मध्य प्रदेश नर्सिंग कॉलेज घोटाला ( mp nursing scam update ) में अब मामले से जुड़े अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ प्रदेश सरकार कार्रवाई करेगी। बीते दिनों सीबीआई ने एमपी नर्सिंग घोटाले में अफसरों द्वारा रिश्वत लेकर कॉलेजों को क्लीन चिट देने का खुलासा किया था। रिश्वत लेने वाले अफसरों की गिरफ्तारी भी हुई थी। अब प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि इस रिश्वतखोरी में शामिल सभी अफसरों और नर्सिंग कॉलेजों के डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
169 कॉलेजों की दोबारा जांच के हाईकोर्ट ने दिए थे आदेश
इससे पहले MP नर्सिंग घोटाला में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 169 कॉलेजों की दोबारा जांच के आदेश दिए थे। यह वे कॉलेज थे जिन्हें सीबीआई ने अपनी जांच रिपोर्ट में सूटेबल बताया था। रिश्वतखोरी का मामला सामने आने पर इन कॉलेजों की दोबारा जांच के निर्देश दिए गए हैं। इस बार जांच की वीडियोग्राफी करने के निर्देश भी दिए गए हैं। दरअसल सीबीआई की सूटेबल कॉलेजों की सूची में उन कॉलेजों के भी नाम आए थे जहां रिश्वतखोरी का खुलासा हुआ है।
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डिप्लोमा कोर्स वाले कॉलेजों की भी जांच
सीबीआई की टीम मध्य प्रदेश के 470 नर्सिंग कॉलेजों की जांच करेगी जहां डिप्लोमा कोर्स होते हैं। इसके लिए 7 अलग-अलग टीमें बनाई गई है। मध्य प्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने सीबीआई को डिप्लोमा कोर्स करवाने वाले 470 कॉलेजों की लिस्ट सौंपी है। यह टीमें जल्द ही कॉलेजों की जांच करेगी।
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रिश्वत लेने वाले 9 आरोपी जेल में
मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला केस में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में रेड मारकर रिश्वत लेने वाले अफसरों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों की कोर्ट में पेशी के बाद उन्हें अभी जेल भेज दिया गया है। सीबीआई इंस्पेक्टर सुशील कुमार मजोका, अनिल भास्करन, तनवीर खान, राधारमण शर्मा, सचिन जैन, वेद प्रकाश शर्मा, प्रीति तिलकवार, सुमा अनिल भास्करन, जल्पना अधिकारी को जेल भेज दिया गया है। आरोपी ओम गोस्वामी, रवि भदौरिया और जुगल किशोर शर्मा अभी भी रिमांड पर है।
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