मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में राज्य के विभिन्न महत्वपूर्ण मामलों पर सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन मामलों में होमगार्ड सैनिकों से लेकर पेंशनर्स और निजी स्कूलों के खिलाफ दायर याचिकाएं शामिल हैं। हाईकोर्ट की इंदौर और ग्वालियर बेंच में चल रहे मामलों को अब मुख्य पीठ जबलपुर में ट्रांसफर किया गया है। इन सभी मामलों की फाइनल सुनवाई जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगल पीठ में होगी।
होमगार्ड सैनिकों की याचिकाएं
मध्य प्रदेश के हजारों होमगार्ड सैनिकों की याचिकाओं पर हाईकोर्ट में एक साथ सुनवाई की जाएगी। इन याचिकाओं में 473 मामले शामिल हैं, जो कि राज्य के होमगार्ड सैनिकों से जुड़े हैं। यह मामले लंबे समय से कोर्ट में चल रहे थे, और अब इन सभी को एक साथ सुनने की तैयारी की गई है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद इन सैनिकों को क्या राहत मिलती है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
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पेंशनर्स की परेशानियां
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विभाजन के समय अविभाजित मध्य प्रदेश के पेंशनर्स को महंगाई राहत (DA) से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन पेंशनर्स के संगठन ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसे हाईकोर्ट में सुना जाएगा। इस मामले में पेंशनर्स के लिए एक न्यायपूर्ण फैसला अहम होगा, ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
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निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई पर सुनवाई
जबलपुर में निजी स्कूलों के खिलाफ की गई कार्यवाही पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई की जाएगी। कुल 27 स्कूलों ने इस पर याचिका दायर की है, जिन्हें अब चीफ जस्टिस की कोर्ट में सुना जाएगा। इन स्कूलों के खिलाफ की गई कार्रवाई की वैधता और न्यायिक पक्ष पर हाईकोर्ट का फैसला इस मामले के लिए निर्णायक साबित होगा।
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दहेज प्रताड़ना मामले में अंतिम सुनवाई
पन्ना जिले के एक फर्स्ट क्लास जुडिशल मजिस्ट्रेट के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला भी हाईकोर्ट में आ रहा है। यह मामला पन्ना के अजयगढ़ कोर्ट में पदस्थ जज और उनकी पत्नी के बीच है। पत्नी ने अपने पति के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया है, और इस मामले में अब अंतिम सुनवाई की प्रक्रिया शुरू होगी। इस मामले का फैसला समाज में दहेज प्रताड़ना को लेकर जागरूकता पैदा करने में मददगार हो सकता है।