सम्मेलन में 30 मंत्री और 200 अधिकारी शामिल होंगे, जो प्रदेश के विकास के लिए रोडमैप तैयार करेंगे।

आज इन प्रमुख विषयों पर होगी चर्चा

इस सम्मेलन में विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी। इनमें प्रमुख विषय हैं - कृषि, स्वास्थ्य और पोषण, रोजगार, उद्योग और निवेश, नगरीय विकास और सुशासन। इन सभी क्षेत्रों में सुधार और योजनाओं की प्रगति के लिए अधिकारियों से सुझाव लिए जाएंगे और रणनीतियाँ तय की जाएंगी।

टॉप और कमजोर 5-5 जिलों की होगी समीक्षा

तीन साल बाद आयोजित होने वाली फिजिकल कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार की क्षेत्रीय प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों के अंतर्गत टॉप- 5 जिलों और कमजोर 5 जिलों की समीक्षा की जाएगी।

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पुलिस अधिकारियों के साथ विशेष बैठक

सम्मेलन में पुलिस अधिकारियों के साथ अलग से एक बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता डीजीपी कैलाश मकवाना (DGP Kailash Makwana) करेंगे। इसमें मुख्य रूप से कानून व्यवस्था (Law and Order) से जुड़े मामलों पर चर्चा की जाएगी, ताकि प्रदेश में शांति और सुरक्षा का माहौल बना रहे।

कलेक्टरों का फीडबैक होगी प्राथमिकता

हर सत्र में कम से कम 6 कलेक्टर अपने अनुभव, फीडबैक और नए नवाचार (Innovation) के बारे में बताएंगे। यह भी बताया जाएगा कि किस विभाग (Department) ने किस प्रकार की दिक्कतें पैदा की हैं- चाहे वह पत्रों का समय पर उत्तर न देना हो, पोर्टल (Portal) का समय पर न खुलना हो, या बजट (Budget) में किसी प्रकार की आना-कानी हो। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया है कि अब कॉन्फ्रेंस (Conference) में केवल भोपाल (Bhopal) से बैठे अधिकारी ही अपने विभागों का विवरण नहीं देंगे, बल्कि यह फीडबैक अब मैदान से आने वाले कलेक्टरों से लिया जाएगा।

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इन अधिकारियों का समय घटा

सीएम मोहन यादव के निर्णय के बाद, एसीएस, पीएस और सचिव को अब हर सत्र में पहले जो 50 मिनट मिलते थे, वह समय घटाकर 15 से 20 मिनट कर दिया गया है। अब हर सत्र के लिए 30 मिनट का समय निर्धारित किया गया है। हर सत्र में आठ कलेक्टर (Collectors) चुने जाएंगे, जो तीन मिनट में अपनी बात रखें। वे बतायेंगे कि वे किस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इसके बाद अगले दस मिनट में सार (Summary) निकाला जाएगा। कुल आठ सत्र (Sessions) प्रस्तावित हैं, जिनके लिए प्रत्येक को 75 मिनट का समय दिया जाएगा।

तय किए गए आठ बड़े एजेंडे

मुख्य सचिव अनुराग जैन (Chief Secretary Anurag Jain) ने इस कॉन्फ्रेंस के लिए आठ अहम मुद्दे तय किए हैं। मंत्रालय के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी इन विषयों पर जानकारी देंगे। इनमें कृषि (Agriculture), नगरीय प्रशासन (Urban Administration), गुड गवर्नेंस (Good Governance), कानून व्यवस्था (Law & Order), आदिवासी और ग्रामीण विकास (Tribal & Rural Development), रोजगार व उद्योग (Employment & Industry), स्वास्थ्य (Health & Nutrition) और शिक्षा (Education) शामिल हैं।

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कौन बोलेगा किस मुद्दे पर?

इस कॉन्फ्रेंस में हर विषय पर वरिष्ठ अधिकारी अपनी प्रस्तुति देंगे:

  • कृषि (Agriculture) – अशोक वर्णवाल: खाद-बीज, सिंचाई प्लानिंग, दूध उत्पादन और प्राकृतिक खेती।

  • नगरीय प्रशासन (Urban Administration) – संजय दुबे: पीएम आवास योजना, अमृत योजना, स्वच्छ भारत मिशन।

  • गुड गवर्नेंस (Good Governance) – संजय कुमार शुक्ला: राजस्व मामलों का डिजिटलाइजेशन और भूमि अधिग्रहण।

  • कानून व्यवस्था (Law & Order) – शिवशेखर शुक्ला: अपराध नियंत्रण, रोड सेफ्टी और एयर एंबुलेंस।

  • आदिवासी व ग्रामीण विकास (Tribal & Rural Development) – दीपाली रस्तोगी: मनरेगा, पंचायती राज, आदिवासी बोर्डिंग स्कूल।

  • रोजगार व उद्योग (Employment & Industry) – राघवेंद्र कुमार सिंह: स्किल डेवलपमेंट, स्टार्टअप्स, पीएम गतिशक्ति।

  • स्वास्थ्य व पोषण (Health & Nutrition) – संदीप यादव: सिकल सेल, पोषण और अस्पतालों की अधोसंरचना।

  • शिक्षा (Education) – संजय गोयल: एडमिशन, ड्रॉपआउट दर और निपुण मिशन (NIPUN Mission)।

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कॉन्फ्रेंस के दो महीने बाद होगी फिजिकल मीटिंग

मुख्यमंत्री ने यह भी निर्णय लिया है कि 7-8 अक्टूबर की कॉन्फ्रेंस के बाद दिसंबर में एक और फिजिकल मीटिंग होगी। कलेक्टरों को दो महीने बाद यह पूछा जाएगा कि उन्होंने इस समय में क्या कार्य किए हैं। उनकी परफॉर्मेंस (Performance) का रिव्यू (Review) किया जाएगा। साथ ही, जरूरी बदलाव किए जाएंगे।

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