मध्य प्रदेश में कैंसर और हृदय संबंधी बीमारियों के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में कार्डियोलॉजी और कैंसर रोग विभाग शुरू करने की घोषणा की है। इस निर्णय का उद्देश्य प्रदेश के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह निर्णय प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की ओर एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।
कार्डियोलॉजी और कैंसर रोग विभाग का महत्व
मध्य प्रदेश में हृदय और कैंसर के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। ऐसे में यह विभाग उन लोगों के लिए एक वरदान साबित हो सकते हैं जो उच्च गुणवत्ता वाले इलाज के लिए अन्य राज्यों में जाने पर मजबूर होते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है, जिससे इन बीमारियों के इलाज में तेजी आएगी और मरीजों को बेहतर इलाज मिलेगा।
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कार्डियोलॉजी विभाग
राज्य में हृदय रोगों का इलाज करना बेहद जरूरी हो गया है। कार्डियोलॉजी विभाग में एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, हार्ट सर्जरी और वाल्व बदलने की जैसी आधुनिक उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही, हार्ट के मरीजों को समय पर इलाज मिलने में मदद मिलेगी।
कैंसर रोग विभाग
कैंसर की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में कैंसर के इलाज के लिए रेडियोथेरेपी मशीनें और ऑपरेशन थिएटर की व्यवस्था की जाएगी। इस कदम से कैंसर के मरीजों को उचित इलाज मिल सकेगा और उन्हें दूसरे राज्यों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
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सुविधाओं में सुधार और विस्तार
राज्य के कुछ कॉलेजों में पहले से ही कार्डियोलॉजी और कैंसर विभाग मौजूद हैं, लेकिन इन विभागों में कई अत्याधुनिक सुविधाओं की कमी है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस दिशा में कदम उठाते हुए कहा कि इन विभागों को 'सीएम केयर' के तहत बेहतर किया जाएगा।
सरकार के इस पहल से प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधाएं सिर्फ भोपाल और रीवा में ही उपलब्ध थीं, लेकिन अब इसे और कॉलेजों में भी विस्तारित किया जाएगा। इस तरह से, राज्य भर के मरीजों को त्वरित और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध होंगी।
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सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि कुछ कॉलेजों में बड़ी सुविधाओं को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से शुरू किया जा सकता है। यह मॉडल उन कॉलेजों के लिए उपयुक्त होगा, जहां मरीजों की संख्या कम है और सरकार के लिए सीधे तौर पर निवेश करना मुश्किल हो सकता है। इसके जरिए उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी, जबकि सरकारी और निजी क्षेत्र का सहयोग बढ़ेगा।
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इलाज में तकनीकी सहायता
इसके अलावा, प्रदेश के कुछ कॉलेजों में एमआरआई और PET स्कैन जैसी अत्याधुनिक जांच सुविधाओं को भी स्थापित किया जाएगा। यह कदम कैंसर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज को और भी बेहतर बनाएगा।
वर्तमान स्थिति और सरकार का कदम
कैंसर और हृदय रोग के इलाज में पहले राज्य के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कई कठिनाइयाँ थीं। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी थी, जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता था। अब सरकार ने इस स्थिति में सुधार लाने के लिए बड़ा कदम उठाया है, और कई मेडिकल कॉलेजों में इन विभागों को नई सुविधाओं के साथ स्थापित करने की योजना बनाई है।
मध्यप्रदेश | एमपी हिंदी न्यूज