संजय गुप्ता, INDORE. बाबा रामदेव ( Baba Ramdev ) के लुभावने विज्ञापन जनता गुमराह कर रहे हैं। यह सख्त टिप्पणी किसी और की नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट की है। इस टिप्पणी के साथ ही बाबा रामदेव की कंपनी के विज्ञापनों पर रोक लगा दी गई है। अब जनता की बात क्या करें, यहां तो मप्र सरकार ही बाबा रामदेव के लुभावने वादे या यूं कहें विज्ञापन में उलझ गई है।
बाबा रामदेव ने प्रदेश सरकार के साथ यह किया खेल
बाबा रामदेव ( Baba Ramdev ) ने अक्टूबर 2016 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के दौरान मंच से 500 करोड़ के निवेश और पांच हजार को रोजगार देने का वादा किया। सरकार से कौड़ियों के भाव मात्र 25 लाख रुपए प्रति एकड़ के भाव में 40 एकड़ जमीन ले ली। यह जमीन केवल दस करोड़ में उन्हें पड़ी, जो अभी सौ करोड़ से अधिक की कीमत की है। इस जमीन पर सितंबर 2019 तक यानि तीन साल में प्लांट लगाकर उत्पादन शुरू करने की शर्त थी। लेकिन बाबा ( Baba Ramdev ) ने केवल बाउंड्रीवाल बनाकर जमीन सुरक्षित करने का काम किया और प्लांट के लिए एक ईंट भी नहीं लगाई। इसके बाद बाबा ने एक साल की छूट ली, फिर कोविड के नाम पर दो साल की छूट लेकर प्रोजेक्ट टालते रहे। लेकिन करीब आठ साल होने को आ गए हैं और बाबा रामदेव ने यहां कोई प्लांट शुरू नहीं किया।
दो बार इंदौर से गया जमीन वापस लेने का प्रस्ताव
इंदौर से एक नहीं दो बार एमपीआईडीसी से बाबा रामदेव के प्रोजेक्ट की फाइल भोपाल गई। क्योंकि जमीन आवंटन निरस्त करना भोपाल के ही जिम्मे है। लेकिन फाइल भोपाल जाती है, वहां से आचार्य बालकृष्ण सरकार से बात करके नया आश्वासन देते हैं और मामला फिर ठंडा पड़ जाता है।
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इन्फोसिस से तो वापस ले ली जमीन
मप्र सरकार का जमीन वापस लेने के मामले में दोहरा रवैया अपनाया हुआ है। इन्फोसिस को सुपर कॉरिडोर पर 130 एकड़ जमीन 13 हजार लोगों को रोजगार देने की शर्त पर मिली थी लेकिन जब वादा पूरा नहीं हुआ तो सरकार ने सितंबर 2023 में 50 एकड़ जमीन वापस लेने का फैसला कैबिनेट में ले लिया। लेकिन जब बात बाबा रामदेव की आती है तो फिर मप्र सरकार चुप्पी साध लेती है और फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
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बोले थे बाबा रामदेव इतनी जमीन में तो कबड्डी खेलते हैं
बाबा रामदेव को यह जमीन जब मिली तो उन्होंने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान 22 अक्टूबर 2016 में मंच से कहा कि इतनी जमीन मैं तो हम कबड्डी खेलते हैं, हमे बहुत कम जमीन मिली है। तब सरकार ने कहा था कि काम शुरू कीजिए, आपको और जमीन प्रोजेक्ट के हिसाब से देते जाएंगे। बाबा की मंशा तो सौ एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा करने की थी। लेकिन उस समय इतनी जमीन उपलब्ध नहीं होने से केवल 40 एकड़ जमीन दी गई। बाबा ने वादा किया कि यहां पर 500 करोड़ का निवेश करेंगे और किसानों से उनका अनाज लेकर यहीं पर आटा, नूडल्स, पास्ता आदि सामग्री बनेगी, यहां के किसान करोड़पति होंगे और पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। साफ है यह सभी बातें बाबा रामदेव के उत्पादों की तहत ही भ्रामक विज्ञापन ही साबित हुआ।