मध्यप्रदेश की 5.46 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण, देश में हम अव्वल
मप्र में 5.46 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण, भोपाल समेत कई जिलों में कब्जा, शाजापुर इकलौता जिला जहां कब्जा नहीं। यह कुल वन भूमि का 7.17 प्रतिशत है, जो देश में सबसे अधिक है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal - NGT) में दाखिल मध्यप्रदेश सरकार के हलफनामे के अनुसार, राज्य की 5.46 लाख हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण (Encroachment) हो चुका है। यह राज्य की कुल वन भूमि का 7.17% हिस्सा है, जो देश में सबसे अधिक है।
एनजीटी ने लिया स्वत: संज्ञान
NGT ने वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से रिपोर्ट मांगी थी। मप्र का आंकड़ा सबसे गंभीर रूप में सामने आया।
अन्य राज्यों की स्थिति: असम, कर्नाटक, अरुणाचल भी प्रभावित
असम: 3.62 लाख हेक्टेयर अतिक्रमित वन भूमि
कर्नाटक: 86,308.44 हेक्टेयर
अरुणाचल प्रदेश: 53,500 हेक्टेयर
पुडुचेरी और लक्षद्वीप: कोई अतिक्रमण नहीं
अन्य राज्यों जैसे बिहार, तेलंगाना, हिमाचल ने डेटा नहीं दिया
मध्यप्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक असीम श्रीवास्तव ने बताया कि वन भूमि से अतिक्रमण हटाने की रणनीति बनाई जा रही है। हर जिले में प्रशासन के साथ समन्वय कर कार्रवाई की जा रही है।
कानूनी पहलू और संरक्षण की अनिवार्यता बिना केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और राज्य सरकार की अनुमति के वन भूमि का उपयोग, परिवर्तन या कोई निर्माण प्रतिबंधित है।
मप्र में अतिक्रमण की स्थिति (संक्षेप में)
स्थिति विवरण
कुल अतिक्रमण 5.46 लाख हेक्टेयर
कुल वन क्षेत्र में प्रतिशत 7.17%
सबसे ज्यादा अतिक्रमण - छिंदवाड़ा
सबसे कम - बालाघाट (28.88 हेक्टेयर)
कोई अतिक्रमण नहीं - शाजापुर
FAQ
मप्र में सबसे अधिक अतिक्रमण वाला जिला कौन सा है?
छिंदवाड़ा जिला मध्यप्रदेश में वन भूमि पर सबसे अधिक अतिक्रमण वाला जिला है, जहां पाढुर्ना क्षेत्र भी शामिल है।
क्या मप्र सरकार ने अतिक्रमण हटाने के लिए कोई प्रयास किए हैं?
हां, राज्य सरकार ने 2024 में 17,496 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है और अब मोबाइल एप से निगरानी शुरू की गई है।
क्या शाजापुर में भी अतिक्रमण है?
नहीं, शाजापुर मध्यप्रदेश का एकमात्र जिला है जहां अब तक वन भूमि पर कोई अतिक्रमण दर्ज नहीं हुआ है।