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बाघ के बाद तेंदुआ में भी एमपी आगे
NEW DELHI. बाघों की संख्या में पहले स्थान पर रहने के बाद, अब मध्यप्रदेश ( Madhya Pradesh ) ने तेंदुओं की संख्या में भी पहला स्थान मिला है। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ( Bhupendra Yadav ) ने को नई दिल्ली में भारत में तेंदुओं की स्थिति पर रिपोर्ट जारी किया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में तेंदुओं की आबादी 13,874 है, जो 2018 में 12852 हुआ करती थी, यानी 2018 से लेकर 2024 के बीच में करीब 1022 तेंदुओं का इजाफा हुआ है । रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में तेंदुओं की 3907 है, इसके बाद क्रमश दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र ( Maharashtra ) 1985, तीसरे नंबर पर कर्नाटक ( Karnataka ) 1,879 है।
तेंदुओं को लेकर क्या बोले केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि तेंदुए की स्थिति रिपोर्ट स्पष्ट रूप से संरक्षण प्रयासों को प्रदर्शित करती है। रिपोर्ट में वन विभाग के समर्पित प्रयासों की सराहना करते हुए संरक्षित क्षेत्रों से परे संरक्षण प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। प्रोजेक्ट टाइगर का समावेशी दृष्टिकोण पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्संबंध और विविध प्रजातियों के संरक्षण पर जोर देता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( Narendra Modi ) के मार्गदर्शन में, यह संरक्षण यात्रा एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य के लोकाचार का प्रतीक है। इस महत्वपूर्ण मिशन में योगदान देने वाले सभी व्यक्तियों को बधाई।
तेंदुओं की संख्या पर क्या बोले अश्विनी कुमार चौबे ?
वहीं केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ( Ashwini Kumar Choubey ) ने कहा तेंदुए की स्थिति रिपोर्ट मानव-तेंदुए के सह-अस्तित्व पर प्रकाश डालते हुए वसुधैव कुटुंबकम दर्शन का उदाहरण देती है। जैव विविधता में गिरावट के बीच वन्यजीवों के प्रति सामुदायिक सहिष्णुता एक वैश्विक मॉडल के रूप में कार्य करती है।
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टाइगर स्टेट भी कहा जाता है एमपी को ?
29 जुलाई, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर एमपी को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था। इस दौरान मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि देश में सर्वाधिक 785 बाघ मध्य प्रदेश में हैं, जिनकी वजह से प्रदेश को पुन: टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है।