सौर ऊर्जा में मप्र की नई क्रांति, बाबई-मोहासा बनेगा देश का सबसे बड़ा सोलर हब

मध्यप्रदेश का बाबई-मोहासा इंडस्ट्रियल पार्क अब देश का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनने जा रहा है। सरकार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024 में 50,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं,

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Sandeep Kumar
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मध्यप्रदेश का बाबई-मोहासा इंडस्ट्रियल पार्क (Babai-Mohasa Industrial Park) देश का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी हब (Solar Energy Hub) बनने की ओर अग्रसर है। सरकार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) में 50,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव (Investment Proposals) मिले हैं। सरकार की प्राथमिकता है कि इन निवेशों को जल्द जमीन पर उतारा जाए, जिसके लिए 1,000 एकड़ अतिरिक्त भूमि की तलाश की जा रही है। इस परियोजना से 50 हजार नौकरियां मिलने की संभावना है।

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 मध्यप्रदेश का बाबई-मोहासा इंडस्ट्रियल पार्क अब देश का सबसे बड़ा सोलर एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बनने जा रहा है। सरकार को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2024 में 50,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिससे यह क्षेत्र सौर ऊर्जा (Solar Energy) के साथ-साथ विंड और पावर सेक्टर (Wind and Power Sector) के लिए भी महत्वपूर्ण हब बनेगा।

सोलर और इंडस्ट्रियल हब का विस्तार

बाबई-मोहासा में सिर्फ सोलर पैनल (Solar Panels) नहीं बल्कि मशीनरी, केबल, बैटरी और अन्य सोलर उत्पाद भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा, तामोट प्लास्टिक पार्क (Tamot Plastic Park) में भी कई कंपनियों ने रुचि दिखाई है, जिससे यह क्षेत्र जल्द ही औद्योगिक गतिविधियों का केंद्र बन सकता है।

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भोपाल और अन्य औद्योगिक पार्कों में जमीन की स्थिति

भोपाल के आसपास कुल 13 इंडस्ट्रियल पार्क (Industrial Parks) हैं, लेकिन सिर्फ 4 में जमीन उपलब्ध है।

इंडस्ट्रियल पार्क बचे हुए प्लॉट्स उपलब्ध भूमि (वर्ग मीटर)
बड़ियाखेड़ी (Badiyakhedi) 7 56,012
जांबर बागरी (Vidisha) 5 29,400
पीलूखेड़ी (Rajgarh) 1 31,512
तामोट प्लास्टिक पार्क  125 2,85,000

इंदौर में 36 में से 11 पार्कों में जमीन खाली है, जबकि ग्वालियर में 7 में से 2 और उज्जैन में 12 में से 5 पार्कों में जमीन उपलब्ध है।

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ड़े निवेश और औद्योगिक विस्तार

नर्मदापुरम, सीहोर, रायसेन और विदिशा जिलों में 20,000 एकड़ औद्योगिक भूमि बैंक विकसित किया जाएगा।
  भोपाल को अक्षय ऊर्जा, फार्मा, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का हब बनाया जाएगा।
  भोपाल-कानपुर और भोपाल-सिंगरौली औद्योगिक कॉरिडोर से शहर को जोड़ा जाएगा।

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FAQ

बाबई-मोहासा को सोलर हब क्यों बनाया जा रहा है?
सरकार ने सौर ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता दी है। यह क्षेत्र सोलर पैनल, बैटरी और पावर सेक्टर की मशीनरी के निर्माण के लिए आदर्श है।
इस परियोजना में कितना निवेश आएगा और क्या फायदे होंगे?
अब तक 25,000 करोड़ का निवेश स्वीकृत हो चुका है और 50,000 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इससे 50,000 नई नौकरियां मिलने की संभावना है।
कौन-कौन से सेक्टर इस औद्योगिक पार्क में शामिल होंगे?
सोलर एनर्जी (Solar Energy) विंड पावर (Wind Power) इलेक्ट्रिकल मशीनरी (Electrical Machinery) केबल और बैटरी निर्माण (Cables & Battery Manufacturing)
भोपाल के अन्य औद्योगिक क्षेत्रों की स्थिति क्या है?
भोपाल में 13 इंडस्ट्रियल पार्क हैं, लेकिन सिर्फ 4 में ही जमीन बची है। इसीलिए सरकार 20,000 एकड़ नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना बना रही है।
भोपाल की इंडस्ट्री का एक्सटेंशन इंदौर और अन्य शहरों में क्यों हो रहा है?
भोपाल में जमीन की कमी के कारण बड़े उद्योग इंदौर, देवास, धार, उज्जैन और पन्ना में शिफ्ट हो रहे हैं।

 

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