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BHOPAL. मध्य प्रदेश की बिजली कंपनी का एक आदेश हाल ही में चर्चा में आ गया था। आदेश के मुताबिक, यदि किसानों को 10 घंटे से अधिक बिजली दी जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के वेतन (Salary) में कटौती की जाएगी।
इस फैसले ने किसानों के साथ-साथ विभाग के कर्मचारियों में भी नाराजगी भर दी थी। ऐसे में अब सरकार ने आदेश वापस ले लिया है। साथ ही, संबंधित चीफ इंजीनियर को निलंबित भी कर दिया है।
सीएम मोहन यादव ने लिया एक्शन
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने 10 घंटे वाली लिमिट को तुरंत निरस्त कर दिया। साथ ही, ऐसा आदेश जारी करने वाले चीफ इंजीनियर को सस्पेंड कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि राज्य सरकार किसानों को भरपूर बिजली देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही, किसान हितों से कोई समझौता नहीं होगा।
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किसानों के गुस्से ने बदला सरकार का रुख
आदेश सामने आते ही किसानों और आम लोगों ने सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक इसका विरोध किया। बिजली विभाग के कई कर्मचारी भी इसके खिलाफ हो गए। किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकार हरकत में आई।
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यह जारी किया गया था आदेश
यह आदेश 3 नवंबर 2025 को भोपाल स्थित मुख्यालय से जारी किया गया था। आदेश में कहा गया था कि तय 10 घंटे से ज्यादा बिजली देने पर SDO (Sub Divisional Officer) से लेकर GM (General Manager) तक के एक दिन की सैलरी काटी जाएगी। आदेश में यह भी साफ लिखा था कि यदि किसी क्षेत्र में लगातार दो दिन से ज्यादा यह लिमिट पार होती है, तो कार्रवाई की जाएगी।
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