मध्यप्रदेश बिजली कंपनी में 700 पदों पर जॉइनिंग का खुलेगा रास्ता, हाईकोर्ट आदेश के बाद नई मेरिट सूची जल्द

हाईकोर्ट के निर्देश पर बिजली कंपनी 700 पदों के लिए संशोधित मेरिट सूची जारी करेगी। आपत्तियों के निराकरण के बाद चयन सूची में बड़े बदलाव की संभावना है।

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Sanjay Gupta
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Indore: मध्य प्रदेश बिजली कंपनी में 545 सहायक ग्रेड के साथ ही कुल 700 पदों की अटकी ज्वाइनिंग को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर ने आदेश दिया था। अब इस आदेश पर अमल हो गया है। नए सिरे से इन पदों के लिए मेरिट सूची बनाई जा रही है। 

संशोधित मेरिट सूची इसी सप्ताह संभव

इस मामले में कुछ प्रश्नों को लेकर आपत्ति लगी थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि आंसर की पर लगी हमारी आपत्ति को सुना ही नहीं गया। गलत कारण बताकर खारिज किया गया। इस पर हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को इस मामले में आदेश दिया था।

इसमें कहा था कि हम आंसर की पर सवाल नहीं खड़े कर रहे हैं। लेकिन आपत्तियां सही से नहीं सुनी गई तो फिर से याचिकाकर्ताओं से आपत्ति सुनी जाए। यदि लगता है कि आंसर की में बदलाव करना है तो उसे करें।

फिर इसी बदलाव के आधार पर नए सिरे से अंक देकर नई मेरिट सूची जारी की जाए। अब बिजली कंपनी से मिली जानकारी के मुताबिक मेरिट सूची में बदलाव किया जा रहा है। नई मेरिट सूची इसी सप्ताह जारी होने की संभावना है। 

एक यह भी आशंका

हालांकि बिजली कंपनी में अब यह भी आशंका है कि संशोधित मेरिट सूची के चलते कुछ उम्मीदवार बाहर होंगे। कुछ नए अंदर आएंगे। ऐसे में जो बाहर होंगे वह फिर हाईकोर्ट का रूख कर सकते हैं। ऐसे में जॉइनिंग पर कहीं फिर स्टे नहीं हो जाए। वहीं चयनित लंबे समय से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं। 

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क्या है मामला

बिजली कंपनी (MP Electricity Company) द्वारा ढाई हजार से ज्यादा पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया की गई। फिर अंतिम रिजल्ट जारी कर इन 700 पदों को छोड़कर बाकी करीब 1200 पदों के लिए जाइनिंग दे दी गई।

जॉइनिंग के लिए चयनियों ने बिजली कंपनी इंदौर के दफ्तर पर प्रदर्शन भी किया। इसमें बताया गया कि हाईकोर्ट में इस परीक्षा के कुछ प्रश्ननों के जवाब यानी आंसर की को लेकर आपत्ति लगी है।

इसके आदेश के इंतजार में रूके हैं। यदि आंसर की में सुधार या ऐसे कोई आदेश हुए तो मेरिट सूची में बदलाव हो जाएगा। इसके चलते जॉइनिंग रोकी हुई है। 

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हाईकोर्ट ने फिर यह दिए आदेश

इस मामले में मप्र शासन, मप्र पश्चिमी क्षेत्र विदयुत वितरण कंपनी और एमपीआनलाइन (परीक्षा एजेंसी) को पक्षकार बनाया गया था। हाईकोर्ट जस्टिस दीपक खोत ने सुनवाई के बाद आदेश दिए थे कि एमपी आनलाइन द्वारा याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश की गई आपत्तियों पर विचार किया जाए।

  • यदि आपत्तियां सही पाई जाती हैं तो मॉडल आंसर की में बदलाव किया जाए। 

  • मॉडल आंसर की में बदलाव के बाद उसी के अनुसार नए सिरे से अंक दिए जाएं।

  • नए अंक के आधार पर संशोधित मेरिट सूची (अंतिम चयन सूची) जारी की जाए और 

इसके लिए एमपीआनलाइन द्वारा विद्युत वितरण कंपनी को सूचित किया जाए।

इसके पहले सार्वजनिक सूचना जारी हो

हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिए थे कि क्योंकि यह आदेश चयनित उम्मीदवारों की गैर हाजिरी में किया जा रहा है। इसलिए एमपी आनलाइन को निर्देश दिया जाता है कि वह आंसर की में संशोधन के पहले अपनी आपत्तियां प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी करे। 

फिर संशोधित मेरिट सूची जारी करे। यह सूची मप्र शासन व बिजली कंपनी को भेजा जाए। हाईकोर्ट ने आदेश में साफ लिखा था है कि यह प्रक्रिया आदेश जारी होने से 15 दिन के भीतर पूरी कर ली जाए। मध्यप्रदेश में बिजली कंपनी की भर्ती

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