जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक मोर्चा खोल दिया है। आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष पर्यटकों की बर्बर हत्या के बाद पूरे देश में रोष और पीड़ा का माहौल है। इस त्रासदी के जवाब में भारत सरकार ने जो नीति अपनाई है, उसने न केवल पाकिस्तान को चौकन्ना कर दिया है, बल्कि अब उसकी नींदें भी हराम हो चुकी हैं। मध्य प्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भारत के जवाबी रुख का समर्थन करते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी कि "अब पाकिस्तान को दिन में तारे दिखेंगे।"
आतंकी हमले पर केंद्र सरकार का सख्त जवाब
बीते मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम क्षेत्र में जो कुछ हुआ, वह मानवता के नाम पर कलंक है। आतंकियों ने एक पर्यटक बस को निशाना बनाते हुए अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में 26 निर्दोष सैलानियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। लोगों की आँखों में गुस्सा है, और दिल में सवाल – "कब तक बर्दाश्त करेंगे?" इस सवाल का जवाब अब भारत की नीति में दिखाई दे रहा है, जो अब "सहन नहीं, समाधान" के मार्ग पर है।
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प्रधानमंत्री का रुख साफ, अब आर-पार की नीति
केंद्रीय नेतृत्व ने इस हमले के बाद जो कदम उठाए हैं, वह 'डिप्लोमेसी' की जगह 'डिसाइसिव एक्शन' की नीति का संकेत देते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाते हुए सिंधु जल संधि जैसे ऐतिहासिक समझौतों की पुनः समीक्षा शुरू कर दी है। जबलपुर दौरे पर आए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट कहा – "यह निर्णायक मोड़ है। अब सिर्फ शब्द नहीं, सख्त कदम उठाए जाएंगे। जनता का भी यही जनादेश है कि पाकिस्तान के खिलाफ अब 'नो मर्सी' की नीति अपनाई जाए।"
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सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार- पाकिस्तान की सांसें अटकीं
भारत और पाकिस्तान के बीच वर्ष 1960 में हुई सिंधु जल संधि को अब भारत दोबारा से देख रहा है। इस समझौते के तहत भारत को पूर्वी नदियों (सतलुज, रावी और व्यास) का और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चिनाब) का जल उपयोग करने की अनुमति मिली थी। यदि भारत इस समझौते को निलंबित करता है या समाप्त करता है, तो पाकिस्तान की पहले से ही लड़खड़ाती कृषि व्यवस्था को गहरा झटका लगेगा। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा "अगर भारत ने पानी रोका, तो पाकिस्तान की धरती सूख जाएगी, अर्थव्यवस्था डांवाडोल हो जाएगी और जीडीपी लगभग शून्य पर पहुंच जाएगी और वहां के लोग सच में दिन में तारे देखने को मजबूर होंगे।"
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अब मिलेगा पाकिस्तान को करारा जवाब
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अब वक्त आ गया है जब भारत आतंकवाद की भाषा को उसकी ही शैली में जवाब देगा। उन्होंने कहा "पाकिस्तान को लगता है कि वह छद्म युद्ध के जरिए भारत को झुका सकता है, लेकिन अब केंद्र सरकार का स्पष्ट संदेश है – भारत झुकेगा नहीं, तोड़ेगा।" उन्होंने जनता की भावना को दोहराते हुए कहा कि देशवासी अब सिर्फ मोमबत्ती मार्च नहीं, जवाबी कार्रवाई देखना चाहते हैं।
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आतंकियों की पहचान में तेजी, सख्त ऑपरेशन शुरू
हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीदों के आधार पर तीन आतंकियों के स्केच और फिर तस्वीरें भी जारी कर दिए हैं। एनआईए, सीआरपीएफ, और स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह स्वयं श्रीनगर पहुंचे हैं और वहां एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की है। उन्होंने स्पष्ट किया "जो भी इस हमले में शामिल हैं, उन्हें मिट्टी में मिला दिया जाएगा।"
सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान की छटपटाहट शुरू
सिंधु जल संधि पर भारत की सख्ती से पाकिस्तान के राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है। कृषि-प्रधान पाकिस्तान के लिए यह संधि जीवनरेखा है। इस पर रोक लगते ही वहां की अर्थव्यवस्था, फसल उत्पादन, और ग्रामीण जीवन त्राहि-त्राहि कर उठेगा। भारत का यह रुख सिर्फ कूटनीतिक नहीं, रणनीतिक भी है जिससे पाकिस्तान की कमर तोड़ने की तैयारी है, वो भी बिना युद्ध लड़े।
जनता का भी रुख- "अब नर्म नहीं, निर्णायक बनो"
देशभर में सोशल मीडिया से लेकर चाय की दुकानों तक, हर जगह एक ही बात गूंज रही है – "अब बर्दाश्त नहीं।" मंत्री विजयवर्गीय की बात, "दिन में तारे दिखेंगे", आम नागरिक की आवाज बन चुकी है। यह सिर्फ एक बयान नहीं, उस पीड़ा और आक्रोश का प्रतिबिंब है जो हर भारतीय के मन में उस दिन के बाद से उफन रहा है।
पहलगाम में आतंकी हमला | मध्यप्रदेश | एमपी हिंदी न्यूज