7 साल बाद बदले नियम: मध्य प्रदेश में अब 5 साल की सेवा वाले संविदा कर्मी भी बनेंगे वनरक्षक

वन विभाग ने सात साल बाद गैर लिपिकीय सेवा भर्ती नियमों में बदलाव किया है। अब पांच साल की सेवा पूरी कर चुके संविदा कर्मचारी वनरक्षक पद के लिए पात्र होंगे। उन्हें 50 प्रतिशत अंक छूट का लाभ भी मिलेगा।

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Ravi Awasthi
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BHOPAL. वन विभाग ने सात साल बाद गैर लिपिकीय सेवा भर्ती नियमों में बड़ा बदलाव किया है। विभाग में पांच साल की सेवा पूरी कर चुके संविदा कर्मचारी अब वनरक्षक पद के लिए पात्र होंगे। पहले वनरक्षक पदों पर संविदा कर्मचारियों को नियुक्ति नहीं मिलती थी। उन्हें 50 प्रतिशत अंकों की छूट का लाभ भी नहीं मिलता था।

50% रिक्त पद संविदा कर्मियों को

संशोधित नियमों के तहत, विभाग ने संविदा कर्मचारियों को वनरक्षक भर्ती में महत्वपूर्ण स्थान दिया है। अब वनरक्षक के रिक्त पदों में 50% पद संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित होंगे।

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महिला कर्मियों को मिलेगी छूट

अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष निर्धारित की गई है। इससे लंबे समय से सेवाएं दे रहे कर्मियों को लाभ मिलेगा। महिला संविदा कर्मियों को भी शासन के नियमानुसार सभी छूटें मिलेंगी। इस संशोधन को विभाग ने मध्यप्रदेश शासन की आदेशों के अनुरूप लागू किया है। इससे लंबे समय से लंबित मांग पूरी हो गई है।

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सैकड़ों संविदा कर्मियों को मिलेगा सीधा लाभ: अशोक पांडे

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच वन विभाग के अध्यक्ष अशोक पांडे ने इस फैसले पर सरकार और विभाग का आभार जताया है। पांडे ने कहा कि इस संशोधन से वन विभाग में लंबे समय से कार्यरत कई संविदा कर्मियों को नियुक्ति और प्रमोशन का रास्ता मिलेगा। यह निर्णय कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाएगा। विभागीय कामकाज में भी सकारात्मक असर लाएगा। उन्होंने कहा कि मप्र वन विभाग में करीब डेढ़ लाख संविदा कर्मी हैं। जिन्हें इसका लाभ मिल सकेगा। 

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4 पॉइंट्स में समझें पूरी स्टोरी

👉 वन विभाग ने नियमों में बदलाव किया है। अब पांच साल की सेवा पूरी कर चुके संविदा कर्मचारी वनरक्षक पद के लिए पात्र होंगे। पहले इन्हें वनरक्षक पदों पर नियुक्ति नहीं मिलती थी।

👉  संशोधित नियमों के तहत वनरक्षक पदों की 50% रिक्तियां संविदा कर्मचारियों के लिए आरक्षित की गई हैं। इससे उन्हें भर्ती प्रक्रिया में महत्वपूर्ण स्थान मिलेगा।

👉 महिला संविदा कर्मियों को भी शासन के नियमानुसार सभी छूटें दी जाएंगी। अधिकतम आयु सीमा 55 वर्ष तय की गई है। इससे लंबे समय से सेवा दे रहे कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।

👉 यह संशोधन मध्यप्रदेश सरकार के आदेशों के तहत लागू किया गया है। इससे विभाग में लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी हुई है।

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