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मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क से एक बहुत बड़ी और ऐतिहासिक खुशखबरी मिली है। पहली भारतीय मादा चीता मुखी ने 5 स्वस्थ शावकों को जन्म दिया है। 33 महीने की मुखी का मां बनना चीता प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
सीएम मोहन यादव ने यह खुशखबरी X पर शेयर करते हुए बधाई दी। उन्होंने बताया कि मां और सभी 5 शावक पूरी तरह से स्वस्थ और सुरक्षित हैं। यह भारत के चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट के लिए एक बहुत बड़ी सफलता और मील का पत्थर है।
A historic milestone has been achieved as Indian-born cheetah Mukhi has given birth to five cubs in Kuno National Park, Madhya Pradesh. The mother and cubs are doing well.
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 20, 2025
This is an unprecedented breakthrough for India’s cheetah reintroduction initiative. Mukhi, the first… pic.twitter.com/uSxZpVqnV4
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ऐसा पहली बार!
यह पहली बार है जब भारत की धरती पर जन्मी किसी मादा चीता ने यहां सफल ब्रीडिंग किया है। इससे यह साबित होता है कि चीते भारतीय पर्यावरण में तेजी से अनुकूल हो रहे हैं।
मुखी का स्वास्थ्य, उसका व्यवहार और लंबी अवधि के लिए संभावनाएं बहुत अच्छी नजर आ रही हैं। यह कदम आत्मनिर्भर और जेनेटिकली विविध चीता आबादी बनाने की दिशा में एक मजबूत उम्मीद जगाता है।
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प्रोजेक्ट चीता का भविष्य
मुखी, वास्तव में नामीबियाई मादा चीता ज्वाला (सियाया) की संतान है। ऐसे में अगर देखा जाए तो यह 'प्रोजेक्ट चीता' के लिए एक अभूतपूर्व पीढ़ीगत छलांग है।
पहली पीढ़ी: आयातित चीता, जैसे ज्वाला (मूल रूप से नामीबिया से)।
दूसरी पीढ़ी: मुखी, जो भारत की धरती पर जन्मी।
तीसरी पीढ़ी: मुखी द्वारा पैदा किए गए 5 नए शावक।
कूनो नेशनल पार्क (एमपी चीता स्टेट) के अधिकारियों ने बताया कि ये तीसरी पीढ़ी के शावक भारतीय माहौल के साथ अच्छी तरह तालमेल बिठाएंगे।
उनका यहां प्राकृतिक रूप से जन्म लेना चीता प्रोजेक्ट की बड़ी सफलता को दिखाता है। यह उपलब्धि भारत की वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में वैश्विक छवि को और मजबूत करेगी।
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चीतों की कुल संख्या 32 हो गई
मुखी (कूनो नेशनल पार्क चीता) के इन पांच शावकों (मादा चीता शावकों को जन्म) के जन्म के बाद अब भारत में चीतों की कुल संख्या 32 हो गई है। फिलहाल, 29 चीते कूनो नेशनल पार्क में और 3 गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में रखे गए हैं।
यह बढ़ी हुई संख्या चीता पुनर्वास परियोजना की सफलता और स्थिरता को साफ तौर पर दिखाती है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अहम उपलब्धि के लिए कूनो की टीम और वन विभाग को दिल से बधाई दी है।
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